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रिटायरमेंट पर मिलेगी 1 करोड़ रुपये से अधिक बचत राशि, बस ऐसे करना होगा प्लान

रिटायरमेंट के बाद भी आपका जीवन सुगमता से चले, इसके लिए जरूरी है कि आप अपने निवेश को सही ढंग से प्लान करें।

बेहतर रिटायरमेंट प्लान के लिए स्मार्ट प्लानिंग बेहद जरूरी है।

बेहतर रिटायरमेंट के लिए स्मार्ट प्लानिंग बेहद जरूरी है।



एक रिसर्च के अनुसार भारत में सेवानिवृत्त हुए 90 प्रतिशत लोग अपनी बचत पर आश्रित होते हैं और यह राशि रिटायरमेंट के कुछ महीनों बाद ही समाप्त हो जाती है। तो ऐसे में आपके पास आपके रिटायरमेंट के लिए क्या प्लान है? क्या आपने बचत के लिए अभी से कोशिशें शुरू कर दी हैं या इसके लिए कुछ और प्लान कर रहे हैं।


भारत में रिटायरमेंट की उम्र आमतौर पर 60 साल है। ऐसे में अगर आप 22 साल की उम्र से भी अपने रिटायरमेंट के लिए बचत करने की शुरुआत करते हैं, तब भी आपको अगले 40 सालों की संभावित महंगाई के हिसाब से अपने प्लान को तैयार करना होगा, जिससे रिटायरमेंट के बाद भी आप आसानी से अपना समय गुज़ार सकें। एक बेहतर रिटायरमेंट प्लान के लिए आपको कई बातों का ध्यान रखना होगा, ये सभी फैक्टर आपके बेहतर रिटायरमेंट प्लान पुख्ता करने में आपकी मदद करेंगे।

क्या न करें?

आप अपनी स्थिर सैलरी के साथ संतुष्ट हैं और उसके अनुसार आगे बढ़ते हुए अपने रिटायरमेंट प्लान को तैयार कर रहे हैं, जिसमें आपका पीएफ़ और अन्य बचत शामिल हैं, तो ऐसे में लगातार बढ़ रही महंगाई आपका सारा खेल बिगाड़ देगी। बढ़ती महंगाई के साथ जीवनयापन के लिए होने वाले मासिक खर्च की सीमा लगातार बढ़ रही हैं, तो आपका यह रिटायरमेंट प्लान भविष्य की जरूरतों के साथ के हिसाब से सही बैठेगा, यह कह पाना मुश्किल है।





इस स्थिति से बचने के लिए आपको अपने कौशल और क्षमता का पूरी तरह उपयोग करते हुए वर्तमान सैलरी में उन्नति के प्रयास शुरू कर देने चाहिए। ऐसे में भविष्य की महंगाई के अनुमान के हिसाब से आपको एक बेहतर रिटायरमेंत प्लान तैयार करने में मदद मिलेगी।


किसी भी तरह का ऋण अगर आप बिना योजना के सिर्फ अपनी जरूरत को ध्यान में रखते हुए ले रहे हैं, तो यह आपके लिए मुश्किलें पैदा करेगा। ऋण लेते समय आपको भी यह ध्यान में रखना होगा कि आप ईएमआई के चक्कर में अपने न्यूनतम निवेश से समझौता नहीं कर रहे हैं।

कैसे हो अधिक बचत?

अगर आपने अपने रिटायरमेंट प्लान के लिए कोई तैयारी नहीं की है, तो यह खतरे की घंटी हो सकती है, लेकिन अगर आपने अपने रिटायरमेंट के लिए अभी से अधिक निवेश करना शुरू कर दिया है, चाहे भले ही इस भारी निवेश के चलते आपको महीने के अंत में खर्च के लिए संघर्ष ही क्यों न करना पड़े, लेकिन यह बचत भविष्य में आपके काफी काम आने वाली है।





ऐसी स्थिति में महीने के आखिरी दिनों में आर्थिक संघर्ष से बचने के लिए आपको अपने खर्चों पर एक बार फिर से नज़र डालने की जरूरत है। इस तरह आप अपने गैर-जरूरी खर्चों में कटौती कर महीने के अंत पर आने वाले आर्थिक संकट उबर सकते हैं।

चक्रवृद्धि ब्याज़ करेगा मदद

आपकी बचत में चक्रवृद्धि ब्याज आपका सच्चा साथी बन सकता है। उदाहरण से समझें: यदि आप 5 हज़ार की बेस अमाउंट के साथ 7 प्रतिशत सालाना की चक्रवृद्धि ब्याज दर के साथ 22 साल की उम्र से 5 हज़ार रुपये मासिक का निवेश शुरु करते हैं, तो 60 साल की उम्र पर (38 साल के निवेश के साथ) आपको 1 करोड़ 14 लाख 39 हज़ार 344 रुपये की राशि प्राप्त होगी।


हालांकि इसी आधार पर यदि आप 30 साल की उम्र में निवेश शुरू करते हैं, तो 60 साल की उम्र पर आपको मिलने वाली राशि महज 61 लाख 76 हज़ार 19 रुपये ही होगी। इस तरह यह साफ है कि आप जितनी जल्दी बचत करना शुरू कर देंगे, वह आपके लिए उतना ही फायदेमंद साबित होगा। इसके लिए आप अपनी भरोसेमंद बैंक से संपर्क कर उनकी योजनाओं के बारे में जानकारी कर अपने प्लान को आगे लेकर जा सकते हैं।  


इसके अलावा आप म्युच्युअल फंड जैसे निवेश के अन्य साधनों का चुनाव भी कर सकते हैं, लेकिन इस दौरान आपको साथ मिलने वाले जोखिम पर भी गौर करना होगा, क्योंकि जरा से गलती आपके रिटायरमेंट प्लान पर बुरा प्रभाव डाल सकती है।

रहें सतर्क

आपने अपने रिटायरमेंट के लिए प्लान तो कर लिया, लेकिन रिटायरमेंट के बाद किसी आपात स्थिति जैसी बीमारी आदि आपके बने बनाए प्लान को हिला सकती है। ऐसे में अगर आप मेडिकल इंश्योरेंस जैसी स्कीम को भी अपने साथ लेकर चलते हैं, तो इस तरह की आपात स्थिति में आपको एक अतिरिक्त आर्थिक मदद मिलेगी, जिससे रिटायरमेंट के लिए आपके द्वारा बचाई गई राशि पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।