NDTV में सबसे बड़े शेयरधारक बने गौतम अडानी, बंद हुआ ओपन ऑफर, जानिए कितनी हुई हिस्सेदारी
अडानी समूह ने खुली पेशकश के तहत 294 रुपये के मूल्य दायरे में एनडीटीवी के 53.27 लाख शेयरों का अधिग्रहण किया है. यह कंपनी के शेयर के मौजूदा भाव की तुलना में काफी कम है.
नई दिल्ली टेलीविजन (NDTV) में अतिरिक्त 26 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए देश के सबसे अमीर और अरबपति कारोबारी गौतम अडानी का 13 दिनों का ओपन ऑफर सोमवार, 5 दिसंबर को बंद हो गया और इसके साथ ही वह एनडीटीवी में सबसे बड़े शेयरधारक बन गए.
शेयर के मौजूदा ट्रेडिंग मूल्य में भारी छूट के बावजूद निवेशकों ने मीडिया हाउस के लगभग 32 प्रतिशत शेयरों की पेशकश की. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, अडानी समूह ने खुली पेशकश के तहत 294 रुपये के मूल्य दायरे में एनडीटीवी के 53.27 लाख शेयरों का अधिग्रहण किया है. यह कंपनी के शेयर के मौजूदा भाव की तुलना में काफी कम है.
अब तक जितने शेयरों की पेशकश की गई है, वह एनडीटीवी के शेयरों का 8.26 प्रतिशत है. इसके अलावा अडाणी समूह 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी पहले ही हासिल कर चुका है. दरअसल, NDTV प्रमोटर ग्रुप RRPR होल्डिंग में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है, जिसके पास कंपनी की 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
अब इन्हें मिलाकर मीडिया कंपनी में समूह की हिस्सेदारी 37.44 प्रतिशत होगी जो इसके संस्थापक प्रणय रॉय और राधिका रॉय की 32.26 प्रतिशत हिस्सेदारी से अधिक है. इससे पहले एनडीटीवी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 61.45 प्रतिशत थी.
अडानी के ओपन ऑफर के तहत एनडीटीवी के अल्पांश शेयरधारकों से 294 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 1.67 करोड़ या 26 प्रतिशत शेयरों की खरीद की पेशकश की गई थी. सोमवार को शेयर बाजारों में एनडीटीवी का शेयर 393.90 रुपये पर बंद हुआ, जो पेशकश मूल्य से करीब 34 प्रतिशत अधिक है. पिछले तीन माह की बात की जाए, तो पांच सितंबर, 2022 को एनडीटीवी का शेयर 540.85 रुपये के उच्च स्तर पर पहुंच गया था.
आखिरी दिन लगा लोअर सर्किट
अडानी ग्रुप के ओपन ऑफर के आखिरी दिन मीडिया फर्म नई दिल्ली टेलीविजन (NDTV) के शेयरों में 5 फीसदी लोअर सर्किट लगा. इससे पहले NDTV के शेयर में लगातार तेजी देखी जा रही थी. 30 नवंबर को यह 5 प्रतिशत चढ़कर अपने ऊपरी सर्किट को छू गया था. 30 नवंबर को लगातार चौथा कारोबारी सत्र था, जब एनडीटीवी के शेयरों में अपर सर्किट लगा था.
अडानी समूह को निदेशक नियुक्त करने का अधिकार
अब एनडीटीवी का सबसे बड़ा शेयरधारक बनने के बाद अडानी समूह को कंपनी के निदेशक मंडल के चेयरपर्सन समेत कम से कम दो निदेशक नियुक्त करने का अधिकार मिल जाएगा.
हालांकि, इससे पहले आरआरपीआर होल्डिंग के निदेशक मंडल ने सुदिप्त भट्टाचार्य, संजय पुगलिया और सेंतिल चेंगलवारायण की बोर्ड में तत्काल प्रभाव से नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. सोमवार को अडानी ग्रुप ने आरआरपीआर होल्डिंग्स का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया और इसके साथ ही उसने तीनों सदस्यों को नामित किया.
प्रणय रॉय, राधिका रॉय और रवीश कुमार ने दे दिया है इस्तीफा
पिछले सप्ताह NDTV के संस्थापक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय ने प्रवर्तक समूह की इकाई आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, रॉय दंपत्ति ने समाचार चैनल के निदेशक मंडल से इस्तीफा नहीं दिया है. प्रणय रॉय एनडीटीवी के चेयरपर्सन और राधिका रॉय कार्यकारी निदेशक हैं.
रॉय दंपत्ति के आरआरपीआर से इस्तीफे के बाद वरिष्ठ पत्रकार और एनडीटीवी इंडिया के सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर रवीश कुमार ने भी बुधवार को तत्काल प्रभाव से कंपनी से इस्तीफा दे दिया था.
अडानी ने ऐसे हासिल की NDTV में हिस्सेदारी
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) गौतम अडानी की कंपनी है और एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड (AMNL) इसी की मीडिया कंपनी है. इस साल अगस्त में अडानी एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी कंपनी अडानी मीडिया नेटवर्क्स ने वीपीसीएल का अधिग्रहण कर लिया. वीपीसीएल का मालिकाना हक इससे पहले एमिनेंट नेटवर्क्स एंड नेक्स्टवेव टेलिवेंचर्स के पास था.
वीपीसीएल के पास एनडीटीवी की होल्डिंग कंपनी आरआरपीआर के कन्वर्टिबल डिबेंचर्स थे, जिसे कंपनी ने लोन के बदले जारी किया था. कन्वर्टिबल डिबेंचर्स ऐसे वॉरंट होते हैं, जिनसे डेट यानी कर्ज को इक्विटी में बदला जा सकता है.
ये डिबेंचर्स 2009-10 में 404 करोड़ रुपये के लोन के बदले लिए गए थे. वीपीसीएल ने इन डिबेंचर्स को ही इक्विटी में बदल दिया. इसका मतलब है कि कर्ज न चुका पाने की स्थिति में एनडीटीवी के संस्थापकों ने कंपनी को मीडिया समूह में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की इजाजत दी थी. वीपीसीएल ने आरआरपीआर में 99.50 फीसदी हिस्सेदारी को कंट्रोल करने के अधिकार का इस्तेमाल किया है.
Edited by Vishal Jaiswal