राजस्थान सरकार का किसानों के हित में बड़ा फैसला
December 27, 2019, Updated on : Fri Dec 27 2019 13:31:30 GMT+0000

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राजस्थान में सहकारी भूमि विकास बैंकों से दीर्घकालीन कृषि ऋण लेने वाले काश्तकारों को पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान मिलेगा।
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने गुरूवार को बताया कि राज्य सरकार ने किसानों के हित में फैसला करते हुए ब्याज अनुदान की यह योजना लागू की है। इसके तहत समय पर कर्ज चुकाने वाले काश्तकारों को 7.10 प्रतिशत ब्याज दर से ऋण मिल पाएगा। यह योजना 31 मार्च, 2020 तक लागू रहेगी।

31 मार्च तक मिलेगा लाभ
आंजना ने बताया कि
‘‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 17 दिसम्बर को जयपुर में किसान सम्मेलन में दीर्घकालीन कृषि ऋणों पर पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान की घोषणा की थी। घोषणा पर अमल करते हुए इसे एक अप्रैल 2019 से लागू किया गया है। एक अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 तक की अवधि में ऋण लेने वाले सभी किसानों को योजना का लाभ मिलेगा।’’
सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने बताया कि दीर्घ कालीन कृषि ऋण 12.10 प्रतिशत की ब्याज दर पर देय होता है तथा समय पर ऋण चुकता करने वाले कृषकों को पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान देकर उन्हें राहत प्रदान की गई है। गंगवार ने बताया कि यह योजना सहकारी भूमि विकास बैंकों से दीर्घ कालीन अवधि के लिए लेने वाले ऋणों पर लागू होगी।
उन्होंने बताया कि यह ब्याज दर किसी भी वाणिज्यिक बैंक द्वारा ली जाने वाली ब्याज दर से सबसे कम है।
रजिस्ट्रार,सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि किसानों को कृषि कार्यों के लिए ऋण की सर्वाधिक आवश्यकता होती है, लेकिन ब्याज दर सर्वाधिक होने के कारण किसान को ब्याज चुकाने में परेशानी का सामना करना पड़ता था और कृषि कार्यों में रूकावट भी पैदा होती थी।
इन कार्यों के लिए ऋण लेने पर मिलेगा ब्याज अनुदान
सहकारिता रजिस्ट्रार डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि किसान लघु सिंचाई के कार्य जैसे नवकूप/नलकूप, कूप गहरा करने, पम्पसैट, फव्वारा/ड्रिप सिंचाई, विद्युतीकरण, नाली निर्माण, डिग्गी/हौज निर्माण तथा कृषि यंत्रीकरण के कार्य जैसे ट्रेक्टर, कृषि यंत्रादि, थे्रसर, कम्बाईन हार्वेस्टर आदि को क्रय करने के लिए दीर्घ कालीन अवधि के लिए ऋण ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि डेयरी, भूमि सुधार, भूमि समतलीकरण, कृषि भूमि क्रय, अनाज/प्याज गोदाम निर्माण, ग्रीन हाउस, कृषि कार्य हेतु सोलर प्लांट, कृषि योग्य भूमि की तारबंदी/बाउण्ड्रीवाल, पशुपालन, वर्मी कम्पोस्ट, भेड़/बकरी/सुअर/मुर्गी पालन, उद्यानीकरण, ऊंट/बैल गाड़ी क्रय जैसी कृषि संबद्ध गतिविधियों हेतु लिए गए दीर्घ कालीन ऋण भी इस योजना में कवर होंगे।
(Edited by रविकांत पारीक )
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