सरकार ने स्टार्टअप्स को दिया 7,385 करोड़ रुपये का फंड
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा 2016 में स्टार्टअप इंडिया (Startup India) पहल के तहत लॉन्च किए गए फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स (Fund of Funds for Startups - FFS) ने 24 सितंबर, 2022 तक 88 वैकल्पिक निवेश निधियों (Alternative Investment Funds - AIFs) के लिए 7,385 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता की है. बदले में, इन AIFs ने 720 स्टार्टअप्स में 11,206 करोड़ रुपये का निवेश किया है. FFS भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में घरेलू पूंजी जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं.
FFS की घोषणा 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ की गई थी. इस कोष का निर्माण भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा बजटीय सहायता के माध्यम से 14वें एवं 15वें वित्त आयोग चक्रों (वित्त वर्ष 2016-2020 एवं वित्त वर्ष 2021-2025) की अवधि के दौरान किया जाना है. FFS के तहत, सेबी द्वारा पंजीकृत AIFs को सहायता दी जाती है जो इसके बदले स्टार्टअप्स में निवेश करते हैं.
FFS ने न केवल स्टार्टअप्स के लिए अर्ली-स्टेज, सीड फंडिंग एवं ग्रोथ-स्टेज में पूंजी उपलब्ध कराई है बल्कि घरेलू पूंजी जुटाने, विदेशी पूंजी पर निर्भरता कम करने, और घरेलू तथा नए उद्यम पूंजी निधियों को प्रोत्साहित करने के मामले में भी एक उत्प्रेरक की भूमिका का निर्वहन किया है. सामूहिक रूप से, FFS द्वारा सहायता प्राप्त AIFs के पास 48,000 करोड़ रुपये से अधिक का लक्ष्य कोष है. FFS के तहत सहायता प्राप्त प्रमुख स्टार्टअप कंपनियों के अग्रणी AIFs में Chiratae Ventures, India Quotient, Blume Ventures, IvyCap, Waterbridge, Omnivore, Aavishkaar, JM Financial, Fireside Ventures तथा और कई शामिल हैं.
FFS के तहत प्रतिबद्ध राशि में पिछले कुछ वर्षों के दौरान उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है और योजना के प्रारंभ होने के बाद से 21 प्रतिशत से अधिक की सीएजीआर दर्ज की गई है.. इसके अतिरिक्त, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) जो स्कीम के प्रचालनगत होने के लिए उत्तरदायी है, ने हाल ही में सुधारों की एक श्रृंखला आरंभ की है जिससे कि FFS के तहत सहायता प्राप्त AIFs को क्विक ड्राडाउन अर्जित करने में सक्षम बनाने के लिए ड्राडाउन में तेजी लाई जा सके. इसने एक सकारात्मक प्रभाव सृजित किया है और इसका परिणाम ड्राडाउन की राशि में वर्ष दर वर्ष (वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में) के आधार पर 100 प्रतिशत का उछाल के रूप में आया है.
FFS ने AIFs सहायता प्राप्त 88 में से 67 AIFs की मूलभूत रूप से मदद की है और इनमें से 38 पहली बार वाले फंड मैनेजर हैं जो भारतीय स्टार्टअप्स के लिए वेंचर कैपिटल निवेशों की आरंभिक सहायता करने के FFS के मूल उद्वेश्य के अनुरुप है.
पात्र स्टार्टअप्स में निवेश FFS डिस्बर्सल का लगभग 3.7 गुना है जो योजना के तहत निर्धारित न्यूनतम 2 गुना से बहुत अधिक है. FFS के माध्यम से सहायता प्राप्त निष्पादनकारी स्टार्टअप्स वैल्यूएशन में 10 गुना से अधिक वृद्धि प्रदर्शित कर रहे हैं और उनमें से कई यूनिकॉर्न का दर्जा (1 बिलियन डॉलर से अधिक का वैल्यूएशन) भी अर्जित कर रहे हैं. FFS के माध्यम से वित्त पोषित कुछ उल्लेखनीय स्टार्टअप्स में Dunzo, CureFit, FreshToHome, Jumbotail, Unacademy, Uniphore, Vogo, Zostel, Zetwerk आदि शमिल हैं. इन स्टार्टअप्स तथा सृजित इनोवेटर्स की सफलता से उत्पन्न रिटर्न भारत के भीतर ही रहेगा तथा रोजगार पैदा करने और संपदा के सृजन को सुगम बनाएगा.