HDFC बैंक, मास्टरकार्ड, USAID और DFC ने भारत में MSMEs के लिए शुरू की $100 मिलियन की ऋण सुविधा
यह ऋण सुविधा उन छोटे व्यवसायों को कार्यशील पूँजी ऋण प्रदान करेगी, जिन्हें अपने डिजिटलीकरण और महामारी के प्रभाव से उबरने के लिए वित्तपोषण की आवश्यकता है। यह सुविधा विशेष रूप से उन नए कर्ज लेने वाले ग्राहकों के लिए उपलब्ध होगी और इसमें कम से कम 50% महिला उद्यमी का लक्ष्य रखा गया है।
HDFC बैंक, मास्टरकार्ड, यूएस इंटरनैशनल डिवेलपमेंट फाइनैंस कॉरपोरेशन (DFC) और यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डिवेलपमेंट (USAID) ने आज भारत में लघु व्यवसायों को डिजिटलीकरण के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 100 मिलियन डॉलर की ऋण सुविधा की शुरुआत की है। इसमें भारतीय कारोबारों विशेष रूप से महिलाओं के स्वामित्व वाले कारोबारों को मदद करना शामिल है, ताकि उन्हें महामारी के आर्थिक दुष्प्रभावों से निपटने में आसानी हो सके।
कोविड-19 का छोटे व्यवसायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिससे कई लोगों को अपने व्सयवायों को समय से पहले बंद करना पड़ा है। इसके अतिरिक्त, महामारी की वजह से डिजिटल भुगतान में आई तेजी की वजह से छोटे कारोबारों को प्रतिस्पर्धी बने रहने और ग्राहकों की वफादारी बनाए रखने के लिए बदलते बाजार की गतिशीलता और उपभोक्ता की प्राथमिकताओं के अनुकूल होना होगा।
नई ऋण सुविधा का उद्देश्य छोटे व्यवसायों को ऋण देना है, जिन्हें अपना परिचालन बनाए रखने और विकसित करने के लिए वित्तपोषण की आवश्यकता है। साथ ही महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों का समर्थन करने पर जोर देने के साथ डिजिटलीकरण के माध्यम से रिकवरी की प्रक्रिया को सक्षम करना है।
HDFC बैंक के वाणिज्यिक और ग्रामीण बैंकिंग के ग्रुप हेड, राहुल शुक्ला ने कहा कि, “HDFC बैंक को भारत में छोटे व्यवसायों का समर्थन करने के प्रयास में मास्टरकार्ड, USAID और DFC के साथ हाथ मिलाने पर गर्व है। MSMEs भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और मौजूदा महामारी ने उनके जीवन और व्यवसायों को प्रभावित किया है। हमारा मानना है कि यह साझेदारी न केवल क्रेडिट बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि उन्हें अपने व्यवसायों के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण के मामले में सलाह और सहायता भी मुहैया कराएगी। भारत में महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और उनकी उद्यमशीलता की यात्रा में एक सार्थक भागीदार बनने की हमारी प्रतिबद्धता इस पहल का मुख्य आकर्षण है।”
USAID इंडिया की मिशन डायरेक्टर, वीणा रेड्डी ने कहा कि, “USAID का मानना है कि लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण न केवल विकास का हिस्सा हैं बल्कि इसका मूल आधार है। कोविड-19 महामारी ने महिलाओं को असमान रूप से प्रभावित किया है और उन्हें आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जो सीधे उनके परिवारों और समुदायों की आजीविका को प्रभावित करती हैं। इस साझेदारी के माध्यम से USAID महिलाओं के स्वामित्व वाले लघु व्यवसायों और उद्यमियों के लिए वित्त को सुलभ और सुविधाजनक बनाने और डिजिटलीकरण यात्रा का समर्थन करने में मदद करेगा ताकि उन्हें महामारी से उबरने और अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद मिल सके।”
