IIT जोधपुर के शोधकर्ताओं का ये समाधान EV इंडस्ट्री की तस्वीर बदल सकता है!

IIT जोधपुर के शोधकर्ताओं ने अत्याधुनिक कंट्रोल तकनीकों का उपयोग कर असमान सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की स्पीड औसिलेशन का समाधान प्रस्तुत किया

IIT जोधपुर के शोधकर्ताओं का ये समाधान EV इंडस्ट्री की तस्वीर बदल सकता है!

Tuesday April 18, 2023,

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हाइलाइट्स

  • प्रस्तावित समाधान में इलेट्रिक वाहन का सफर अधिक आरामदायक बनाने की काफी संभावना है
  • शोध में प्रस्तावित कंट्रोल के माध्यम से परिस्थितिजन्य अनिश्चितताएं दूर हो सकती है
  • शोध का लक्ष्य वाहन परिचालन के दौरान स्थिरता बढ़ाना है

IIT जोधपुर ने अपने शोध के माध्यम से असमान सड़क पर चलते इलेक्ट्रिक वाहनों की स्पीड औसिलेशन कम करने का समाधान पेश किया है. यह समाधान इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए है. वातावरण में कार्बन उत्सर्जन की एक बड़ी वजह वाहनों का परिचालन है और वायु प्रदूषण के लगभग 26 प्रतिशत की वजह आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाले वाहन है. यह उत्सर्जन हानिकारक है. इसलिए इसे कम करने के लिए ऐसे वाहनों के बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा दिया जा रहा है. ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास और उनके बेहतर नियंत्रण पर जोर देना लाजमी है. साथ ही बैटरी को अधिक सक्षम, मोटर के डिजाइन को टिकाऊ और वाहन उत्पादन की लागत कम करने पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है. कुल मिला कर वाहनों के कार्य प्रदर्शन बेहतर बनाने और EVs को आईसीई वाहनों का व्यावहारिक विकल्प बनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है.

शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत समाधान इंडक्शन मोटर (IM) के लिए इंटीग्रल स्लाइडिंग मोड कंट्रोल आधारित डायरेक्ट टॉर्क कंट्रोल (ISM-DTC) की विधि पर आधारित है. इस समाधान का उद्देश्य वाहन परिचालन में अनिश्चितताओं और पैरामीट्रिक विविधताओं के मद्देनजर किसी बाधा को दूर करने और दमदार प्रदर्शन के लिए अंतर्निहित गुणों का लाभ उठाना है. इसमें ईवी परिचालन की अनिश्चितताओं के मद्देनजर सामान्य प्रपोर्शनल-इंटीग्रल (PI) आधारित डीटीसी (PIDTC) सामधान का प्रदर्शन बेहतर करने का भी प्रयास किया गया है. यह शोध पत्र डॉ. दीपक फुलवानी, एसोसिएट प्रोफेसर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी जोधपुर के साथ डॉ. शिवम चतुर्वेदी, राममोहन और संदीप यादव ने मिल कर IEEE Transactions Vehicular Technology में प्रकाशित किया.

अनुसंधान का महत्व बताते हुए डॉ. दीपक फुलवानी, एसोसिएट प्रोफेसर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी जोधपुर ने कहा, "यह शोध कार्य हर तरह की सड़कों पर ईवी वाहन परिचालन को अधिक आरामदायक बनाने के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है."

 

शोध में जिस कंट्रोलर का प्रस्ताव है उसे PIDTC के साथ जोड़ कर ईवी वाहन की गति बरकरार और सामान्य नियंत्रण रखने का लक्ष्य है. नाॅन-लिनियर आईएसएम लूप वाहन की गति में अनियमित बदलाव रोकने में प्रभावी है जो विद्युत चुम्बकीय टाॅर्क और डायनामिक लोड टाॅर्क की मांग संतुलित करने से संभव होता है. इसके अतिरिक्त नियंत्रण का यह समाधान वाहन परिचालन में अनिश्चितताएं समाप्त कर सकता है.

इस अनुसंधान के लिए वित्तीय सहयोग भारी उद्योग विभाग (DHI)-गैर-लौह सामग्री प्रौद्योगिकी विकास केंद्र (NFTDC), हैदराबाद, भारत ने दिया है. इसके निष्कर्षों को विभिन्न इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अधिक उपयुक्त बनाते हुए ड्राइविंग का बेहतर अनुभव दिया जा सकता है. इस उद्देश्य से एक शक्तिशाली कंट्रोलर विकसित किया गया है जो सड़क की असमान सतहों के प्रभावों को कम कर सकता है. यह कंट्रोलर पहले से उपलब्ध कंट्रोलर के साथ जोड़ा जा सकता है इसलिए रेट्रोफिटिंग का काम भी आसान होगा.

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