इस IPO पर टूट पड़े हैं निवेशक, एक-एक शेयर के लिए 75 दावेदार, लिस्टिंग के दिन ही दोगुने हो सकते हैं पैसे?
हर्षा इंजीनियर्स के आईपीओ को निवेशकों ने 75 गुना सब्सक्राइब किया है. इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम भी तेजी से बढ़ रहा है. क्या यह शेयर लिस्टिंग के दिन ही निवेशकों के पैसे डबल कर सकता है?
शेयर बाजार में लगातार आ रही गिरावट के बीच पिछले कुछ दिनों से एक IPO को लेकर काफी चर्चा हो रही है. Harsha Engineers IPO पर निवेशक इस कदर टूटे हैं कि यह इस साल का सबसे अधिक सब्सक्राइब होने वाला आईपीओ बन गया है. आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि इसे 74.70 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है. यानी हर शेयर के लिए औसतन 75 दावेदार हैं. इस शेयर पर यूं ही लोग नहीं टूट रहे हैं, ग्रे मार्केट (GMP) में इसका प्रीमियम भी करीब 70 फीसदी पर पहुंच चुका है. अभी शेयर को लिस्ट में होने कई दिन बाकी हैं. ऐसे में मुमकिन है कि लिस्टिंग (IPO Listing) तक इसका जीएमपी और बढ़ जाए. कयास तो यहां तक लगाए जाने लगे हैं कि यह शेयर लिस्टिंग वाले दिन ही निवेशकों के पैसे डबल करने की ताकत रखता है.
क्या है आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम?
यह आईपीओ 14 सितंबर को खुला था और 16 सितंबर को बंद हुआ. हर्षा इंजीनियर्स के आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम इस रविवार यानी 18 सितंबर को 240 रुपये (70 फीसदी) पर पहुंच गया है. इस शेयर की ऊपरी प्राइस बैंड 330 रुपये है. यानी उस हिसाब से उम्मीद जताई जा रही है कि यह शेयर करीब 570 रुपये पर लिस्ट हो सकता है. बता दें कि ग्रे मार्केट वह होता है, जहां किसी कंपनी के शेयर ट्रेडर्स को अनाधिकारिक रूप से ऑफर किए जाते हैं.
IPO से मिले पैसों का क्या करेगी कंपनी?
आईपीओ से प्राप्त होने वाली आय का इस्तेमाल कंपनी ऋण भुगतान, मशीनरी की खरीद के लिए कार्यशील पूंजी और मौजूदा उत्पादन सुविधाओं के बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए करेगी.निर्गम का आधा हिस्सा योग्य संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित रखा गया है, जबकि खुदरा निवेशकों के लिए 35 प्रतिशत और शेष 15 प्रतिशत गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित है. आईपीओ के लिए एक्सिस कैपिटल, इक्विरस कैपिटल और जेएम फाइनेंशियल लीड मैनेजर हैं, जबकि लिंक इनटाइम इंडिया को रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है.
कंपनी एंकर इन्वेस्टर्स से पहले ही जुटा चुकी है 225.75 करोड़ रुपये
हर्षा इंजीनियरिंग, ऑटोमोटिव, एविएशन, एयरोस्पेस, रेलवे, कंस्ट्रक्शन, रिन्युएबल एनर्जी, एग्रीकल्चर आदि समेत विभिन्न जियोग्राफीज व एंड यूजर इंडस्ट्रीज में विविध प्रकार के इंजीनियरिंग प्रॉडक्ट्स की पेशकश करती है. कंपनी 25 से ज्यादा देशों में अपनी सेवाएं देती है. कंपनी ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि हर्षा इंजीनियर्स ने 330 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर 68.4 लाख इक्विटी शेयरों को अलॉट कर ग्लोबल और डॉमेस्टिक एंकर इन्वेस्टर्स से 225.75 करोड़ रुपये जुटाए हैं. एंकर बुक में अमेरिकन फंड्स इंश्योरेंस, गोल्डमैन सैक्स, पाइनब्रिज ग्लोबल फंड्स, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, व्हाइटओक कैपिटल और कई डॉमेस्टिक म्यूचुअल फंड्स ने हिस्सा लिया.
तो पैसे लगाना सही फैसला या नहीं?
शेयर इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और रिसर्च हेड रवि सिंह के अनुसार हर्षा इंजीनियर्स मजबूत स्थिति बनाए हुए है और उद्योगों में बढ़ती बेयरिंग केज की मांग को पूरा करने के लिए अच्छी तरह तैयार है. कंपनी के पास सटीक इंजीनियरिंग के कई पोर्टफोलियो हैं. बात अगर भारत की करें तो यहां के 50 फीसदी बेयरिंग केज के बिजनस मार्केट पर कंपनी का कब्जा है. वहीं ग्लोबल मार्केट में भी कंपनी की 6.5 फीसदी की हिस्सेदारी है. ऐसे में इस कंपनी का फंडामेंटल बहुत ही शानदार है और साथ ही लोगों की इसमें रुचि भी खूब देखने को मिली है. जिन लोगों ने भी इसें पैसे लगाए हैं, उन्हें तगड़ा फायदा होने की पूरी उम्मीद है.