यूं ही नहीं गौतम अडानी के शेयरों में आई तगड़ी तेजी, इन 5 वजहों से उछले हैं स्टॉक्स
इन दिनों लोग तेजी से गौतम अडानी की कंपनी के शेयर खरीद रहे हैं. लग रहा है हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर खत्म हो गया है. आइए जानते हैं किन 5 वजहों से गौतम अडानी के शेयरों में तगड़ी तेजी देखने को मिल रही है.
अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों में पिछले दो हफ्तों में बड़ी गिरावट देखी जा रही थी. इस हफ्ते में गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनियों के शेयरों में शानदार तेजी देखने को मिल रही है. अब इक्का-दुक्का कंपनियों को छोड़ दें तो गौतम अडानी की कंपनियों में अधिकतर शेयर तेजी का रुख दिखा रहे हैं. यूं लग रहा है मानो हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Research Report) का असर अब खत्म होता जा रहा है. लोगों में भरोसा बढ़ रहा है और लोग तेजी से उनकी कंपनी के शेयर खरीद रहे हैं, जिससे उनमें तेजी देखने को मिल रही है. आइए जानते हैं किन 5 वजहों से कंपनी के शेयरों में आई तगड़ी तेजी.
1- तमाम कंपनियों के शानदार नतीजे
पिछले कुछ दिनों में अडानी ग्रुप की कुछ कंपनियों के नतीजे आए हैं, जो शानदार रहे हैं. इनकी वजह से भी कंपनी के शेयरों में तेजी का रुख देखने को मिल रहा है. अडानी ट्रांसमिशन का मुनाफा दिसंबर तिमाही में करीब 78 फीसदी बढ़ा है. अडानी ग्रीन का मुनाफा तीसरी तिमाही में दोगुने से भी ज्यादा हो गया है. अडानी पोर्ट्स के मुनाफे में 16 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है, लेकिन फिर भी यह 1315 करोड़ रुपये है. अंबुजा सीमेंट का मुनाफा भी 46 फीसदी बढ़ा है. इन सब खबरों का भी अडानी ग्रुप के शेयरों पर अच्छा असर देखने को मिल रहा है.
2- फिच रेटिंग्स के पॉजिटिव बयान ने जगाया भरोसा
रेटिंग एजेंसी फर्म फिच रेटिंग्स ने कहा है कि अडानी समूह की कंपनियों पर भारतीय बैंकों का कर्ज इतना ज्यादा नहीं है कि बैंकों के लिए कोई जोखिम पैदा हो. फिच के मुताबिक अगर अडानी ग्रुप का एक बड़ा हिस्सा तनावग्रस्त हो भी जाता है, तो भी भारतीय बैंकों का कर्ज जोखिम आसानी से संभाला जा सकता है. इन बैंकों की रेटिंग पर भी उसका कोई असर नहीं होगा. रेटिंग एजेंसी के मुताबिक भारतीय बैंकों की कुल उधारी में अडानी समूह की सभी कंपनियों की करीब 0.8-1.2 फीसदी तक की हिस्सेदारी है, जो कुल इक्विटी का लगभग 7-13 फीसदी है. 3 फरवरी को भी फिच कह चुका है है कि अडानी ग्रुप की कंपनियों और शेयरों पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का तुरंत कोई असर नहीं होगा.
3- मूडीज बोला भारतीय बैंकों पर कोई असर नहीं
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर सर्विस ने कहा कि अडानी ग्रुप को निजी बैंकों की तुलना में सरकारी बैंकों ने अधिक लोन दिया है. उन्होंने कहा है कि कुल लोन में अडानी ग्रुप की हिस्सेदारी मजह 1 फीसदी के करीब है. मूडीज का कहना है कि भले ही अडानी ग्रुप को दिए कर्ज का भारतीय बैंकों पर असर ना हो, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार से मिलने वाले कर्ज में गिरावट आ सकती है. अडानी ग्रुप को मिले कर्ज का एक बड़ा हिस्सा विदेश से आया है. रेटिंग एजेंसी ने उम्मीद जताई है कि भारतीय बैंकों की तरफ से अडानी ग्रुप की कंपनियों को दिए गए कर्ज की गुणवत्ता कुल मिलाकर स्थिर बनी रहेगी.
4- 8000 करोड़ रुपये का कर्ज समय से पहले चुकाना
अडानी ग्रुप ने हाल ही में कर्जदाताओं के पास गिरवी रखे शेयरों को समय से पहले ही छुड़ाने का फैसला किया था. इसके तहत कंपनी ने 111.4 करोड़ डॉलर यानी करीब 8000-9000 करोड़ रुपये का लोन चुकाने का फैसला किया. खास बात यह है कि इस लोन की समयसीमा सितंबर, 2024 तक है, लेकिन अडानी ग्रुप इस लोन को समय से पहले ही चुकाने की तैयारी कर रहा है. गिरवी रखे गए ये शेयर अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी ट्रांसमिशन के हैं.
5- 'बिग फोर' में से कोई कंपनी करेगी अडानी ग्रुप का ऑडिट
अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग में गौतम अडानी पर ऑडिट में गड़बड़ी करने का बड़ा आरोप लगाया गया था. सवाल था कि इतने बड़े ग्रुप के लिए एक छोटा सा ऑडिट फर्म क्यों है, इससे गड़बड़ी की आशंका को बल मिला. अब गौतम अडानी ने कहा है कि एक सामान्य ऑडिट करने के लिए 'बिग फोर 'अकाउंटिंग फर्मों (Deloitte, EY, KPMG और PwC) में से किसी को नियुक्त किया जाएगा. अडानी समूह के पार्टनर टोटल एनर्जीज (TotalEnergies) ने शुक्रवार को एक बयान में ये जानकारी शेयर की. इससे भी निवेशकों का भरोसा लौट रहा है.