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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन, देश ने खोया एक महान अर्थशास्त्री और नेता

केंद्र सरकार ने डॉ. सिंह के सम्मान में सात दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. इस दौरान देशभर में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ 28 दिसंबर को दिल्ली में किया जाएगा.

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Ex-PM Manmohan Singh) का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमारियों से जूझ रहे थे और दिल्ली स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है.

डॉ. मनमोहन सिंह, जो 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे, को उनके विनम्र और सरल व्यक्तित्व के साथ-साथ भारत के आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में जाना जाता है. 1991 में जब देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तब वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने उदारीकरण और आर्थिक सुधारों की नींव रखी. उनके प्रयासों ने भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया.

केंद्र सरकार ने डॉ. सिंह के सम्मान में सात दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. इस दौरान देशभर में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ 28 दिसंबर को दिल्ली में किया जाएगा.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, “डॉ. सिंह का जीवन और उनकी सेवा देश के लिए प्रेरणा हैं.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके योगदान को याद करते हुए कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्होंने देश को न केवल एक कुशल अर्थशास्त्री के रूप में मार्गदर्शन दिया, बल्कि अपने नेतृत्व में स्थिरता और विकास सुनिश्चित किया.”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने डॉ. सिंह को “विनम्रता और ज्ञान का प्रतीक” बताते हुए कहा कि उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा.

डॉ. सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के गाह (अब पाकिस्तान में) में हुआ था. उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की और अपने जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया. वे 1982-1985 तक आरबीआई गवर्नर रहे. आगे चलकर वे 1991-1996 तक वित्त मंत्री रहे. उसके बाद 2004-2014 तक वे देश के प्रधानमंत्री रहे.

उनके कार्यकाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा), सूचना का अधिकार (आरटीआई), और परमाणु समझौता जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए गए.

डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान सिर्फ भारत की आर्थिक समृद्धि तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने राजनीति में नैतिकता और ईमानदारी की मिसाल पेश की. उनकी सादगी और शांत स्वभाव ने उन्हें एक आदर्श नेता बनाया.

उनके निधन से देश ने एक महान अर्थशास्त्री, कुशल प्रशासक और निस्वार्थ सेवक को खो दिया है. भारतीय राजनीति और समाज में उनका स्थान हमेशा विशेष रहेगा. डॉ. मनमोहन सिंह की यादें और उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे.

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