ऐसी 10 समस्याओं की पहचान करें, जिन्हें AI का उपयोग करके हल किया जा सकता है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि भारत बड़े स्तर पर एक आधुनिक डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है और यह सुनिश्चित कर रहा है कि डिजिटल क्रांति का लाभ सभी तक पहुंचे. पीएम मोदी ने आम बजट के बाद आयोजित हो रहे वेबिनार की श्रृंखला में 'क्षमताओं का दोहन: टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से जीवन सुगमता' विषय पर कहा कि सरकार छोटे व्यवसायों के लिए अनुपालन लागत कम करना चाहती है. उन्होंने उद्योग से ऐसे अनुपालनों की एक सूची तैयार करने को कहा, जिन्हें खत्म किया जा सकता है.
प्रधानमंत्री ने कहा, "हम छोटे व्यवसायों की अनुपालन लागत को कम करना चाहते हैं. क्या आप (उद्योग) अनावश्यक अनुपालनों की एक सूची तैयार कर सकते हैं, जिन्हें खत्म किया जा सकता है. हमने 40,000 अनुपालनों को खत्म कर दिया है."
उन्होंने कहा कि करदाताओं के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके लिए कर प्रणाली को 'फेसलेस' बनाया जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि टेक्नोलॉजी के वजह से ही 'एक राष्ट्र, एक राशन' योजना साकार हो सकी. उन्होंने आगे कहा कि जैम त्रयी (जन-धन योजना, आधार और मोबाइल नंबर) ने गरीबों तक लाभ पहुंचाने में मदद की.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 5G और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) जैसी तकनीकों पर चर्चा की जा रही है और ये चिकित्सा, शिक्षा, कृषि और कई अन्य क्षेत्रों को बदलने के लिए तैयार हैं.
उन्होंने हितधारकों से आम आदमी के सामने आने वाली 10 ऐसी समस्याओं की पहचान करने को कहा, जिनका समाधान AI का इस्तेमाल करके किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी टेक्नोलॉजी से चलने वाली है और इसे केवल डिजिटल, इंटरनेट टेक्नोलॉजी तक सीमित नहीं रखा जा सकता.
उन्होंने आगे कहा, "टेक्नोलॉजी की मदद से हम, हर व्यक्ति के लिए डिजिलॉकर की सुविधा लेकर आए हैं, अब Digilocker for entities की सुविधा है. यहां कंपनियां, MSME अपनी फाइलों को स्टोर कर सकते हैं, और उसे विभिन्न रेगुलेटर्स और सरकारी विभागों के साथ साझा कर सकते हैं. डिजिलॉकर के कॉन्सेप्ट को और विस्तार देने की जरूरत है, हमें देखना होगा कि और किस तरीके से लोगों तक इसका फायदा पहुंचाया जा सकता है."
प्रधानमंत्री ने कहा, "पिछले कुछ वर्षों में हमने MSME को सपोर्ट करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इस बात पर मंथन की जरूरत है कि भारत के लघु उद्योगों को बड़ी कंपनी बनने में कौन-कौन सी बाधाएं आती हैं? हम छोटे व्यवसायों और छोटे उद्योगों के लिए compliance cost को कम करना चाहते हैं. आप जानते हैं कि बिजनेस में कहा जाता है कि time is money. इसलिए compliance में लगने वाले समय की बचत का मतलब है compliance cost की बचत. अगर आप अनावश्यक compliances की लिस्ट बनाना चाहते हैं, तो यही सही समय है, क्योंकि हम पहले ही 40 हजार compliances खत्म कर चुके हैं."
Edited by रविकांत पारीक