स्टार्टअप शुरू करना है, जानें कैसे मदद करेगा सरकारी MAARG
स्टार्टअप के मामले में इंडिया की ग्लोबल रैंकिंग 3 है, एक के बाद एक भारत में यूनिकॉर्न स्टार्टअप (Unicorn Startup) की संख्या बढ़ रही है. जब स्टार्टअप्स और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) की बात आती है, तो भारत सरकार बहुत स्पष्ट है. सरकार चाहती है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में एमएसएमई का योगदान 29% से बढ़कर 2024 तक 50% तक पहुंच जाए, जिससे 15 करोड़ भारतीयों को रोजगार मिल सके.
अभी भी देश में लगातार नए-नए स्टार्टअप रजिस्टर हो रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा वक्त में भारत में 82,000 से ज्यादा मान्य स्टार्टअप हैं. इसमें से यूनिकॉर्न की संख्या भी 107 के आसपास पहुंच चुकी है. स्टार्टअप के इसी एंटरप्रेन्योरशिप मोमेंट को बरकरार रखने के लिए सरकार ने MAARG Portal लॉन्च किया है. ये पोर्टल लोगों को एक सफल स्टार्टअप खड़ा करने की राह में आने वाले हर मुश्किल मोड़ पर मदद करने के मकसद से शुरू किया गया है. ये स्टार्टअप इंडिया (Startup India) का ही हिस्सा है. स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हों.
क्या है MAARG का मतलब
MAARG वाणिज्य उद्योग मंत्रालय के तहत काम करने वाले डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) का राष्ट्रीय मेंटरशिप प्लेटफॉर्म है. MAARG में M का मतलब मेंटरशिप, A का मतलब एडवाइजरी, एक और A का मतलब असिस्टेंस, R का मतलब रेजिलिएंस और G का मतलब ग्रोथ है. MAARG Portal पर सरकार ने बुधवार को रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है और स्टार्टअप से आवेदन मंगाए हैं.
ऐसे मदद करेगा MAARG Portal
MAARG Portal तीन फेज में काम करने वाला है.
MAARG Portal के पहले चरण को पूरा कर लिया गया है. इसके तहत अलग-अलग सेक्टर के 400 से ज्यादा एक्सपर्ट को इस पोर्टल पर ऑनबोर्ड कर लिया गया है. एकेडेमिक्स, इंडस्ट्री एक्सपर्ट, सफल स्टार्टअप फाउंडर, इंवेस्टर्स के साथ कनेक्ट करने में यह portal मदद करेगा. साथ ही, वर्ल्ड लेवल के एडवाइजर्स और एक्सपर्ट से जुड़ने की सहूलियत इस प्लेटफार्म पर उपलब्ध रहेगी.
इसके दुसरे चरण में सरकार देशभर के स्टार्टअप को इस पोर्टल से जोड़ने की तैयारी कर रही है.
आखिरी चरण में मेंटर्स और स्टार्टअप को आपस में जोड़ा जाएगा. इसके बाद MAARG के जो मायने हैं, उन बिंदुओं पर काम किया जाएगा. इससे ऑनबोर्ड आए स्टार्टअप को अपने-अपने सेक्टर के साथ जुड़कर अपने आइडिया को एक्सपैंड करने का मौका मिलेगा. स्टार्टअप और एक्सपर्ट को मिलाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद ली जाएगी.
इसके अलावा स्टार्टअप और MSMEs बिज़नेस के लिए सरकार ने 5 अन्य योजनाएं भी शुरू की हुई हैं- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड (सीजीटीएसएमई), प्रमाणन योजना, टेक्नोलॉजी उन्नयन के लिए क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी (CLCSS), एमएसएमई के लिए डिजाइन क्लिनिक.
Edited by Prerna Bhardwaj