12 और हवाईअड्डों के निजीकरण की तैयारी कर रही सरकार, अडानी ग्रुप ने कहा- ‘हम पूरी तरह तैयार’
फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के केंद्रीय बजट से पहले विमानन मंत्रालय एसेट मॉनेटाइजेशन के जरिए 20,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है.
फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के दौरान केंद्र सरकार 11-12 और हवाईअड्डों को निजीकरण का रास्ता साफ करने जा रही है. वहीं, पहले चरण के सभी छह हवाईअड्डों का अधिग्रहण करने वाला अडानी ग्रुप इन सभी हवाईअड्डों के अधिग्रहण के लिए तैयार है.
दरअसल, फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के केंद्रीय बजट से पहले विमानन मंत्रालय एसेट मॉनेटाइजेशन के जरिए 20,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. ईटीनाउ ने सोमवार को अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी. मंत्रालय विमानन सेक्टर में और अधिक प्राइवेट इंवेस्टमेंट लाना चाहता है और वह बजट में इसकी घोषणा कर सकता है.
प्राइवेटाइजेशन के लिए रायपुर, जयपुर, विजयवाड़ा, कोलकाता और इंदौर सहित 11-12 हवाई अड्डों की सूची तैयार की गई है. मंत्रालय हवाईअड्डों के प्राइवटाइजेशन के माध्यम से 8,000 करोड़ रुपये से अधिक हासिल करने का लक्ष्य बना रहा है. 1 फरवरी को बजट में प्राइवटाइजेशन की घोषणा के बाद इस संबंध में एक नोट को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
वहीं, दूसरी तरफ अडानी ग्रुप ने कहा है कि वह और हवाईअड्डों के प्राइवेटाइजेशन के लिए सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहा है और सरकारी नीलामी के माध्यम से कई अन्य हवाईअड्डों के अधिग्रहण करने को लेकर महत्वाकांक्षी है.
अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड के सीईओ अरुण बंसल ने कहा कि हम सभी की तरह सरकार के दिशानिर्देशों के आने का इंतजार कर रहे हैं। अटकलें यह हैं कि इस बार 11 हवाई अड्डों पर बोली लगाई जाएगी और हम आरएफक्यू (योग्यता के लिए अनुरोध) के नियमों और शर्तों को देखेंगे और उसके अनुसार, हम निर्णय लेंगे कि क्या कोई संपत्ति है जो हमारे लिए मूल्यवान है और क्या उस एयरपोर्ट के जरिए हम देश के लिए योगदान दे सकते हैं.
बता दें कि, फरवरी 2019 में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह ने लखनऊ, मंगलुरु, अहमदाबाद, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम सहित छह एएआई हवाई अड्डों के लिए बोलियां जीती थीं.
समूह ने सरकारी कंपनी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को प्रति यात्री शुल्क के आधार पर भुगतान किया है। समूह को 50 सालों केलिए हवाई अड्डों के ऑपरेशन, प्रबंधन और विकास की जिम्मेदारी मिली है.
इसके साथ ही, अडानी ग्रुप ने जुलाई 2021 में मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे में जीवीके ग्रुप की 50.5 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर ली और एसीएसए ग्लोबर लिमिटेड और बिड सर्विसेज डिविजन (मॉरिशस) लिमिटेड (बिडवेस्ट) से 23.5 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की. इसके साथ ही अडानी ग्रुप को नवी मुंबई हवाईअड्डे को बनाने और ऑपरेट करने का अधिकार मिल गया.
बता दें कि, केंद्र सरकार की नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के तहत 2022 से 2025 के बीच कुल 25 हवाई अड्डों का निजीकरण करने की योजना है.
Edited by Vishal Jaiswal