हिंग्लिश, बंगालिश, तमलिश: कार के वॉयस असिस्टेंट को बहुभाषीय टच देकर कैसे नया अनुभव दे रहा है कोलकाता का यह स्टार्टअप
एलेक्सा और गूगल इको ने हमारे घरों तक अपनी पहुंच बना ली है। एआई-आधारित वॉयस-असिस्टेंट का अब अगला निशाना हमारी कारों तक पहुंचने का है। हालांकि कारों के लिए एआई-आधारित वॉयस-असिस्टेंट पहले से ही मौजूद हैं, लेकिन इनके तेजी से प्रचलन में नहीं आने के पीछे एक बड़ी वजह यह रही है कि यह मुख्य रूप से सिर्फ एक भाषा- इंग्लिश (अमेरिकन) में उपलब्ध हैं। भारत जैसे बहुभाषीय देश के लिए यह एक बड़ी बाधा है।
एक सर्वे के अनुसार, कारों में मौजूद पश्चिमी अंदाज में बोलने वाले वॉयस असिस्टेंट को समझना किसी गैर-अमेरिकी यूजर्स के लिए, अमेरिकियों की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक कठिन है। इससे पहले तक जिन कंपनियों ने अपने सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराए, उनमें शब्दकोश सीमित और क्षेत्रीय भाषाओं का समर्थन काफी हद तक अनुपस्थित रहा है।
कोलकाता स्थित स्टार्टअप मिहप (Mihup) वाहनों के लिए अपने एआई-पावर्ड वर्नाक्यूलर वॉयस इंटरफेस के साथ इस भाषा की सीमा को दूर करने का प्रयास कर रहा है। स्टार्टअप ने ऑटोमोबाइल के लिए एक सॉफ्टवेयर-AVA ऑटो- विकसित किया है जो यूजर्स को कई भाषाओं में कार सिस्टम के साथ बातचीत करने की अनुमति देता है।
एक अनूठी पेशकश के तहत यह सिस्टम विभिन्न भारतीय बोलियों का समर्थन करता है, जिसमें 'हिंग्लिश' (हिंदी और अंग्रेजी) जैसे मिक्स स्लैंग भी शामिल हैं। जल्द ही यह 'तमिलिश' (तमिल और अंग्रेजी) और 'बंगालिश' (बंगाली और अंग्रेजी) के लिए भी AVA सपोर्ट शुरू करने वाली है। इसका इरादा 2022 तक सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं को कवर करने की है।
उत्पाद के ऑफलाइन मॉडल (वॉयस एआई ऑन द एज) को टाटा मोटर्स की दो कारों- टाटा अल्ट्रोज और टाटा नेक्सॉन के इंफोटेनमेंट सिस्टम के साथ जोड़ा गया है। स्टार्टअप ने करीब 50,000 टाटा कारों और अन्य वाणिज्यिक वाहनों में अपने समाधान लगाए हैं और जल्द ही दुपहिया वाहनों को भी इससे जोड़ने की योजना पर काम कर रही है। स्टार्टअप महीने-दर-महीने 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर रहा है और भारत में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में अपनी वर्नाक्यूलर वॉयस टेक्नोलॉजी में प्रवेश करने का लक्ष्य रखता है।
टेक्नोलॉजी एक, इस्तेमाल अनेक
मिहप, तपन बर्मन और बिप्लब चक्रवर्ती के दिमाग की उपज है। 2016 में कोलकाता से शुरू हुए इस प्लेटफॉर्म ने मुख्य रूप से कॉल सेंटरों के लिए कन्वर्सेशनल एआई सॉल्यूशंस और वॉयस-असिस्टेंट की शुरुआत की थी। इसने हाल ही में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में प्रवेश किया, जिसकी अब कुल कारोबार में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
