ICICI-वीडियोकॉन घोटाला: सीबीआई ने 10 और बड़े लोन की मांगी जानकारी, क्या कोचर दंपति की बढ़ेगी मुश्किल?
पिछले महीने ही सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक ऋण मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया था.
आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों को दिए गए कर्ज की जांच के मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआई) ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. सीबीआई ने साल 2013 से 2016 के बीच कथित तौर पर मंजूरी दी गई ऐसे 10 और लोन की जानकारी मांगी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन 10 में से 4 लोन को चंदा कोचर के एमडी और सीईओ रहने के दौरान मंजूरी दी गई थी. पिछले महीने ही सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक ऋण मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया था.
जून 2009 और अक्तूबर, 2011 के बीच मंजूर किए गए 1875 करोड़ रुपये के 6 लोन की जांच के दौरान सीबीआई की नजर में इन नए लोन की जानकारी सामने आई.
एक सोर्स ने कहा कि दस्तावेजों की जांच और पूछताछ के दौरान, यह पाया गया कि वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को 2013 और 2016 के बीच कुछ मिलियन डॉलर के 10 और ऋण मंजूर किए गए थे.
इसके बाद बैंक से जानकारी मांगी गई है और इन कर्जों की मंजूरी और वितरण से संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं. इस बात की जांच की जा रही है कि क्या इन ऋणों को स्वीकृत करते समय कोई लेन-देन की घटना हुई थी.
कोचर दंपति ने गिरफ्तारी को दी है चुनौती
इस बीच, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को कथित ऋण धोखाधड़ी के एक मामले में चंदा कोचर तथा उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर जवाब देने के लिए सीबीआई को शुक्रवार तक का समय दिया.
कोचर दंपती ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उच्च न्यायालय से उनके रिमांड आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है. उन्होंने जेल से अपनी रिहाई की मांग की है तथा यह दलील भी दी है कि इस महीने के अंत में उनके बेटे की शादी हो रही है और मेहमानों को निमंत्रण पत्र भेजे जा चुके हैं.
सीबीआई ने मामले में 23 दिसंबर को चंदा और दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था जिसके बाद दंपती को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जब उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका को स्वीकार किया तो सीबीआई ने जवाब देने के लिए समय मांगा.
दीपक कोचर के वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि उनके मुवक्किल के बेटे की शादी इस महीने के आखिर में होनी है और निमंत्रण पत्र भेजे जा चुके हैं.
वकील ने कहा कि कारोबारी दीपक कोचर को मामले में बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया था, लेकिन गिरफ्तार कर लिया गया.
चंदा कोचर के वकील ने अदालत से कहा कि मामले में उनकी मुवक्किल के खिलाफ धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक मामले में अभियोजन पक्ष ने बयान दिया है कि उनकी गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है.
चंदा कोचर के वकील ने कहा कि लेकिन सीबीआई ने जांच में सहयोग नहीं करने का हवाला देकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. कोचर दंपती को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ पीएमएलए के तहत दर्ज एक अलग मामले में आरोपी बनाया गया है. वकीलों ने कोचर दंपती के बेटे की शादी के लिए उनकी अंतरिम रिहाई की मांग की है.
हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा कि सीबीआई को याचिका पर जवाब देने के लिए समय दिये जाने की जरूरत है. इसके बाद अदालत ने मामले में सुनवाई शुक्रवार तक स्थगित कर दी.
क्या है मामला?
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने कोचर दंपति और धूत के अलावा दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपावर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया है.
एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं.
प्राथमिकी के अनुसार, इस मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल स्थानांतरित की. पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था.
Edited by Vishal Jaiswal