त्योहारों के दौरान यात्री वाहनों की भारी मांग, सितंबर में थोक बिक्री में जबरदस्त इजाफा
सियाम के आंकड़ों के अनुसार, दोपहिया वाहनों की बिक्री भी सितंबर, 2022 में 13 प्रतिशत बढ़कर 17,35,199 इकाई हो गई. सितंबर 2021 में यह 15,37,604 इकाई रही थी.
त्योहारों के दौरान मांग में मजबूती के चलते देश में यात्री वाहनों (पीवी) की थोक बिक्री पिछले महीने सालाना आधार पर 92 प्रतिशत बढ़कर 3,07,389 इकाई पर पहुंच गयी. वाहन बनाने वाली कंपनियों के संगठन सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने यह जानकारी देते हुए कहा कि त्योहारी सीजन में मजबूत मांग के चलते यह वृद्धि देखी गई है. सितंबर 2021 में 1,60,212 यात्री वाहनों की डीलरों को आपूर्ति करायी गयी थी.
सियाम के आंकड़ों के अनुसार, दोपहिया वाहनों की बिक्री भी सितंबर, 2022 में 13 प्रतिशत बढ़कर 17,35,199 इकाई हो गई. सितंबर 2021 में यह 15,37,604 इकाई रही थी. वहीं इस दौरान मोटरसाइकिल की बिक्री 18 प्रतिशत बढ़कर 11,14,667 इकाई हो गई. एक साल पहले समान अवधि में यह 9,48,161 इकाई थी. पिछले महीने स्कूटर की बिक्री नौ प्रतिशत बढ़कर 5,72,919 इकाई रही, जो एक साल पहले 5,27,779 इकाई थी.
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में पीवी की बिक्री 38 प्रतिशत बढ़कर 10,26,309 इकाई पर पहुंच गई. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 7,41,442 इकाई थी. सभी श्रेणियों में कुल बिक्री बढ़कर 60,52,628 इकाई हो गई. एक साल पहले की समान अवधि में यह 51,15,112 इकाई थी.
चिप आपूर्ति में सुधार और त्योहारी मांग का असर
त्योहारी मौसम में मांग बढ़ने और चिप आपूर्ति में सुधार आने से देश में घरेलू यात्री वाहन उद्योग की सितंबर की बिक्री में सालाना आधार पर बड़ा उछाल आया है. पिछले वर्ष सेमीकंडक्टर की कमी होने से वाहन आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई थी लेकिन इस वर्ष उद्योग की मासिक बिक्री सबसे अच्छी रही है.
सितंबर में कुल 3,55,946 यात्री वाहनों की घरेलू बिक्री हुई थी जो एक साल पहले की तुलना में 91 फीसदी अधिक थी. यही नहीं, दूसरी तिमाही की बिक्री भी 10 लाख के आंकड़े को पार कर गई थी. मारुति सुजुकी, हुंडई और टाटा मोटर्स जैसी अग्रणी वाहन कंपनियां चिप की कमी में सुधार होने से पिछले महीने डीलरों को अधिक आपूर्ति कर पाईं.
इस महीने की शुरुआत में वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एसीएमए) और मैकिंजी की संयुक्त रूप से तैयार रिपोर्ट में कहा गया था कि घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में 2030 तक दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री तेजी से बढ़ने की उम्मीद है. इस श्रेणी के तहत कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों की हिस्सेदारी क्रमश: 50 और 70 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.
रिपोर्ट में कहा गया था कि विद्युतीकरण की धीमी रफ्तार की वजह से भारतीय यात्री और भारी वाणिज्यिक वाहन खंड में परंपरागत ईंजन (पेट्रोल और डीजल) का दबदबा कायम रहेगा.
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Edited by Vishal Jaiswal