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फिनटेक स्टार्टअप ZestMoney को KreditPE ने दिया अधिग्रहण का प्रस्ताव

यह ख़बर ऐसे समय में आई है जब BNPL प्लेटफॉर्म ZestMoney दिसंबर के अंत तक अपना परिचालन बंद कर रहा है. इससे कंपनी में वर्तमान में काम कर रहे लगभग 150 कर्मचारियों की नौकरी भी चली जाएगी.

फिनटेक स्टार्टअप ZestMoney को KreditPE ने दिया अधिग्रहण का प्रस्ताव

Thursday December 21, 2023 , 2 min Read

फिनटेक स्टार्टअप ZestMoney को माइक्रो-लेंडिंग स्टार्टअप KreditPE के फाउंडर अश्विन भांबरी (Ashwin Bhambri) ने ओपन लेटर के जरिए अधिग्रहण प्रस्ताव की पेशकश की है.

अश्विन भांबरी ने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा कि फाउंडर ने जो बनाया है और कंपनी ने जो छाप छोड़ी है, उसके प्रति उनके मन में अत्यंत सम्मान है, जबकि उन्होंने कहा कि BNPL (Buy Now Pay Later) प्लेटफॉर्म को 'बंद करना अच्छा' है.

उन्होंने कहा कि KrediPE द्वारा ZestMoney का अधिग्रहण कर एक ऐसा प्रोडक्ट तैयार किया जा सकता है जो PhonePe से कहीं ज्यादा सफल होगा.

उन्होंने आगे कहा कि वह ZestMoney को KrediPE के साथ विलय करके चलाना चाहेंगे और यह इनोवेशन और मितव्ययिता पर ध्यान केंद्रित करेंगे.

लिंक्डइन पोस्ट के अनुसार, KrediPE द्वारा ZestMoney के बीच गठजोड़ या विलय से पोस्टपेड यूपीआई वॉलेट सेवा का निर्माण होगा, जो एक महत्वाकांक्षी भारतीय उपयोगकर्ता के लिए अधिक उपयोगी हो सकता है.

उन्होंने आगे लिखा, “हमारी रणनीति KrediPE पर जांचे गए उपयोगकर्ताओं को कंज्यूमर-ड्यूरेबल फाइनेंस उपलब्ध कराने की है और जबकि BNPL सेवा धीमी और स्थिर है. यह क्रेडिट वितरित करने और एकत्र करने का एकमात्र निश्चित तरीका है. ब्याज मुक्त EMI और BNPL प्राइम ग्राहकों के लिए है जो हमेशा बैंकों को प्राथमिकता देंगे. ब्याज का भुगतान करने के इच्छुक उपयोगकर्ताओं के लिए उपभोक्ता ऋण देने के लिए एक बड़ा बाजार है."

यह ख़बर ऐसे समय में आई है जब BNPL प्लेटफॉर्म ZestMoney दिसंबर के अंत तक अपना परिचालन बंद कर रहा है. इससे कंपनी में वर्तमान में काम कर रहे लगभग 150 कर्मचारियों की नौकरी भी चली जाएगी.

मई में, कंपनी के तीन को-फाउंडर — लिजी चैपमैन, प्रिया शर्मा और आशीष अनंतरामन ने इस्तीफा दे दिया क्योंकि कंपनी डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म फोनपे के साथ एक नया फंडिंग राउंड शुरू करने और अधिग्रहण सौदा करने में विफल रही.

इस बीच, Prosus ने ZestMoney में अपना 38 मिलियन डॉलर का निवेश बट्टे खाते में डाल दिया. निवेशक के पास बेंगलुरु स्थित कंपनी में 19.4% की बड़ी हिस्सेदारी थी.