हिमाचल की बेटी ने रच दिया इतिहास, पुमोरी चोटी फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं बलजीत कौर
बलजीत ने बताया है कि उनके लिए वह क्षण किसी सपने से कम नहीं था जब उन्होने नेपाल स्थित पुमोरी चोटी को फतह करते हुए वहाँ पर तिरंगा लहराया।
"बलजीत कौर को शुरुआत से ही पर्वतारोहण का शौक था और उनके इसी शौक ने उनके नाम एक इतिहास रच दिया है। हिमांचल प्रदेश के सोलन में एक छोटे से परिवार से आने वाली बलजीत का शुरुआती जीवन आर्थिक परेशानियों के साथ गुजरा है, लेकिन बलजीत ने अपने सपने के लिए इन सभी चुनौतियों को बौना साबित करने का काम किया है।"
हिमाचल की इस बेटी ने वो कमाल कर दिखाया है जो पहले कभी नहीं हुआ। सोलन जिले की रहने वाली बलजीत कौर ने नेपाल की सबसे ऊंची चोटियों में शुमार पुमोरी को फतह कर इतिहास रच दिया है।
मीडिया के साथ हुई बातचीत में बलजीत ने बताया है कि उनके लिए वह क्षण किसी सपने से कम नहीं था जब उन्होने नेपाल स्थित पुमोरी चोटी को फतह करते हुए वहाँ पर तिरंगा लहराया।
मालूम हो कि बलजीत ने जिस चोटी को फतह किया है वह 7 हज़ार 161 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। नेपाल में रहने के दौरान पर्वतारोही दल ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा नियमों का पूरी तरह पालन भी किया है।
बचपन में ही तय किया लक्ष्य
बलजीत कौर को शुरुआत से ही पर्वतारोहण का शौक था और उनके इसी शौक ने उनके नाम एक इतिहास रच दिया है। हिमांचल प्रदेश के सोलन में एक छोटे से परिवार से आने वाली बलजीत का शुरुआती जीवन आर्थिक परेशानियों के साथ गुजरा है, लेकिन बलजीत ने अपने सपने के लिए इन सभी चुनौतियों को बौना साबित करने का काम किया है।
बलजीत जब कक्षा 2 में थीं तब ही उन्होने अखबार में एवरेस्ट फतह करने वाली एक महिला की सफलता की खबर पढ़ी थी और उसी क्षण उन्होने यह तय कर लिया था कि वो भी आगे चलकर पहाड़ों पर चढ़ाई करेंगी।
रच दिया इतिहास
बलजीत ने यह कीर्तिमान इसी साल 12 मई की सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर रचा है। अब इसी के साथ बलजीत पुमोरी की चोटी को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला पर्वतारोही बन गई हैं। बलजीत के ठीक बाद पर्वतारोहण समूह की गुणबाला शर्मा ने शिखर फतह किया है।
मीडिया से बात करते हुए बलजीत ने बताया है कि उनका चयन पुमोरी चोटी पर चढ़ाई करने के लिए ही हुआ था और उन्होने यह सफलतापूर्वक कर दिखाया है। पर्वतारोहण के लिए पुमोरी को दुनिया की सबसे कठिन चोटियों में से एक माना जाता बलजीत ने बीते 6 सालों में तमाम प्रशिक्षण संस्थानों की मदद से पर्वतारोहण का प्रशिक्षण लिया है।
गौरतलब है कि बलजीत से पहले सिर्फ दो ही भारतीय पुरुष पर्वतारोहियों ने पुमोरी के शिखर को फतह किया है। ये पर्वतारोही कुल्लू के हेमराज और स्टेंजिन नोरबो हैं।
एवरेस्ट फतह करना है अगला लक्ष्य
पुमोरी चोटी फतह करने के बाद बलजीत को भारत वापस आने पर हर ओर सम्मान मिला है। अब आगे बढ़ते हुए बलजीत एवरेस्ट की चोटी फतह करना चाहती हैं और वो इसके लिए अपनी ट्रेनिंग को जल्द ही शुरू करने वाली हैं।
इसके पहले साल 2016 में बलजीत को NCC के माध्यम से एवरेस्ट पर चढ़ाई करने का मौका मिला था, लेकिन चोटी से ठीक 300 मीटर पहले ही उनके मास्क में कुछ तकनीकी खराबी आ गई जिसके चलते उन्हे अपने लक्ष्य के इतने नजदीक पहुँच कर वापस आना पड़ गया।
बलजीत अपनी सफलता का श्रेय अपने परिजनों को देती हैं। है। बलजीत कौर को इस पर्वतारोहण के लिए सोलन के व्यवसायियों से प्रायोजन भी मिला था।
पर्वतारोहण को लेकर बलजीत का मानना है कि आज देश के हर गाँव में प्रतिभा छिपी हुई है, लेकिन हमें उसे ढूंढकर आगे लाते हुए उसका समर्थन करने की जरूरत है।
Edited by Ranjana Tripathi