जब PayU मेट BillDesk: 36,600 करोड़ रुपये की डील को CCI से मिली मंजूरी
हालांकि, इस डील को अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अंतिम नियामकीय मंजूरी का इंतजार है. 2018 में वॉलमार्ट द्वारा ई-कॉमर्स प्रमुख फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण के बाद भारतीय इंटरनेट सर्विस सेक्टर में दूसरी सबसे बड़ी डील है.
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission Of India - CCI) ने ऑनलाइन पेमेंट कंपनी ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है. PayU करीब 4.7 अरब डॉलर (36,600 करोड़ रुपये) में बिलडेस्क को खरीदने जा रहा है.
द्वारा पेमेंट गेटवे फर्म को खरीदने की मंजूरी दे दी है. CCI ने खुदCCI ने ट्वीट किया कि कमीशन ने PayU द्वारा IndiaIdeas.Com (IIL) यानि BillDesk में 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने को मंजूरी दे दी है. Naspers ने पिछले साल अगस्त 2021 में ये ऐलान किया था कि वो अपनी फिनटेक सब्सिडियरी कंपनी PayU के साथ मिलकर BillDesk को खरीदेगी. अब एक साल बाद इस डील को CCI से मंजूरी मिल चुकी है. इसके बाद भारत में कंपनी का कुल निवेश 10 अरब डॉलर हो गया.
PayU India के शेयर परोक्ष रूप से Prosus N.V. (“Prosus”) के पास हैं. Prosus एक ग्लोबल कंज्यूमर इंटरनेट ग्रुप है. और पूरी दुनिया के अग्रणी टेक्नोलॉजी निवेशकों में से एक है. प्रोसस, Euronext Amsterdam (AEX:PRX) पर प्राथमिक रूप से सूचीबद्ध है. Naspers Limited के पास प्रोसस में 73.6 प्रतिशत वोटिंग अधिकार हैं. नैस्पर्स Johannesburg Stock Exchange (XJSE:PRX) में सूचीबद्ध है.
IIL एक गैर-सूचीबद्ध पब्लिक लिमिटेड कंपनी है. यह भारत में अपने व्यापार/व्यवसाय/ब्रांड नाम के रूप में "बिलडेस्क" नाम का उपयोग करता है. IIL मुख्य रूप से पेमेंट्स इंटीग्रेशन सर्विस देता है, जो व्यापारियों (और अन्य संस्थाओं) को विभिन्न डिजिटल भुगतान विधियों के जरिये अपने ग्राहकों से भुगतान प्राप्त करने में सक्षम बनाता है.
BillDesk ऑटो पेमेंट सेंटलमेंट के लिए ऑनलाइन पेमेंट गेटवे सर्विसेज देता है. एक पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर बिलडेस्क 170 से अधिक पेमेंट तरीके ऑफर करती है.
2000 में एमएन श्रीनिवासु, अजय कौशल और कार्तिक गणपा-ते द्वारा स्थापित बिलडेस्क भुगतान करने, भुगतान स्वीकार करने और उसके कलेक्शन पर केंद्रित है. यह भारत बिल भुगतान प्रणाली (BBPS) के माध्यम से बिलर नेटवर्क की सेवाएं देता है.
कंपनी मासिक किस्त जैसे रिकरिंग पेमेंट के कलेक्शन भी ऑफर करती है. PayU ने करीब एक साल पहले 31 अगस्त 2021 को बिलडेस्क का 4.7 अरब डॉलर में अधिग्रहण का ऐलान किया था. तब से इस डील को नियामकीय मंजूरी मिलने का इंतजार है. इस डील के पूरा होने के साथ ही यह PayU का भारत में चौथा अधिग्रहण होगा. इससे पहले कंपनी साल 2016 में सिट्रस पे (Citrus Pay), 2019 में Wibmo और 2020 में PaySense का अधिग्रहण कर चुकी है और यह भारत में एक पूरा फिनेटक ईकोसिस्टम खड़ा करने की कोशिश कर रही है.
हालांकि, इस डील को अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अंतिम नियामकीय मंजूरी का इंतजार है. 2018 में वॉलमार्ट द्वारा ई-कॉमर्स प्रमुख फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण के बाद भारतीय इंटरनेट सर्विस सेक्टर में दूसरी सबसे बड़ी डील है.