Brands
YS TV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

अब गौतम अडानी को लगा ‘बिजली’ का झटका, योगी सरकार ने उठाया बड़ा कदम

उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले मध्यांचल, दक्षिणांचल, पूर्वांचल और पश्चिमांचल सहित यूपी डिस्कॉम ने 2.50 करोड़ से अधिक स्मार्ट मीटर्स की सप्लाई के लिए टेंडर निकाला था. इस टेंडर की कुल कीमत अनुमानित तौर पर 25 हजार करोड़ रुपये थी.

अब गौतम अडानी को लगा ‘बिजली’ का झटका, योगी सरकार ने उठाया बड़ा कदम

Monday February 06, 2023 , 4 min Read

अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से आर्थिक संकट में घिरे अडानी ग्रुप की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. नया झटका उत्तर प्रदेश की सरकार ने दिया है. दरअसल, उत्तर प्रदेश पावर यूटिलिटी मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (MVVNL) ने अडानी ग्रुप को 75 लाख स्मार्ट मीटर के लिए मिले 5400 करोड़ रुपये का टेंडर रद्द कर दिया है.

सूत्रों के मुताबिक, अडानी ग्रुप ने सबसे कम बोली लगाई थी, फिर भी पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (डिस्कॉम) ने 'अपरिहार्य कारणों' का हवाला देते हुए इसे रद्द कर दिया.

बता दें कि, उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले मध्यांचल, दक्षिणांचल, पूर्वांचल और पश्चिमांचल सहित यूपी डिस्कॉम ने 2.50 करोड़ से अधिक स्मार्ट मीटर्स की सप्लाई के लिए टेंडर निकाला था. इस टेंडर की कुल कीमत अनुमानित तौर पर 25 हजार करोड़ रुपये थी.

परियोजना के लिए अडानी के अलावा जीएमआर, एलएंडटी और इंटेलिस्मार्ट इंफ्रा भी दौड़ में थीं. Intellismart Infra Energy Efficiency Services (EESL) और National Investment and Infrastructure Fund (NIIF) की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है.

अडानी ग्रुप ने टेंडर के लिए सबसे कम कीमत की बोली लगाई थी. उसने प्रति स्मार्ट मीटर की कीमत 10 हजार रुपये तय की थी.

रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन के स्टैंडिंग बिलिंग गाइडलाइन के तहत 6,000 रुपये प्रति मीटर की लागत को देखते हुए इसे कथित तौर पर ज्यादा माना गया था.

एमवीवीएनएल ने एमवीवीएनएल में स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग के लिए एडवांस्ड मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (एएमआई) सर्विस प्रोवाइडर की नियुक्ति के लिए ई-टेंडर आमंत्रित किया था. एमवीवीएनएल ने 4 फरवरी की अपनी अधिसूचना में कहा, "टेंडर अपरिहार्य कारणों से रद्द कर दिया गया है."

ऐसा माना जा रहा है कि अब, डिस्कॉम के टेंडर के लिए एक नई प्रक्रिया अपनाएगा. यहां तक कि उत्तर प्रदेश की अन्य डिस्कॉम भी एमवीवीएनएल से प्रेरणा लेते हुए इसी रास्ते पर चल सकती हैं.

दिलचस्प बात यह है कि टेंडर में भाग लेने वाली चारों प्राइवेट कंपनियों में से कोई भी स्मार्ट मीटर की मैन्यूफैक्चरिंग नहीं करती है. कॉन्ट्रैक्ट जीतने के बाद वे मैन्यूफैक्चरिंग का ऑर्डर दे सकती हैं.

इस बीच, यूपी पावर कंज्यूमर्स फोरम ने पहले ही यूपी इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन (UPERC) के सामने नीलामी को चुनौती दे दी है. उन्होंने आरोप लगाया है कि स्मार्ट मीटरों के लिए अधिक कीमत कोट किया गया है.

फोरम के प्रेसिडेंट अवधेश कुमार वर्मा ने दावा किया कि यह नीलामी प्रदेश के पावर सेक्टर में पीछे के दरवाजे से निजीकरण करने का प्रयास है. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि बोली लगाने वाली कोई भी कंपनी स्मार्ट मीटर की ओरिजिनल मैन्यूफैक्चरर नहीं है.

अडानी का 'संकट'

बता दें कि, अमेरिकी ‘शॉर्ट सेलर’ और वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग ने करीब 10 दिन पहले अडानी समूह के खिलाफ कंपनी संचालन के मोर्चे पर गड़बड़ी के कई आरोप लगाए थे. अ'हमदाबाद स्थित अडानी समूह ने सभी आरोपों का खंडन किया है और इसे भारत पर सुनियोजित हमला करार दिया है.

पूरी तरह से सब्सक्राइब होने के बाद भी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में गिरावट के कारण गौतम अडानी ने एफपीओ को रद्द कर दिया गया.

आरोप लगाए जाने के बाद शेयरों की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है. पिछले दस दिनों में अडानी समूह का बाजार पूंजीकरण 100 अरब डॉलर से भी अधिक गिर चुका है.

वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि भारत का बैंकिंग क्षेत्र मजबूत और स्थिर है. केंद्रीय बैंक ने साथ ही यह भी कहा कि वह ऋणदाताओं पर लगातार नजर बनाए हुए है.

कांग्रेस और 15 अन्य विपक्षी दलों ने कहा कि वे अडानी समूह के खिलाफ ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा लगाए गए आरोपों से जुड़े मामले पर चर्चा और जांच की मांग संसद के दोनों सदनों में उठाते रहेंगे.


Edited by Vishal Jaiswal