सर्च इंजन में टॉप पर बने रहने के लिए Google हर साल खर्च करता है अरबों डॉलर, US जस्टिस डिपार्टमेंट का आरोप
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट अटॉर्नी केनेथ डिंटजर ने यह खुलासा नहीं किया कि Google अधिकांश ब्राउजरों और सभी अमेरिकी मोबाइल फोन पर डिफॉल्ट सर्च इंजन होने के लिए कितना खर्च करता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि यह राशि बहुत बड़ी है.
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट (DoJ) ने गुरुवार को एक संघीय अदालत को बताया कि अल्फाबेट इंक की कंपनी Google नंबर 1 सर्च इंजन के रूप में अपना स्थान बनाए रखने के लिए Apple, Samsung Electronics और टेक्नोलॉजी सेक्टर की अन्य दिग्गज कंपनियों को अवैध रूप से हर साल अरबों डॉलर का भुगतान करता है.
हालांकि, DoJ अटॉर्नी केनेथ डिंटजर ने यह खुलासा नहीं किया कि Google अधिकांश ब्राउजरों और सभी अमेरिकी मोबाइल फोन पर डिफॉल्ट सर्च इंजन होने के लिए कितना खर्च करता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि यह राशि बहुत बड़ी है.
वाशिंगटन में सुनवाई के दौरान डिंटजर ने जज अमित मेहता से कहा कि यह जानकर कि लोग उन्हें नहीं बदलेंगे, Google डिफॉल्ट रूप से अरबों का निवेश करता है. वे खास तौर पर डिफॉल्ट खरीद रहे हैं. क्योंकि डिफॉल्ट बहुत मायने रखता है.
डीओजे के इस एंटीट्रस्ट मुकदमे का आधार Google का कॉन्ट्रैक्ट है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने एंटीट्रस्ट कानूनों के उल्लंघन में अपने ऑनलाइन सर्च एकाधिकार को बनाए रखने की मांग की है. वहीं, मेहता के सामने ही राज्य के अटॉर्नी जनरल ने भी गूगल के खिलाफ एक समानांतर एंटीट्रस्ट दाखिल किया है. हालांकि, औपचारिक रूप से मुकदमे के इस साल शुरू होने की उम्मीद नहीं है. गुरुवार को पहली बार दोनों पक्षों ने गूगल के कारोबार पर अपनी-अपनी बात रखी.
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन के अंतिम दिनों में गूगल के खिलाफ इस एंटीट्रस्ट मुकदमे को दाखिल किया गया था. वहीं, राष्ट्रपति जो बाइडेन के शासन में दिग्गज टेक कंपनी के एकाधिकार को खत्म करने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं और यह उस दिशा में पहला प्रयास था.
व्हाइट हाउस ने गुरुवार को विशेषज्ञों के साथ एक गोलमेज सम्मेलन की मेजबानी की, जिसमें इस बात पर चर्चा की गई कि दिग्गज टेक प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था और बच्चों के स्वास्थ्य को किस तरह से नुकसान पहुंचा सकते हैं.
गूगल के अटॉर्नी जॉन श्मिटलेन ने कहा कि DoJ और राज्य मार्केट को गलत तरीके से समझ रहे हैं और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प, बिंग और डकडकगो जैसे छोटे सर्च इंजन पर बहुत ज्यादा फोकस कर रहे हैं. इसके बजाय गूगल बाइटडांस, टिकटॉक, मेटा के प्लेटफॉर्म्स, ग्रबहब और जैसी दर्जनों अन्य कंपनियों से कम्पिटीशन का सामना कर रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि अमेजन पर शॉपिंग करने के लिए आपको गूगल पर जाना होता है, एक्सपोडिया पर टिकट खरीदने के लिए भी आपको गूगल पर नहीं जाना होता है. सच्चाई यह है कि अगर Google को हर बार प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं करना पड़ता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि कंपनी को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं करना पड़ता है.
Edited by Vishal Jaiswal