पानी की एक बूंद का उपयोग किए बिना आपकी कार को साफ कर सकता है इस आदमी का अविष्कार
कहा जाता है कि "प्यासे आदमी के लिए पानी की एक बूंद की कीमत सोने की एक बोरी से भी अधिक होती है।" ये कहावत आज के समय में ज्यादा सटीक बैठती है जहां तेजी से बढ़ते शहरी स्थान जल संसाधनों को कम करते जा रहे हैं। इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के जरिए अनेकों चुनौतियों का सामना किया जा सकता है और बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है।
महाराष्ट्र के नितिन शर्मा ने ऐसा ही किया है। 36 वर्षीय उद्यमी ने 'गो वाटरलेस' की शुरुआत की। यह एक पहल है जो लोगों के घर जाकर कार धोने में उनकी मदद करती है। यह मुंबई और नागपुर में संचालित है।
नितिन ने एक प्लांट-बेस्ड हाई लुब्रीकेंट स्प्रे का आविष्कार किया है जो पानी की एक बूंद को बर्बाद किए बिना ऑटोमोबाइल की सतह से धूल के कणों को पकड़ सकता है।
वे बताते हैं,
“पाइप के माध्यम से घर पर कार धोने के दौरान लगभग 80 से 90 लीटर पानी का उपयोग किया जाता है। यदि एक बाल्टी का उपयोग किया जाता है तो 40 लीटर की खपत होती है और एक सर्विस स्टेशन पर लगभग 200 लीटर पानी का उपयोग किया जाता है। अगर पानी की इस मात्रा को कारों की कुल संख्या से गुणा किया जाए, जो कि भारत में कम से कम 23 करोड़ कारे है, तो इससे अथाह पानी की बर्बादी का आंकड़ा सामने आएगा। गो वाटरलेस के साथ, सारा पानी जो खत्म हो चुका होता है, उन्हें संरक्षित किया जा सकता है।"
वर्तमान में, 23 लोग गो वाटरलेस टीम का हिस्सा हैं, और इसका दावा है कि इनका ग्राहक आधार 1,000 है। वे बताते हैं,
“मैं फ्रैंचाइजी मॉडल के माध्यम से अपने कार्यों का विस्तार करके पानी बचाने के लिए और लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए उत्सुक हूं। हमारा सबसे लेटेस्ट एडिशन नागपुर था। इसके अलावा, मैं बुकिंग के लिए एक एंड्रॉइड ऐप लॉन्च करने की भी योजना बना रहा हूं।"
शुरुआत
साल दर साल गर्मी के दौरान तीव्र जल की कमी का सामना करने के बाद, नितिन और उनकी पत्नी, क्षमा शर्मा ने गो वाटरलेस का शुभारंभ किया। यह पहल अक्टूबर 2019 में एंटरप्राइज रिवोल्यूशन वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के तहत शुरू की गई। नितिन, जिन्होंने राजस्थान में इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज इन एजुकेशन (IASE) से अपनी बीबीए की पढ़ाई पूरी की, उन्होंने अपने पिता के ऑटोमोबाइल कारोबार को संभाला। वह छत्तीसगढ़ में एक मैकेनिक वर्कशॉप्स को मैनेज कर रहे थे और लोगों को बैटरी और कार सेवाएं दे रहे थे।
एक बार उमस भरी गर्मी के दौरान उन्होंने पाया कि बोरवेल में पानी नहीं था।
वे कहते हैं,
“पानी के बिना हमारे लिए काफी मुश्किल हो रही थी। हमारे ग्राहकों की कारों को भी नहीं धोया जा सकता था। मुझे ग्राहकों को सिचुएशन समझानी पड़ी और माफी मांगनी पड़ी। साल-दर-साल इसी तरह की सिचुएशन्स का सामना करने के बाद, मैंने एक समाधान खोजने का फैसला किया। मैं रिसर्च कर रहा था और तभी मेरे मैंने सोचा कि हर बार जब भी कोई वाहन धोया जाता है तो बहुत सारा पानी नाली में चला जाता है। तभी मेरे दिमाग में गो वाटरलेस का आइडिया आया।”
हर बूंद मायने रखती है
2017 में, नितिन ने नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग करके प्लांट-बेस्ड लुब्रीकेंट से बना एक स्प्रे विकसित करने के लिए कुछ केमिकल इंजीनियरों की मदद ली। एप्लाइड फिजिक्स और सुपर मोलिकुलर केमिस्ट्री साइंस जैसे विषयों में एक साल के प्रयोग और गहराई से जानने के बाद, नितिन ने एक लुब्रीकेंट स्प्रे विकसित किया जो पानी का उपयोग किए बिना कारों से गंदगी को दूर कर सकता है।
इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी और परिवार से मुंबई में अपना खुद का उद्यम शुरू करने और गो वाटरलेस पहल को शामिल करने के लिए 10 लाख रुपये की सहायता ली।
इसके प्रोडक्शन के लिए आवश्यक मटेरियल और प्लांट ब्राजील से आयात किए जाते हैं। प्रत्येक कार धोने के लिए स्प्रे के लगभग 100 एमएल की आवश्यकता होती है, और अब तक, लगभग 1,000 लीटर स्प्रे का उत्पादन किया गया है। स्प्रे पर्यावरण के अनुकूल और गैर संक्षारक भी है। इसलिए, वाहन की विभिन्न सतहें और उस पर पेंट की परतें बरकरार रहती हैं।
नितिन कहते हैं,
"सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चूंकि पानी का उपयोग नहीं किया जाता है, मुझे उम्मीद है कि पहल से लोगों को अपनी कारों को धोने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।"
वे कहते हैं,
“मेरा आइडिया सिंपल था। मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी पहुंच बनाना चाहता था। इसलिए, मैंने एक वेब प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जहां कोई भी कार वॉश ऑनलाइन बुक कर सकता है। बुकिंग की पुष्टि हो जाने के बाद, एक प्रशिक्षित व्यक्ति को लुब्रीकेंट स्प्रे का उपयोग करके ऑटोमोबाइल को साफ करने के लिए स्थान पर भेजा जाता है। इसके घटकों की चिपकने वाली प्रकृति ऐसी है कि सभी धूल कण आसानी से अवशोषित हो जाते हैं।”
गो वॉटरलेस एक फुल कार वॉश के लिए 449 रुपये का शुल्क लेता है, और बाहर-बाहर धोने के लिए 249 रुपये का शुल्क लेता है। इन दोनों सेवाओं के लिए प्रोमोशनल ऑफर वर्तमान में लागू हैं।
एक कीमती संसाधन का संरक्षण
35 से अधिक आवासीय कॉलोनियां और सोसाइटीज पिछले कुछ महीनों से नियमित रूप से गो वाटरलेस की सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। नागपुर में गजानंद अपार्टमेंट उनमें से एक है। सोसायटी के सचिव राकेश सिंह कहते हैं,
“नागपुर में पिछले कुछ समय से पानी की कमी हो रही है। चूंकि संसाधन की खपत खुद लोगों के हाथों में है, इसलिए मुझे लगा कि पानी बचाने के लिए यह नागरिकों की सामूहिक जिम्मेदारी है। जब मैंने पहली बार पानी के बिना कार धोने की सेवा के बारे में सुना, तो मुझे विश्वास नहीं हुआ। लेकिन जब उन्होंने मुझे डेमो दिया, तो मैं मंत्रमुग्ध हो गया। गजानंद अपार्टमेंट में 27 फ्लैट हैं और उनमें से अधिकांश आज गो वाटरलेस का लाभ उठा रहे हैं। मुझे यकीन है कि पहल एक लंबा रास्ता तय करेगी और अगर बड़े पैमाने पर अपनाया जाता है तो बहुत सारे पानी को बचाने में मदद करेगी।”
अगर तेजी से शहरीकरण के संदर्भ में देखा जाए, जो कि जल संसाधनों पर बोझ डाल रहा है, तो गो वाटरलेस जैसी पहल पानी के संरक्षण में मदद कर सकती है।
पॉलिसी थिंक टैंक NITI Aayog द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 तक बेंगलुरु, दिल्ली, हैदराबाद, और चेन्नई सहित भारत के लगभग 21 शहर भूजल खत्म होने खतरे में हैं। समस्या यहाँ खत्म नहीं होती है। रिसर्च यह भी कहती है कि देश में 600 मिलियन लोगों के सामने पानी का गहरा संकट है और 2018 से हर साल लगभग दो लाख लोग पानी की कमी के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं।
यह विकट स्थिति काफी हद तक लापरवाह पानी की खपत के पैटर्न और उससे होने वाले अपव्यय का परिणाम है। यह अनुमान लगाया जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति घर पर ही हर दिन औसतन 135 लीटर पानी का उपयोग करता है। कारों और अन्य वाहनों को धोने के लिए उपयोग किए जाने वाले पानी की मात्रा और भी अधिक है।