दिवाली से पहले बढ़ सकते हैं पार्किंग चार्ज, जानिए क्यों
आने वाले दिनों में संभावित हवा की खराब क्वॉलिटी को देखते हुए दिल्ली-NCR में ग्रेप का दूसरा चरण लागू कर दिया गया है. जिसके तहत कई तरह के प्रतिबंध प्रभावी हो गए हैं.
दीपावली के दौरान अक्सर दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है. इसे देखते हुए एहतियाती तौर पर दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान के दूसरे चरण को पांच दिन पहले ही लागू कर दिया गया है. कायदे से ये नियम 22 अक्टूबर की AQI के हिसाब से लागू होते हैं.
एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट ने इस संबंध में बुधवार को इमरजेंसी बैठक बुलाई थी. एयर क्वॉलिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के हिसाब से दिल्ली का AQI 22 अक्टूबर को 301 के पार जा सकता है. ये सभी प्रतिबंध फेज 1 की पाबंदियों के ऊपर से होंगे. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने बैठक के बाद ये आदेश जारी किए हैं. उम्मीद है कि इस कदम से दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता और अधिक नहीं बिगड़ेगी.
इनके अलावा दिल्ली एनसीआर के इलाकों में तत्काल प्रभाव से 12 पॉइंट एक्शन प्लान लागू कर दिया गया है. आइए जानते हैं कि ग्रेप के दूसरे चरण के तहत कौन-कौन से प्रमुख प्रतिबंध लगाए गए हैं.
-नए नियम कानून लागू होते ही दिल्ली एनसीआर के इलाकों में इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ कर सभी जगह डीजल जेनरेटरों के चलाने पर पर रोक होगी.
-होटल, रेस्त्रां, ढाबों, भोजनालयों में कोयले, लकड़ी और तंदूर का इस्तेमाल भी नहीं हो सकेगा.
-रोजाना सड़कों की मैकेनिकल/वैक्यूम के जरिए सफाई होगी.
- होटल, रेस्त्रां और खुले में खाना परोसने वाली जगहों को इलेक्ट्रिसिटी या क्लीन फ्यूल गैस वाले अप्लाएंसेज का ही इस्तेमाल करना होगा.
- प्राइवेट ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल घटाने के लिए पार्किंग चार्ज बढ़ाए जा सकते हैं.
-कंस्ट्रक्शन साइटों पर एंटी स्मॉग गंस का इस्तेमाल करना होगा.
- जेनरेटर्स की जरूरत न पड़े इसलिए चौबीस घंटे पावर सप्लाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है.
कमिटी ने नागरिकों से भी इस दौरान निजी गाड़ियों की बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने को कहा है. साथ में गाड़ियों में एयर फिल्टर को तय समय के हिसाब से बदलने की सलाह दी है. ऐसी कंस्ट्रक्शन गतिविधियों से भी बचने को कहा जिनसे धूल होती हो.
आपको बता दें कि GRAP ऐसे इमरजेंसी उपाय हैं जिन्हें हवा की गुणवत्ता के एक खतरनाक स्तर पर पहुंचते ही लागू कर दिया जाता है. ग्रेप का स्टेज 1 तब लागू किया जाता है जब AQI खराब कैटिगरी में होता है. दूसरा, तीसरा और चौथा स्टेज AQI के क्रमशः ‘बहुत खराब’ स्तर (301 से 400), गंभीर (401 से 450), और गंभीर+ ( 450 से ऊपर) पर पहुंचने के तीन दिन पहले लागू किया जाता है.
Edited by Upasana