बोनसाई तकनीक से पौधे उगाकर शुरू करें 40 हज़ार रुपये हर महीने की कमाई, तेजी से बढ़ रहा है इसका बाज़ार
बोनसाई तकनीक से उगे पौधों की मांग बाज़ार में बड़ी तेजी से बढ़ रही है और यह किसी के लिए भी उभरता हुआ व्यवसाय बन सकता है।
अपनी घरों में हरे-भले माहौल को कौन पसंद नहीं करता। लोग बड़े शौक के साथ अपने घर में गमले लाकर उनमें पौधे लगाते हैं और उनकी देखभाल करते हैं, लेकिन अगर आपका यह शौक आपकी अच्छी कमाई का एक जरिया बन जाये तो कैसा रहेगा? जी ये बिल्कुल संभव है और इसमें कमाई को लेकर काफी संभावनाएं भी हैं।
जापानी तकनीक बोनसाई आज पौधों के शौकीन लोगों का ना सिर्फ ध्यान अपनी ओर खींच रही है, बल्कि लोग इसे पार्ट टाइम या फुल टाइम व्यवसाय की तरह भी अपना रहे हैं। बोनसाई तकनीक से उगे पौधों की मांग बाज़ार में बड़ी तेजी से बढ़ रही है और यह किसी के लिए भी उभरता हुआ व्यवसाय बन सकता है।
क्या होती है बोनसाई?
बोनसाई तकनीक के जरिये बौने पेड़-पौधों को छोटे गमलों या प्लेटों में उगाया जाता है। दरअसल इस तकनीक के जरिये उगाये जाने वाले छोटे पेड़ अपने बड़े पेड़ की रेप्लिका ही होते हैं। इस तकनीक के जरिये उगये जाए वाले पेड़ों में सजावटी वृक्ष से लेकर फलदार पौधे भी शामिल हो सकते हैं।
बोनसाई तकनीक से पौधे उगाने के तरीके को समझने के लिए आप यूट्यूब का सहारा भी ले सकते हैं। अच्छी बात तो ये है कि इसके लिए आपको बहुत अधिक निवेश की कोई आवश्यकता नहीं है। आप इस काम को 25 हज़ार रुपये तक के निवेश के साथ आराम से खड़ा कर सकते हैं।
कितना है लाभ?
बोनसाई के एक पौधे की कीमत 5 हज़ार रुपये से लेकर 15 हज़ार रुपये या उससे भी अधिक हो सकती है, लेकिन आपको यह भी समझना होगा कि बोनसाई को उगाने के लिए थोड़े अधिक समय और धैर्य की आवश्यकता होती है। बोनसाई तकनीक से पौधे उगाने के लिए आपको खाद और मिट्टी जैसी जरूरी चीजें अपने आस-पास ही मिल जाएंगी।
बोनसाई तकनीक के जरिये आम, अनार, फर, नाशपाती, पीपल, लीची, चमेली और बोगनवेलिया जैसे वृक्ष की छोटे आकार की रेप्लिका को तैयार किया जा सकता है, जो लोगों का ध्यान अपनी खींचने में पूरी तरह से सक्षम हैं।
आजीविका का साधन
आज कई लोग ऐसे हैं जिन्होने बोनसाई को अपनी फुल-टाइम आमदनी का जरिया बना लिया है। 100 से अधिक बोनसाई कलेक्शन के साथ सामान्य तौर पर ये 30 से 40 हज़ार रुपये महीने की कमाई कर रहे हैं, जबकि इनकी शुरुआती लागत 25 हज़ार रुपये ही थी। उत्तर प्रदेश के बागपत में रहने वाले विकास उज्ज्वल ने अपने इसी शौक को अब एक बेहतर रोजगार में तब्दील कर लिया है और आज उनके कलेक्शन में 4 हज़ार से अधिक बोनसाई पौधे हैं।
पुणे की प्राजक्ता काले तो बीते 35 वर्षों से बोनसाई की खेती कर रही हैं और उनके पास एक ही स्थान पर सबसे अधिक बोनसाई पौधों का सबसे बड़ा संग्रह रखने का गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है। प्राजक्ता ने खुद भी इसे महज एक शौक के तौर पर शुरू किया था, लेकिन अब उन्हे बोनसाई में डॉक्टरेट से नवाजा जा चुका है।
आज देश में बोनसाई को लेकर अपार संभावनाएं हैं। अभी इस तकनीक के देश में अधिक प्रचलित ना होने के बावजूद बाज़ार में इसकी बढ़ती मांग ने कई अवसर उपलब्ध कराये हैं। आप बोनसाई की खेती कर सकते हैं, अपने बोनसाई कलेक्शन को म्यूजियम में बदल सकते हैं या एक बार इसमें महारत हासिल करने के बाद आप बतौर बोनसाई एक्सपर्ट भी आगे बढ़ सकते हैं।