को-फाउंडर और सीईओ तपन कहते हैं, "कॉल सेंटर एक बहुत बड़ा बाजार है और ऑटो से भी बड़ा है। आगे भी इस सेगमेंट से राजस्व में हिस्सेदारी अधिक बनी रहेगी। ऑटो सेगमेंट सिर्फ एक उदाहरण है कि सभी सेगमेंट में वॉयस टेक्नोलॉजी के साथ काफी कुछ किया जा सकता है।”
आने वाले समय में मिहुप का लक्ष्य उन डेवलपर्स को प्लेटफॉर्म देना है जो सभी एप्लिकेशन में अपनी पसंद का वॉयस अनुभव बनाने में सक्षम होंगे। प्लेटफॉर्म और वॉयस टेक्नोलॉजी किसी भी एक सेक्टर से नहीं जुड़ा है और इसे वियरेबल्स कैटेगरी में भी तैनात किया जा सकता है।
इसलिए यह प्लेटफॉर्म कई अनुप्रयोगों के लिए काम कर सकता है। हालांकि अभी स्टार्टअप ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर अपना ध्यान केंद्रित किया है, जहां वॉयस असिस्टेंट सहायता के लिए मांग और उपयोग का मामला अधिक है।
ऑटो प्लेटफॉर्म
मिहप के AVA ऑटो प्लेटफॉर्म की बात करें तो यह ऑनलाइन (क्लाउड या इंटरनेट कनेक्टिविटी का उपयोग करके), ऑफलाइन (इंटरनेट के बिना) और अन्य सुविधाओं के बीच हाइब्रिड कनेक्टिविटी विकल्प प्रदान करता है। सिस्टम मैनुअल स्विच की आवश्यकता के बिना यूजर्स के वॉयस कमांड के आधार पर प्रतिक्रिया करता है। तपन कहते हैं, यह सॉफ्टवेयर की अनूठी पेशकशों में से एक है।
इनके अलावा, यह टेक्नोलॉजी कार के ड्राइवर को एयर-कंडीशनिंग, एएम/एफएम, वॉल्यूम और म्यूजिक सिस्टम जैसे हैंड्स-फ्री वॉयस-आधारित कंट्रोल फंक्शन तक पहुंचने में सक्षम बनाती है। यह फोन कॉल करने और यूएसबी से म्यूजिक चलाने, नेविगेशन कमांड का समर्थन करने और वाहन की जानकारी के लिए प्राकृतिक भाषा समर्थन प्रदान करता है।
मिहप ने हाल ही में अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी नुआंस (Nuance) द्वारा पेश किए गए सॉफ्टवेयर को की जगह ली है, जिसका उपयोग टाटा मोटर्स अपनी वाहनों में स्मार्ट असिस्टेंट के लिए 2014 से कर रही थी। नुआंस का पेश किया गया इन-कार वॉयस अस्सिटेंट कुशल तो था, लेकिन इसका शब्दकोश और क्षेत्रीय भाषाओं को सपोर्ट सीमित था। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां मिहप सबसे पहले सक्रिय होने के लाभ का निर्माण कर रही है।
तपन कहते हैं, "यह एक सीमित कमांड सेट के साथ मौजूद समाधान था और यह यूजर्स को एक सहज अनुभव प्रदान नहीं कर रहा था। हमने पूरे हिस्से को बदल दिया, सहज भाषा को सपोर्ट करने वाला सिस्टम लाए, जो यूजर्स को स्वाभाविक रूप से बात करके कार में सब कुछ नियंत्रित करने में मदद करता है। बोली की पहचान और सटीकता हमारी प्रमुख खासियत है।”
खासियत
मिहप की तकनीक - मिश्रित भाषा सपोर्ट को समझने की क्षमता - को स्टार्टअप की तरफ से पेटेंट कराया गया है।
