IIT गुवाहाटी ने भारतीय हालातों के मध्यनज़र इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए तैयार की खास टेक्नोलॉजी
इस खास टेक्नोलॉजी के जरिए मोटरों और बैटरियों को रेट किया जाएगा और ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) को भारतीय हालातों के लिए बेस्ट ड्राइवट्रेन कंपोनेंट्स से संबंधित सुझाव दिए जाएँगे। यह कार्बन उत्सर्जन और ईंधन की खपत को कम करने में मदद करेगा।
IIT गुवाहाटी द्वारा ऐसी खास टेक्नोलॉजी तैयार की गई है जो इलेक्ट्रिक वाहनों की मोटरों और बैटरियों की रेट निश्चित करती है और ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) को भारतीय हालातों के लिए बेस्ट ड्राइवट्रेन कंपोनेंट्स से संबंधित सुझाव देती हैं। यह एक अद्वितीय प्रक्रिया है जो भारतीय ड्राइव चक्रों पर आधारित इलेक्ट्रिक वाहनों को मानकीकृत करती है।
अबतक शोधकर्ताओं द्वारा भारतीय ड्राइव चक्रों को मान्यता नहीं दी गई थी। यह विकसित ड्राइव चक्र ग्रामीण एवं शहरी ड्राइव चक्रों पर केंद्रित नहीं है। वर्तमान बाज़ार में उपलब्ध इलेक्ट्रिक वाहनों द्वारा भारत के विभिन्न मौसमी हालातों पर ध्यान नहीं दिया जाता है।
एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि वर्तमान में, कोई भी OEM द्वारा इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग नहीं करता है। इस अनुसंधान द्वारा विभिन्न क्षेत्रों पर आधारित बेहतर एवं अधिक प्रभावशाली ड्राइवट्रेन बनाए जाने की आशा है। यह स्टार्टअप्स के लिए भी लाभदायक है। इस अनुसंधान का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन और ईंधन की खपत को कम करना है।
डॉ. प्रवीण कुमार, प्राध्यापक, इलेक्ट्रॉनिकी एवं विद्युतीय अभियांत्रिकी विभाग के नेतृत्व में IIT गुवाहाटी के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रयोगशाला के शोधकर्ताओं द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के लिए भारतीय मौसमी हालातों पर ध्यान दिया गया। उन्होंने इस प्रक्रिया को उत्पादन के लिए बेस्ट ड्राइवट्रेन का सुझाव देने के लिए विकसित किया। IIT गुवाहाटी द्वारा विकसित ड्राइव-साइकिल समूह अद्वितीय हैं और यह कहीं और उपलब्ध नहीं हैं।
किसी आर्द्र क्षेत्र में विकसित इलेक्ट्रॉनिकी ड्राइवट्रेन (घटकों का समूह जो ड्राइव पहियों को शक्ति प्रदान करता है), किसी सूखे एन एस सर्द वातावरण में एक जैसा कार्य निष्पादन नहीं कर पाता है। अतः वर्तमान OEM द्वारा भारतीय हालातों के लिए मानक ड्राइव-साइकिल बनाए जाने के लिए विचार किए जा रहे हैं।
शोधकर्ताओं के कार्य की प्रशंसा करते हुए, IIT गुवाहाटी के निदेशक प्रो. टी. जी. सीताराम ने कहा, "अगली पीढ़ी की ऊर्जा-कुशल ई वी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उन्नति देश के सतत विकास और कार्बन पदचिह्न को कम करने के लिए आवश्यक सबसे महत्वपूर्ण सफलताओं में से एक है। इस दिशा में IIT गुवाहाटी गंभीरता से कार्य कर रहा है। इस विकास के माध्यम से इस प्रक्रिया को संवर्धन प्राप्त होगा और परिणाम भी अधिकतम होंगे।"
इस विकास के दीर्घकालिक प्रभाव का विवरण देते हुए, डॉ. प्रवीण कुमार ने कहा, “हमारा लक्ष्य एक ऐसा दस्तावेज़ तैयार करना है जो ईवी बाज़ार में नए प्रवेशकों को सक्षम करने में सफल हो सके और खेल के मैदान को समतल करने में मदद कर सके। इस पूरे अभ्यास का अन्य प्राथमिक लाभ अगली पीढ़ी के टेक्नोक्रेट को तैयार करना है जो विश्व के किसी भी स्थान में ई वी तकनीक में एक उत्कृष्ट करियर के लिए तैयार हैं।"
इस अनुसंधान कार्य को प्रकाशित किया गया है और इसके पास आई एस बी एन 978-93-5578-973-0 है। संस्थान द्वारा OEM के साथ चल रहे व्यावसायिक वाहनों तक अनुसंधान को बढ़ाने के लिए विचार किया जा रहा है ताकि वह अधिक सक्षम ड्राइव ट्रेंस का उत्पादन कर सके जो भारत के विभिन्न मौसमों के लिए अनुकूल हों। शोधकर्ताओं द्वारा चार पहियों के वाहनों के लिए इस टेक्नोलॉजी को विकसित करने के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं क्योंकि वर्तमान की यह परियोजना पूरी तरह से दो पहियों के वाहनों पर केंद्रित है।