होममेकर्स महिलाएं SME के क्षेत्र में कर रही हैं धमाल, इंटरनेट और तकनीक का मिल रहा है साथ
इंटरनेट की बढ़ती पहुंच और उद्यमिता के लिए भारत की भूख बढ़ने के साथ भारतीय गृहिणियां फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया का उपयोग तेजी से कर रही हैं।
डिजिटल इंडिया के मौके के चलते भारत में 2019 में 4 मिलियन महिला होममेकर्स को रीसेलर्स के रूप में देखा है। एण्ड्युरेंस-ज़िनोव का अध्ययन बताता है कि वेब पेशेवरों के लिए अब इस बाज़ार में मौके मौजूद हैं।
अध्ययन से पता चलता है कि 2019 में कुल लघु और मध्यम व्यापार (एसएमबी) का आधार 75 मिलियन रहा है, इसमें से 67 मिलियन को रिटेल, मैनुफेक्चुरिंग, हॉस्पिटलिटी, लोजिस्टिक जैसे पारंपरिक क्षेत्रों के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, जबकि 8 मिलियन 'उभरती हुई श्रेणी’ में मौजूद हैं, जिसमें रिसेलर्स, कंटेन्ट क्रिएटर, चालक और डिलीवरी पार्टनर शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार यह उभरती हुई श्रेणी सौ प्रतिशत डिजिटल रूप से प्रभावित है। पारंपरिक रूप से उलट आज एसएमबी सेगमेंट के पास पीसी, स्मार्टफोन और इंटरनेट जैसी सुविधाएं उपलब्ध है।
इंटरनेट की बढ़ती पहुंच और उद्यमिता के लिए भारत की भूख बढ़ने के साथ भारतीय गृहिणियां फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया का उपयोग तेजी से कर रही हैं और इसके जरिये वे ई-कॉमर्स के साथ अपने ग्राहकों तक आसानी से पहुँच बना रही हैं।
इसके साथ ऑनलाइन पेमेंट ने इन महिला उद्यमियों को और अधिक सहूलियत उपलब्ध कराई है।