क्या अडानी ग्रुप को कंपनी ट्रांसफर कर सकती है हिस्सेदारी? NDTV ने SEBI से मांगा जवाब
देश के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी (Gautam Adani) की तरफ से मीडिया कंपनी एनडीटीवी (NDTV) के अधिग्रहण में एक नया ट्विस्ट आ गया है. NDTV का कहना है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने उसपर दो साल के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सिक्योरिटीज़ को खरीदने, बेचने या कोई भी व्यापारिक व्यवहार करने से रोक लगायी थी. इस अवधि को 26 नवंबर 2022 में समाप्त होना था.
NDTV ने रविवार को SEBI को एक पत्र लिखा है. पत्र में SEBI की तरफ से लगायी गयी रोक पर स्पष्टता मांगी गई है. NDTV ने मांग की है कि SEBI ये स्पष्ट करे की रोक 27 नवंबर, 2022 तक लगायी गयी है और ये इस दौरान VCPL को जारी किए गए वारंट को RRPRH के इक्विटी शेयरों में बदलने से प्रतिबंधित करती है.
23 अगस्त 2022 को, VCPL ने RRPRH को एक नोटिस के ज़रिए सूचित किया था कि वह 2009 में जारी किए गए वारंट को इक्विटी शेयरों में बदलने के अपने अधिकार का प्रयोग कर रहा है. जिससे VCPL RRPRH के 99.5 प्रतिशत का मालिक बन गया.
बता दें, RRPRH ने ब्याज मुक्त लोन लेने के बाद VCPL को ये वारंट जारी किया था. उस समय ये मुकेश अंबानी के स्वामित्व में था.
लेकिन NDTV की कहना है कि जब SEBI के आदेश में, रॉय को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सेक्युरिटीज़ को खरीदने, बेचने या किसी भी व्यापारिक व्यवहार करने से 26 नवंबर 2022 तक प्रतिबंधित कर दिया गया था, तो ऐसे में शेयर कैसे ट्रांसफर हो सकते हैं.
RRPRH ने SEBI को लिखे अपने पत्र के बारे में VCPL को भी सूचित किया है.
इससे पहले, एनडीटीवी ने कहा था कि VPCL को NDTV की होल्डिंग कंपनी RRPR Holding Private Ltd. में हिस्सेदारी लेने के लिए सेबी की मंजूरी जरूरी है. अडानी ग्रुप की कंपनी VPCL ने इस दलील को बेबुनियाद करार दिया है. अडानी समूह ने NDTV के उस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि RRPR उस आदेश का हिस्सा नहीं है, जिसमें प्रणव रॉय और राधिका रॉय के प्रतिभूति बाजार में कारोबार पर रोक लगाई गई थी.
गौरतलब हो कि गौतम अडानी ने मीडिया हाउस NDTV में करीब 29 फीसदी हिस्सेदारी ले ली है और 26 फीसदी हिस्सेदारी का ओपन ऑफर जारी कर दिया है. यानी अगर उनके पास ये 26 फीसदी भी आ जाते हैं तो नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (New Delhi Television Ltd.) यानी एनडीटीवी पर गौतम अडानी का मालिकाना हक हो जाएगा.
इस पूरी डील में लोगों के मन में एक बड़ा सवाल ये है कि आखिर किसके पास कितनी हिस्सेदारी है. सबसे पहले बात करते हैं प्रमोटर्स की. आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के पास कंपनी के 29.18 फीसदी शेयर हैं. इसके अलावा 16.32 फीसदी शेयर राधिका रॉय के पास हैं, जबकि 15.94 फीसदी शेयर प्रणय रॉय के पास हैं. इसके अलावा एफआईआई के पास करीब 14.7 फीसदी की हिस्सेदारी है. वहीं लगभग 24 फीसदी शेयर पब्लिक के पास हैं.
भारत के सिक्योरिटीज कानून के अनुसार अगर कोई कंपनी किसी दूसरी लिस्टेड कंपनी में 25 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी लेती है तो उसे 26 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी लेने के लिए ओपन ऑफर लाना होता है. यही वजह है कि VPCL के जरिए RRPR में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के बाद एएमएनएल ने अतिरिक्त 26 फीसदी के लिए ओपन ऑफर जारी किया है.
Edited by रविकांत पारीक