कोर्स पूरा होने पर फीस भी रिफंड कर रहा IIT- बॉम्बे के छात्रों का स्टार्टअप 'सेल्फस्टडी'
पूरे देश में, माता-पिता अपने बच्चों को ऐसे कोचिंग क्लासेस में भेजते हैं जो प्रवेश परीक्षाओं को क्रैक करने के लिए सही स्टडी मैटेरियल और ट्रेनिंग देने का वादा करते हैं। लेकिन मोटी फीस देने के बावजूद, सभी छात्र IIT या मेडिकल कॉलेजों की प्रवेश परीक्षा क्रैक नहीं कर पा रहे हैं। एक बार जब इसी समस्या को लेकर चिंतित माता-पिता ने आईआईटी बॉम्बे स्नातक, प्रसेनजीत सिंह और प्रकाश गुप्ता से इस बारे में बात कि तो उन्होंने छात्रों और अभिभावकों के लिए चीजों को आसान बनाने का फैसला किया। माता-पिता ने उनसे पूछा, “मेरा बच्चा एक बहुत फेमस स्कूल और एक प्रतिष्ठित कोचिंग क्लास में जाता है, लेकिन फिर भी अच्छे अंक प्राप्त करने में असफल रहता है। क्या आप कुछ कर सकते हैं? ”
ज्यादा समय नहीं हुआ, दिसंबर 2017 में, दोनों ने सेल्फस्टडी (Selfstudy) की शुरुआत की। सेल्फ-स्टडी एक लर्निंग प्लेटफॉर्म है, जो कॉन्सेप्ट-बेस्ड लर्निंग अप्रोच के जरिए इसे पर्सनलाइज्ड फीडबैक के साथ जोड़कर छात्रों को उनके ग्रेड बढ़ाने और एंट्रेंस टेस्ट को क्रैक करने में मदद करता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)-बेस्ड यह एप्लिकेशन एनईईटी और जेईई परीक्षा देने के उत्सुक लोगों को सीखने में मदद करने के लिए बेहद ही कम साइज का कंटेंट उपयोग करता है। यही नहीं! जो छात्र कोर्स पूरा करते हैं और स्टडी किए गए सभी विषयों को शामिल करते हुए एक परीक्षा को हल करते हैं, तो उन्हें उनकी पूरी कोचिंग फीस वापस मिल सकती है।
इस साल, 1000 तक बच्चों ने कोर्स पूरा किया है और उन सभी को उनकी - 24,000 रुपये प्रति वर्ष - की फीस वापस मिली है।
कोचिंग से लेकर सेल्फ लर्निंग तक
प्रसेनजीत सिंह और प्रकाश, दोनों की उम्र 34 साल है, उन्होंने 2013 में कोटा में एक कोचिंग इंस्टीट्यूट की शुरुआत की, ताकि छात्रों के लिए पढ़ाई सस्ती हो सके। कई वर्षों तक इसे सफलतापूर्वक चलाने के बावजूद, वे टीचर्स और इंफ्रास्ट्रक्चर की उच्च लागत ने कारण छात्रों के लिए फीस कम नहीं कर सके। छात्रों को अपने माता-पिता की जेब पर बोझ बने बिना अपने सपनों को साकार करने में मदद करने की आशा करते हुए, दोनों ने गुरुग्राम स्थित ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म सेल्फस्टडी शुरू किया। एक्जबल एलर्निंग (Examble Elearning) के रूप में रजिस्टर्ड, सेल्फस्टडी छात्रों को "एक्सप्लेनेटरी एनिमेटेड वीडियो, इन्फोग्राफिक फ्लैश चार्ट, विस्तृत समाधान के साथ व्यापक क्वेश्चन बैंक और व्यक्तिगत प्रतिक्रिया के साथ सहज परीक्षण सीरीज" के माध्यम से कॉन्सेप्ट्स को समझने में मदद करता है।
प्रसेनजीत सिंह कहते हैं, "सेल्फस्टडी ने सीखने और उसमें माहिर होने की अवधारणाओं के बीच के अंतर को पाटा है। एक बार जब सीखने की अवधि खत्म हो जाती है, तो सेल्फस्टडी समाधान और अनुकूली आकलन के साथ अभ्यास प्रश्न प्रदान करता है। छात्र अपने अभ्यास समय का सबसे अच्छा उपयोग करने के लिए अपने लेवल के अनुसार डिफिकल्टी सेटिंग चुन सकते हैं।"
प्लेटफॉर्म कैसे काम करता है?
