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हैदराबाद के बुजुर्गों और दिव्यांगों की भूख मिटा रही पांच मोबाइल अन्नपूर्णा कैंटीन

हैदराबाद के बुजुर्गों और दिव्यांगों की भूख मिटा रही पांच मोबाइल अन्नपूर्णा कैंटीन

Wednesday March 04, 2020 , 3 min Read

वॉशिंगटन के प्रवासी सिख सन्नी कक्कड़ के 'सेवा ट्रक' की तर्ज पर हैदराबाद में बुजुर्गों, दिव्यांगों के लिए पांच रुपए में मोबाइल अन्नपूर्णा कैंटीन से भोजन कराने की शुरुआत की गई है। वर्ष 2014 में जीएचएमसी परिधि में शुरू हुई पांच रुपए में भोजन की योजना से आज चार करोड़ लोगों के लाभान्वित होने का दावा किया जा रहा है।


हैदराबाद में मोबाइल कैंटीन

हैदराबाद में मोबाइल कैंटीन (फोटो क्रेडिट: सोशल मीडिया)



वॉशिंगटन में प्रवासी सिख सन्नी कक्कड़ 'सेवा ट्रक' का संचालन करते हुए जरूरतमंद स्कूलों और सामाजिक कार्य संगठनों सहित स्थानीय समुदायों को मुफ्त भोजन कराते हैं। उनकी पहल विशेष रूप से बच्चों की मदद करती है।


अपनी शुरुआत के बाद तीन वर्षों से यह खटारा ट्रक नियमित 20 हजार से ज्यादा लोगों का पेट भर रहा है। इसी तर्ज पर हैदराबाद (तेलंगाना) में बुजुर्गों, दिव्यांगों के लिए पांच रुपये में मोबाइल अन्नपूर्णा कैंटीन से भोजन कराने की शुरुआत की गई है। यह सुविधा ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (जीएचएमसी) ने शुरू की है। इसका मकसद बुजुर्गों और दिव्यांगों को उनके स्थान तक गर्म खाना पहुंचाना है।


हरेकृष्णा मूवमेंट चैरिटेबल फाउंडेशन के सहयोग से शुरू अन्नपूर्णा मोबाइल कैंटीन के रूप में 5 वाहन शहरभर में लोगों की भूख मिटाने का काम कर रहे हैं। मोबाइल कैंटीन में खाना हॉट केस में रखा जाता है। शुरुआत में वाहन से 50 लोगों तक गर्म खाना पहुंचाया जा रहा है। बाद में इसे बढ़ाकर 1200 तक कर दिया जाएगा। छह साल पहले शुरू हुई अन्नपूर्णा कैंटीन के वर्तमान में 150 सेंटर हैं, जो रोजाना 35 हजार लोगों को खाना उपलब्ध कराते हैं।



राज्य में जीएचएमसी द्वारा पांच रुपये में गरीबों को जरूरतमंदों को गरमा-गरम भोजन कराया जाता है। इस योजन का लाभ तो लोग उठा ही रहे हैं, अब इस योजना में एक और महत्वपूर्ण पहलू जुड़ गया है, अन्नपूर्णा योजना के प्रदाता दिव्यांगों तक टिफिन बॉक्स में गर्म खाना पहुंचाना। यह देश में अपनी तरह की पहली योजना है, जहां हॉटकेस बॉक्स में 5 रुपये में दिव्यांगों और जरूरतमंद बुजुर्गों तक वही खाना पहुंच रहा है।




नमूना परियोजना के रूप में खैरताबाद में इस योजना का उद्घाटन करते हुए राज्य के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने कहा कि कभी मुफ्त में खाना खिलाने को वे अनुचित समझते थे, लेकिन एक दिन उन्हें अपना विचार बदलना पड़ा और उसी बदले हुए विचार के कारण उन्होंने 2014 में जीएचएमसी परिधि में तत्कालीन महापौर के साथ मिलकर पांच रुपये में भोजन की योजना बनाई और आज उससे लाभान्वित होने वालों की संख्या 4 करोड़ तक पहुंच गई है। इस भोजन के लिए न आधारकार्ड की जरूरत है और न किसी और पहचान-पत्र की।


अन्नपूर्णा योजना के छह वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पिछले दिनो अमारपेट में एक कार्यक्रम आयोजन किया गया, जहां नयी मोबाइल योजना नमूने के तौर पर शुरू हो गई।


सोमेश कुमार कहते हैं कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने इस योजना से प्रभावित होकर इसे 150 केंद्रों में विस्तार करने के आदेश दिये और यह योजना नोटबंदी के जमाने में भी काफी लाभदायक सिद्ध हुई। आज इससे मजदूर, विद्यार्थी, गरीब सभी लोग लाभान्वित हो रहे हैं।


हरेकृष्णा मूवमेंट चैरिटेबल ट्रस्ट के सत्या गौरा चंद्रदास कहते हैं कि 8 केंद्रों से इसकी शुरुआत हुई थी और आज यह 150 केंद्रों तक फैली हुई है। पूरे भारत में इसे आदर्श योजना के रूप में माना गया है। ओडिशा, राजस्थान और महाराष्ट्र में भी इसे अमल में लाया जा रहा है। राज्य की 16 नगर पालिकाओं में भी इस पर अमल हो रहा है।