DFC के विदेशी मामला कार्यालय के वाइस प्रेसिडेंट और ग्लोबल जेंडर इक्विटी इनिशिएटिव्स के प्रमुख, अल्जीन साजेरी ने कहा कि, “भारत में लधु व्यवसाय, विशेषकर स्त्रियों के स्वामित्व वाले व्यवसाय डिजिटलीकरण, आधुनिकीकरण करने और अधिक रेजिलिएंट बनने का विचार कर रहे हैं और हमें उनके लिए वित्तीयन का विस्तार करने हेतु इस साझेदारी में शामिल होकर गर्व हो रहा है। यह वित्तपोषण भारत में महिलाओं को श्रम शक्ति में बने रहने, उद्यमियों के रूप में सफल होने और आर्थिक रूप से अधिक सशक्त बनने में सक्षम बनाएगा, जिससे कोविड-19 के बाद लिंग का विचार किये बिना आर्थिक स्थिरता, जीडीपी रोजगार में वृद्धि होगी।”
मास्टरकार्ड के दक्षिण एशिया के डिवीजन प्रेसिडेंट, निखिल साहनी ने कहा कि, “निजी क्षेत्र, सरकार और परिप्कार की शक्ति के साथ संरेखित साझेदारी महामारी से और अधिक मजबूत होकर वापसी करने के लिए काफी महत्वपूर्ण है। HDFC बैंक, USAID और DFC के साथ मास्टरकार्ड की साझेदारी समय के मुताबिक है क्योंकि यह MSMEs को उनकी डिजिटलीकरण यात्रा में समर्थन देने के लिए बहुत आवश्यक वित्तपोषण मुहैया कराते हुए डिजिटल अर्थव्यवस्था में अधिक भागीदारी के माध्यम से रेजिलिएंस का निर्माण करेगी।”
साझेदारी कैसे काम करेगी?
● लघु व्यवसायों और महिला उद्यमियों को डिजिटल अर्थव्यवस्था को ताकत देने वाले नेटवर्क से जुड़ने में सक्षम बनाने के लिए, HDFC बैंक अपने वर्तमान ग्राहक आधार से आगे बढ़कर इस ऋण सुविधा का कम से कम 50% नए छोटे व्यवसाय कर्जदारों को उपलब्ध कराएगा। इस सुविधा के अंतर्गत कुल ऋणियों में कम से कम 50% महिला उद्यमियों को दिया जाएगा। HDFC बैंक अपने विस्तृत राष्ट्रव्यापी शाखा नेटवर्क के माध्यम से ऋण वितरित करेगा।
● भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और सभी भारतीय व्यापारियों के परिसंघ (CAIT) के साथ मौजूदा सहयोग के माध्यम से मास्टरकार्ड छोटे व्यापार मालिकों को उनके डिजिटलीकरण विकल्पों पर कौशल प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करेगा। समावेशी विकास के लिए मास्टरकार्ड सेंटर उन्हें राष्ट्रव्यापी परोपकारी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के माध्यम से अपना राजस्व बढ़ाने में भी मदद करेगा। यह पहल भारत में छोटे व्यवसायों को कोविड-19 के प्रभाव से उबरने योग्य बनाने के लिए मास्टरकार्ड की 33 मिलियन डॉलर (250 करोड़ रुपये) के प्रावधान का हिस्सा है।
● DFC और USAID छोटे व्यवसाय के मालिकों को HDFC बैंक के ऋण को जोखिम से मुक्त करके ऋण सुविधा प्रदान कर रहे हैं। DFC का निवेश उसकी 2X महिला पहल का समर्थन करता है, जिसके माध्यम से एजेंसी उन परियोजनाओं में निवेश करती है जो महिलाओं के नेतृत्व में या महिलाओं के स्वामित्व में हैं, या ऐसे उत्पाद और सेवाएँ प्रदान करती हैं जो महिलाओं को सशक्त बनाती हैं। यह कार्यक्रम भारत में USAID की कोविड-19 की चुनौती से निपटने की प्रतिक्रिया के साथ-साथ इसकी विश्वव्यापी महिला आर्थिक सशक्तीकरण कोष पहल का हिस्सा है।