सेल्फस्टडी क्लास 8 से 12 के छात्रों को रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, मानसिक क्षमता से लेकर और भी बहुत कुछ प्रोवाइड कराता है। छात्रों को ऐप डाउनलोड करने के बाद साइन अप करने और कंटेंट का उपयोग करने की आवश्यकता होती है। यह प्लेटफॉर्म एक फ्रीमियम सब्सक्रिप्शन मॉडल पर काम करता है। पहले सात दिनों तक इसे फ्री इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन उसके बाद आप कुछ लिमिटेड चीजें ही एक्सेस कर सकते हैं। प्लस टू के लिए सब्सक्रिप्शन फीस 24,000 रुपये है।
एआई-बेस्ड एप्लिकेशन छात्र के हर इन-ऐप क्लिक और एक महीने में उसने क्या देखा.. इस सबकी निगरानी करता है। इसके बाद, एआई यह पता लगाने की कोशिश करता है कि छात्र में ज्ञान की कमी कहां है। इसके अलावा ये छात्र को इसी आधार पर ऐसे विषय या अध्याय प्रोवाइड कराता है जहाँ छात्र को अधिक मेहनत करने की आवश्यकता होती है। वे कहते हैं कि जो सवाल छात्रों से हल नहीं होते हैं तो उन्हें हल करने में एआई छात्रों की मदद करता है। एआईउन विषयों/अध्यायों का पता लगाने में मदद करता है जिसमें छात्र को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इससे उन्हें इन सेक्शन पर अधिक ध्यान केंद्रित करने और अभ्यास करने के लिए मार्गदर्शन मिलता है।
संदेह के लिए कोई जगह नहीं है
टीम ने इस प्रोडक्ट की आवश्यकताओं को समझने में घंटों खर्च किए तब इसे शुरू किया। वह कहते हैं, "हमें बाजार में पहले से ही मौजूद लोगों से कुछ अलग निर्माण करना था।" संस्थापक जोड़ी का कहना है कि उनके रास्ते में बड़ी चुनौती रही है: "एक टीम की स्थापना जिसमें एक सेल्फ-मोटीवेटेड व्यक्ति शामिल हो जो छात्रों की मदद करने के लिए एक कदम आगे जाने के लिए तैयार हो।
वर्तमान में, सेल्फस्टडी में 15 सदस्यीय कंटेंट टीम है, जिसमें मुख्य रूप से आईआईटीयन और एनईईटी शिक्षक हैं, जो छात्रों की हर शंका का समाधान करते हैं। उनके पास 10 ग्राफिक डिजाइनर हैं जो कॉन्सेप्ट्स को जानकारी ग्राफिक्स और एनिमेटेड वीडियो में बदलने में मदद करते हैं। पांच आईआईटी स्नातक प्रोडक्ट में टीम शामिल हैं, जिसमें कोडिंग और प्रोडक्ट डेवलपमेंट शामिल है जबकि सेल्स और मार्केटिंग टीम में 10 एग्जीक्यूटिव हैं।
कोटा से लेकर देशभर तक
अब तक, 25 संस्थान, पाथफाइंडर (Pathfinder कलकत्ता), एबीसी क्लासेस (गोरखपुर), मेंटर्स एडुसर्व (पटना), आईआईटी फिजिक्स सेंटर (कोटा), और ओरिजेंस एजुकेयर (वाराणसी) हैं जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं। सिंह कहते हैं, "तीन राज्यों अभी भी हैं जहां हमें आगे बढ़ना है तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल।" KPMG की एक स्टडी Online Education in India: 2021 के अनुसार, भारतीय ऑनलाइन शिक्षा बाजार 2021 तक 1.96 बिलियन डॉलर और 9.6 मिलियन यूजर्स तक बढ़ने के लिए तैयार है। बायजू, खान अकादमी, कॉन्सेप्टओवल, नोट्सजेन, अल्मामापर और टॉपर लर्निंग जैसे प्लेयर्स मार्केट में पहले से ही उपलब्ध हैं लेकिन प्रसेनजीत सिंह का कहना है कि वीडियो कंटेंट सेल्फस्टडी को इन सबसे अलग बनाता है।
वह कहते हैं, “हमारे वीडियो कक्षा या शिक्षक-संचालित नहीं हैं। वे एनिमेटेड हैं। साथ ही, वे वीडियोज विस्तृत और वर्णनात्मक हैं नाकि दूसरों की तरह संक्षिप्त और शॉर्ट वीडियो।"
नंबर्स गेम
स्थापना के बाद से, सेल्फस्टडी ने संस्थापकों के निवेश के साथ-साथ एंजेल इनवेस्टर्स (angel investors) से एक करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। Selfstudy ने अब तक 50 लाख रुपये का रिवेन्यू दर्ज किया है और एक्टिव यूजर्स की संख्या 25,000 है। अंतिम तिमाही में स्टार्टअप की बी 2 सी सेल्स 200 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। स्टार्टअप की ग्राहक अधिग्रहण लागत (customer acquisition cost सीएसी) अनुपात 4.5x है। टीम सेल्फस्टडी ने अगले 12 महीनों में 10 प्रमुख शहरों में टीमों के साथ सेल्स और मार्केटिंग विशेषज्ञता के निर्माण के लिए 2 मिलियन डॉलर की सीड फंडिंग की योजना बनाई है। वे कहते हैं, "हम ट्यूशन टीचर्स को शिक्षण के लिए हमारे कंटेंट और टेक्नॉलोजी का उपयोग करने में मदद करने के लिए भी काम कर रहे हैं। यह अप्रैल तक हो जाएगा।"