वॉयस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अमेजन, गूगल और एप्पल अपने उत्पादों एलेक्सा ऑटो (एलेक्सा कस्टम असिस्टेंट, इको ऑटो), एंड्रॉइड ऑटो और कारप्ले के जरिए सबसे बड़े नाम हैं। इन कंपनियों ने टोयोटा, बीएमडब्ल्यू और फोर्ड, हुंडई, होंडा और बीएमडब्ल्यू जैसी प्रमुख ऑटो कंपनियों के साथ साझेदारी करके वाहनों में अपनी वॉयस टेक्नोलॉजी को जोड़ा है। हम भारत में भी भविष्य के कुछ मॉडलों में इस सिस्टम को देखने की उम्मीद करते हैं।
टेक्नोलॉजी के मामले में लीडर आईबीएम ने भी अपना व्हाइट लेबल समाधान-वाटसन अस्सिटेंट लॉन्च किया है।
दूसरी ओर, OEM कंपनियां नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग स्टार्टअप्स और टेक कंपनियों की ओर रुख करके अपने वॉयस असिस्टेंट भी विकसित कर रही हैं। इस सेगमेंट में कुछ लोकप्रिय नाम यूएस-आधारित कंपनियां सीरींस, साउंडहाउंड और नुआसं कम्युनिकेशन हैं, जिन्होंने सभी वैश्विक वाहन निर्माताओं जैसे होंडा, हुंडई मोटर ग्रुप, किआ मोटर्स और डायमलर, टोयोटा आदि के साथ सहयोग किया है।
तपन कहते हैं, “एक समर्थन के रूप में स्थानीय भाषा एक वैश्विक मुद्दा है और भारत तक ही सीमित नहीं है। लेकिन जिस तरह से हमने भारतीय संदर्भ के लिए समाधान विकसित किया है वह अद्वितीय है और हमें अन्य कंपनियों पर बढ़त देता है।”
एकल निवासी वॉयस इंजन के साथ कई वर्चुअल एजेंटों के साथ बने रहने की गुंजाइश है। प्रत्येक OEM कंपनी, यूजर्स के लिए अपना स्वयं का अनुभव बनाना चाहती है और अपनी ब्रांड पहचान और गोपनीयता की रक्षा करना चाहती है। इसलिए वे प्लेटफॉर्म के शीर्ष पर गूगल असिस्टेंट या सिरी जैसे किसी थर्ड पार्टी के वॉयस इंजन को इंटीग्रेट करना चुन सकती है।
तपन कहते हैं, “यह एक मल्टी वर्चुअल पर्सनल अस्सिटेंट (VPA) नजरिया होगा। यूजर्स एलेक्सा या सिरी जैसे वर्चुअल एजेंटों में से किसी एक को चुनने में सक्षम होंगे, लेकिन ओईएम के पास कुछ रेजिडेंट वॉयस इंजन (जैसे मिहप) होगा, जो सिस्टम में मध्यस्थता करेगा और उसका नियंत्रण होगा।”
इंफोटेनमेंट के अलावा भी कई इस्तेमाल
अभी तक हम सफर के दौरान म्यूजिक बजाने, कॉल करने या नेविगेशन जैसी सुविधाओं के लिए वॉयस कमांड का उपयोग करते रहे हैं। हालांकि, एम्बेडेड वॉयस एआई पूरे इकोसिस्टम में यूजर्स, कार निर्माताओं और व्यवसायों के लिए सुविधाओं और लाभों की बहुत अधिक विविधता प्रदान करेगा। तपन कहते हैं, वाहन जल्द ही कई बिजनेसों के लिए नए ग्राहक टच-पॉइंट बन जाएंगे।
"अगले 24 महीनों में, हमारा सिस्टम कई चीजों का सपोर्ट करेगा जो कि वर्तमान में हमारी ओर से पेशकश की जा रही चीजों से कहीं अधिक होगा।"
सबसे पहले, यूजर्स अपने एलेक्सा जैसे अपने घरेलू डिवाइसों को कार सिस्टम के साथ सिंक करने में सक्षम होंगे और इसलिए कार से ही सब कुछ नियंत्रित करने में सक्षम होंगे।
