कमर्शियल प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी पाने के लिए PropsAMC के पास 3 महीने में 100 करोड़ से ज्यादा का फंड जमा
Square Yards ने हैदराबाद में ग्रेड A कमर्शियल प्रोजेक्ट के साथ फ्रैक्शनल प्रोडक्ट कैटेगरी में कदम रखा है. इस प्रोजेक्ट में करीबन 250 निवेशकों ने एक लाख स्क्वैयर फीट से ज्यादा के लिए औसतन 40 लाख रुपये लगाए हैं.
की असेट मैनेजमेंट सर्विसेज और डेटा इंटेलिजेंस यूनिट PropsAMC ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का AUM जुटा लिया है. कंपनी के पास रेकॉर्ड तीन महीने में इतना एयूएम आया है, जिसे हैदराबाद में ग्रेड A कमर्शियल प्रोजेक्ट के लिए जुटाया गया है.
Square Yards ने इस प्रोजेक्ट के साथ फ्रैक्शनल प्रोडक्ट कैटेगरी में कदम रखा है. इस प्रोजेक्ट में करीबन 250 निवेशकों ने एक लाख स्क्वैयर फीट से ज्यादा के लिए औसतन 40 लाख रुपये लगाए हैं. फ्रैक्शनल ओनरशिप इनवेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट बड़ी कमर्शियल प्रॉपर्टी में कम रकम निवेश करने वाले इनवेस्टर्स को भी ऐसे असेट का मालिक बनने का मौका देता है.
निवेशक जितना पैसा लगाते हैं उसके अनुपात में उन्हें प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी मिलती है. इस तरह कमर्शियल प्रोजेक्ट से आगे जो भी कमाई होगी उसी के अनुपात में उन्हें भी फायदा मिलता है.
Square Yards के फाउंडर और सीईओ तनुज शौरी ने कहा, 'हमने पिछले साल के आखिर में अपने फ्रैक्शनल इनवेस्टमेंट प्लैटफॉर्म को लॉन्च किया था. शुरू होने से लेकर इन तीन महीनों में हमें जबरदस्त रेस्पॉन्स मिला है. अभी तक निवेशकों ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है, जिसकी बदौलत हमारा एयूएम यहां तक पहुंच गया है.
इस स्तर का निवेश हमारे प्लैटफॉर्म पर मिलने से क्लाइंट और डिवेलपर्स दोनों के बीच हम खुद को एक भरोसेमंद प्लेयर की तरह स्थापित कर सकेंगे.
हमारा मुख्य मकसद प्रॉपर्टी की वैल्यू बढ़ने या उससे होने वाली रेंटल कमाई के जरिए निवेशकों को आकर्षक रिटर्न दिलाने में मदद करना है. हम अलगे 6 महीने में टियर-1 शहरों से 1000 करोड़ रुपये तक का एयूएम हासिल करने का टारगेट लेकर चल रहे हैं.
प्रॉपर्टी के लिहाज से उन प्रोजेक्ट्स में हमारा फोकस होगा जहां एक सीमित अवधि पर अच्छी कमाई और एक्जिट रिटर्न मिलने की संभावना हो.'
उन्होंने बताया कि हैदराबाद प्रॉपर्टी निवेशकों को 8 फीसदी का ग्रॉस रिटर्न देगी और फीस हटाकर और टैक्स से पहले करीबन 14-15 फीसदी का XIRR ऑफर कर सकती है. हाल के समय में कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर का बड़ी तेजी से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन हो रहा है.
फ्रैक्शनल ओनरशिप के जरिए कमर्शियल असेट्स में निवेश को लोग एक स्थिर कमाई के जरिये की तरह देख रहे हैं. इस विकल्प ने मिडल-क्लास निवेशकों को भी बड़े प्रोजेक्ट्स में निवेश करने का रास्ता दिया है जो अमूमन अभी तक HNI तक ही सीमित था.
Square Yards में Asset Management Services and Data Intelligence के सीबीओ आनंद मूर्ति ने कहा, इंडिया में फ्रैक्शनल ओनरशिप मार्केट अभी बेहद शुरुआती दौर में है.
इस फील्ड में अभी तक करीबन 4-5 प्लेयर्स ही हैं, जिनके पास कुल 1200 करोड़ रुपये तक का एयूएम है. इनमें ज्यादातर प्लेयर कमर्शियल यील्ड वाले असेट्स में ही निवेश कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि आने वाले तीन सालों में यह मार्केट 10 गुना रफ्तार से बढ़ेगा. जिस पर 14-15 फीसदी का XIRR मिलने का अनुमान होगा.
समय के साथ ही कंपनियां इंडस्ट्रियल असेट्स, स्कूल, स्टूडेंट हाउसिंग, हॉस्पिटल, जमीनों वगैरह वाले प्रोजेक्ट्स में भी फ्रैक्शनल ओनरशिप का विकल्प भी ऑफर करने लगेंगी. रियल एस्टेट टेक प्लैटफॉर्म PropsAMC, पर निवेशक बिना किसी तामझाम के आसानी से फ्रैक्शनल प्रॉपर्टी निवेश के विकल्प ढूंढ सकते हैं, खरीद सकते हैं और निवेश बढ़ा भी सकते हैं.
इतना ही नहीं कमर्शियल रियल एस्टेट में फ्रैक्शनल ओनरशिप के जरिए निवेश करना सुरक्षित भी है, जो मासिक या क्वॉर्टरली आधार पर इनकम जेनरेट कर सकता है. फिलहाल फ्रैक्शनल ओनरशिप का मार्केट इंडिया में 5 अरब डॉलर का है. आने वाले सालों में इसमें काफी निवेश मिलने की उम्मीद है.
Edited by Upasana