जी-20 अध्यक्षता: भारतीय पर्यटन क्षेत्र GDP में 56 अरब डॉलर का योगदान देगा, मिलेगी 140 करोड़ नौकरियां
पर्यटन मंत्रालय अप्रैल, 2023 में पहले वैश्विक पर्यटन निवेशक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा
भारत की जी20 अध्यक्षता (India’s G20 Presidency) को लेकर भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय (Ministry of Tourism) 10-12 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली में देश का पहला वैश्विक पर्यटन शिखर सम्मेलन (1st Global Tourism Investors’ Summit) आयोजित करेगा, जिसमें सभी जी20 सदस्य देशों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा. CII इस आयोजन का उद्योग भागीदार है.
शिखर सम्मेलन से पहले सेंट रेजिस होटल, मुंबई में आयोजित एक रोड शो में, पश्चिमी क्षेत्र के पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे जी20 2023, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय का मुख्य क्षेत्र होगा, जो सालभर के नेतृत्व के दौरान देश को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेगा. विभिन्न वाणिज्य दूतावासों द्वारा वैश्विक परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किये गए.
प्रशांत रंजन, निदेशक, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि भारत वैश्विक पर्यटन निवेशक शिखर सम्मेलन में पर्यटन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे थीम पार्क, साहसिक पर्यटन (एडवेंचर टूरिज्म) और कल्याण पर्यटन (वेलनेस टूरिज्म) आदि में निवेश और व्यापार के अवसरों का प्रदर्शन करेगा. भारत सरकार ने समावेशी विकास के माध्यम से 2030 तक पर्यटन में लगभग 140 मिलियन नौकरियां सृजित करते हुए 56 बिलियन डॉलर विदेशी मुद्रा अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और सरकार विशेष रूप से क्रूज पर्यटन, पारितंत्र पर्यटन और साहसिक पर्यटन पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत सरकार विभिन्न योजनाओं और पहलों के माध्यम से अवसंरचना में निवेश कर रही है और पर्यटन तथा आतिथ्य क्षेत्र को बढ़ावा दे रही है. सरकार अब स्वदेश दर्शन 2.0 नाम की एक योजना शुरू कर रही है, जो पर्यटन गंतव्यों के सतत और जिम्मेदार विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी.
सौरभ विजय, प्रधान सचिव - पर्यटन और सांस्कृतिक कार्य, महाराष्ट्र सरकार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार; महाराष्ट्र, भारत में पर्यटन उद्योग में निवेश के अवसरों को सुविधाजनक बनाने के लिए एक ऑनलाइन आवेदन पोर्टल के विकास पर चर्चा कर रही है. विभिन्न अवसरों की पहचान की गयी है, जैसे मनोरंजन पार्क, क्रूज पर्यटन और पारितंत्र पर्यटन. इसके लिए भूमि उपलब्धता के साथ-साथ निजी निवेश और साझेदारी पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. GoM ने मैंग्रोव पार्क और एक्वैरियम परियोजना जैसे विशिष्ट स्थानों और परियोजनाओं की पहचान की है और MICE पर्यटन और जिम्मेदार पर्यटन में भी अवसरों की तलाश की जा रही है. महाराष्ट्र ने कारोबार में आसानी के लिए लाइसेंसों की संख्या को घटाकर केवल 10 कर दिया है. 'मुंबई क्रूज कैपिटल' है, जबकि ताडोबा 'टाइगर कैपिटल' है.
विजय ने मुंबई में इस रोड शो के आयोजन के लिए CII को भी धन्यवाद दिया और कहा कि महाराष्ट्र को पहले वैश्विक पर्यटन निवेशक शिखर सम्मेलन, 2023 में भाग लेने में खुशी होगी.
सुनीत कोठारी, सह-संयोजक, पर्यटन और विमानन उप-समूह, CII महाराष्ट्र तथा निदेशक, कोठारी समूह ने प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा, “बढ़ता मध्यम वर्ग; उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयास; विविध पर्यटक अनुभव; उद्योग का बढ़ता डिजिटलीकरण और विकास की संभावनाएं आदि के कारण भारतीय यात्रा और पर्यटन उद्योग तेजी से बढ़ता और आकर्षक निवेश गंतव्य है. पश्चिमी भारत का राज्य, महाराष्ट्र, एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो समुद्र तटों, पहाडी पर्यटन स्थलों, वन्यजीव अभयारण्यों, प्राचीन मंदिरों और स्मारकों सहित अपने विविध आकर्षणों के लिए जाना जाता है. राज्य में एक आदर्श पर्यटन स्थल बनने की क्षमता है, जिसे अपनी विशेषताओं से ताकत मिलती है और जो अपनी वर्तमान कमियों को दूर करने का प्रयास कर रहा है.“
गोवा, मध्य प्रदेश तथा दमन और दीव के राज्य अधिकारियों ने अपने संबंधित पर्यटन/उद्योग विभाग द्वारा कारोबार में आसानी और इस क्षेत्र के वित्तीय तथा गैर-वित्तीय प्रोत्साहनों से जुड़ी नीतिगत पहलों की प्रस्तुति दी. उन्होंने निवेश की सफलता की कहानियां भी प्रस्तुत कीं और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के एक माध्यम के रूप में पर्यटन क्षेत्र की क्षमता का उपयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की. आगामी शिखर सम्मेलन की संभावनाओं के संबंध में, इस रोड शो ने छोटे और मध्यम संचालकों में महत्वपूर्ण रुचि पैदा की.