दूसरा व्हीकल कॉमर्स का विकास करना है, जहां यात्री इन-कार वॉयस असिस्टेंट और कमांड के जरिए बुकिंग या खरीदारी कर सकेंगे। उदाहरण के लिए, सिस्टम यात्रियों को सफर के समय उनकी दिलचस्पी वाले कुछ बिंदुओं के बारे में सूचित करेगा। जैसे वे सड़कों से गुजरेंगे तो अस्सिटेंट आस-पास किन दुकानों पर खरीदारी में छूट है, कोई कार्यक्रम, मजेदार कैफे, ऐतिहासिक स्थान आदि के बारे में उन्हें बताएगा। विज्ञापनों और कारों में सामग्री की खपत से दूरसंचार कंपनियों, क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर्स, ओटीटी और ईकॉमर्स कंपनियों को फायदा होगा। एकीकरण ओपन-सोर्स एपीआई पर आधारित होगा।
तीसरी विशेषता 'स्पीकर वेरिफिकेशन' है, जो चालक या सह-यात्री (वर्चुअल बायोमेट्रिक्स) की पहचान को प्रमाणित करने में मदद करेगी। यह कैब और सार्वजनिक वाहनों में फायदेमंद होगा।
फंडिंग और बाजार
ऑटो कंपनियों से लेकर टेक्नोलॉजी सेक्टर की दिग्गजों तक, लगभग हर कोई वॉयस-इनेबल्ड इकोसिस्टम में एंट्री कर रहा है। इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (IDC) के अनुमान के अनुसार, 2023 तक दुनिया भर 7.6 करोड़ कनेक्टेड कारें शिप की जाएंगी।
फाउंडर कहते हैं, "यह ऑटो सॉल्यूशंस के लिए विश्व स्तर पर 300 अरब डॉलर का बाजार है। कार में वर्चुअल एजेंट सामान्य नियंत्रण से आगे बढ़ रहा है और व्हीकल कॉमर्स जैसे नए क्षेत्रों को जोड़ रहा है। कार के अंदर एक नया बिजनेस इकोसिस्टम बन रहा है।”
एक्सेल पार्टनर्स और आइडियास्प्रिंग कैपिटल के निवेश वाले इस स्टार्टअप ने तीन राउंड के फंडिंग में कुल 1 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। नेटकोर के संस्थापक राजेश जैन और यूमी नेटवर्क्स के संस्थापक और सीईओ जयंत कदंबी की भागीदारी के साथ, उनकी नवीनतम फंडिंग दिसंबर 2020 में 15 लाख डॉलर के सीरीज ए राउंड के साथ जुटाई गई थी।
मिहप को हाल ही में एमजी मोटर्स की तरफ से एमजी डेवलपर प्रोग्राम एंड ग्रांट 2.0 के तहत चुना गया था, जहां ओईएम प्रमुख वॉयस टेक्नोलॉजी में तालमेल तलाशेंगे।
उन्होंने बताया, “वे (एमजी मोटर्स) हमारे जैसे समाधान को भारत में विकसित होते देखकर उत्साहित थे। हम भारत और विदेशों में दो से तीन प्रमुख OEMs के साथ काम करने और अगले 12 महीनों में 50 लाख डॉलर के राजस्व का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।”
स्टार्टअप ने उत्तरी अमेरिका, यूके और ब्राजील जैसे कई बाजारों में OEMs को ध्यान में रखते हुए यूएस और यूके अंग्रेजी और पुर्तगाली भाषा को ऑनबोर्ड किया है। पहली बार, यह 2021 के अंत तक वाणिज्यिक ट्रकों में समाधान तैनात करेगा और दोपहिया वाहनों को भी इससे जोड़ेगा।
Edited by Ranjana Tripathi