एशियन एथलेटिक्स में भारत को स्वर्ण दिलाकर किया देश का सिर ऊंचा करने वाली गोमती मारिमुथु
जब भी कोई खिलाड़ी देश के लिए पदक जीतता है तो हम सभी को आपार खुशी होती है, लेकिन यह खुशी थोड़ी अधिक हो जाती है जब कोई महिला खिलाड़ी पदक हासिल करती है। इसकी वजह यह है कि हमारे समाज में महिलाओं को खेलकूद जैसे क्रियाकलाप में हिस्सा लेना थोड़ा मुश्किल होता है। उन्हें पुरुषों के मुकाबले अधिक संघर्ष करना पड़ता है। अभी दोहा में एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप चल रही है जिसमें भारतीय खिलाड़ियों का दल भी हिस्सा ले रहा है।
इस चैंपियनशिप के दूसरे दिन गोमती मरिमुतु ने महिलाओं की 800 मीटर रेस में प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। गोमती के साथ ही पिछले साल रजत पदक जीतने वाले तेजिंदर पाल सिंह तूर ने स्वर्ण पर कब्जा जमाया तो वहीं शिवपाल सिंह ने भाला फेंक में रजत पदक जीता। वहीं जाबिर मदारी और सरिताबेन गायकवाड़ ने 400 मीटर की बाधा दौड़ में कांस्य पदक जीता। इसके साथ ही भारत ने इस प्रतियोगिता में कुल 10 पदक जीत लिए हैं। इसमें 2 स्वर्ण, 3 रजत और 5 कांस्य पदक शामिल हैं।
30 वर्षीय गोमती ने दो मिनट 02.70 सेकेंड का समय निकालकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और भारत को सोने का तमगा दिलाया। जीत के बाद गोमती ने कहा कि मुझे फिनिशिंग लाइन पार करने तक विश्वास नहीं हो रहा था कि मैंने स्वर्ण पदक जीत लिया है। अंतिम 150 मीटर की रेस बेहद मुश्किल रही। तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली की रहने वाली गोमती ने 20 वर्ष की उम्र में ही दौड़ने का अभ्यास शुरू कर दिया था और इस मुकाम तक पहुंचने में उन्हें 10 साल लग गए।
वहीं जाबिर मदारी ने 49.13 सेकेंड के साथ पुरुषों की 400 मीटर बाधा दौड़ स्पर्धा में तीसरा स्थान हासिल किया। इसके साथ ही जाबिर ने विश्व चैंपियनशिप के लिए भी क्वालीफाई किया। भारत ने रविवार को दो रजत और तीन कांस्य पदक जीते थे। फर्राटा धाविका दुती चंद ने 100 मीटर में लगातार दूसरे दिन अपना राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा। भारत को दूसरे दिन पहला पदक 24 साल की गायकवाड़ ने दिलवाया। उन्होंने महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ 57.22 सेकंड में पूरी की।
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