Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

तंजानिया के ज़ंज़ीबार में खुलेगा IIT मद्रास कैंपस; भारत के बाहर पहला IIT

ज़ंज़ीबार- तंजानिया में आईआईटी मद्रास कैंपस की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर, भारत के बाहर स्थापित होने वाला पहला आईआईटी कैंपस

तंजानिया के ज़ंज़ीबार में खुलेगा IIT मद्रास कैंपस; भारत के बाहर पहला IIT

Friday July 07, 2023 , 3 min Read

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और ज़ंज़ीबार के राष्ट्रपति डॉ. हुसैन अली म्विनी की उपस्थिति में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय (MoE), आईआईटी मद्रास (IIT Madras) और शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण मंत्रालय (MoEVT) जंजीबार-तंजानिया के बीच ज़ंज़ीबार-तंजानिया में आईआईटी मद्रास (IIT Madras-Zanzibar campus) के परिसर की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए. यह भारत के बाहर स्थापित होने वाला पहला आईआईटी परिसर है. यह भारत और तंजानिया के बीच पुरानी मित्रता को दर्शाता है और अफ्रीका और ग्लोबल साउथ में लोगों के बीच संबंध स्थापित करने पर भारत के फोकस की याद दिलाता है.

केन्द्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने समझौता ज्ञापन के बारे में कहा कि आईआईटी मद्रास-जंजीबार परिसर की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक शुरुआत है. उन्होंने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत बनाने के साथ-साथ अफ्रीका के साथ लोगों के बीच सुदृढ संबंध बनाने की प्रतिबद्धता का मूर्त रूप है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 ज्ञान को द्विपक्षीय संबंधों का एक प्रमुख घटक बनाने के साथ-साथ वैश्विक हित को आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त कर रही है.

समझौता ज्ञापन पर भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय, आईआईटी मद्रास और जंजीबार-तंजानिया के शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण मंत्रालय की ओर से क्रमशः तंजानिया में भारत के उच्चायुक्त बिनय श्रीकांत प्रधान, आईआईटी मद्रास के डीन (ग्लोबल एंगेजमेंट) प्रो. रघुनाथन रंगास्वामी और जंजीबार के शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण मंत्रालय के कार्यवाहक प्रधान सचिव खालिद मसूद वजीर ने हस्ताक्षर किए.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 अंतर्राष्ट्रीयकरण पर फोकस करती है और यह सिफारिश करती है कि “उच्च प्रदर्शन करने वाले भारतीय विश्वविद्यालयों को अन्य देशों में परिसर स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा”.

तंजानिया और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी को स्वीकार करते हुए समझौते पर हस्ताक्षर करके शैक्षिक साझेदारी के संबंधों को औपचारिक रूप दिया गया है, जो पार्टियों को ज़ंज़ीबार, तंजानिया में आईआईटी मद्रास के प्रस्तावित कैंपस की स्थापना का विवरण देने के लिए रूपरेखा प्रदान करता है, जिसमें अक्टूबर 2023 में कार्यक्रम प्रारंभ करने की योजना है.

यह अनूठी साझेदारी आईआईटी मद्रास की शीर्ष रैंक वाली शैक्षिक विशेषज्ञता को अफ्रीका में एक प्रमुख गंतव्य पर लाएगी और इस क्षेत्र की अनिवार्य वर्तमान आवश्‍यकताओं को पूरा करेगी. शैक्षणिक कार्यक्रम, पाठ्यक्रम, विद्या‍र्थी चयन पहलू और शैक्षणिक विवरण का काम आईआईटी मद्रास द्वारा किए जाएंगे, जबकि पूंजी और परिचालन व्यय ज़ंज़ीबार-तंजानिया सरकार द्वारा पूरा किया जाएगा. इस परिसर में दाखिला लेने वाले छात्रों को आईआईटी मद्रास की डिग्री प्रदान की जाएगी. अत्याधुनिक अंतःविषयी डिग्री से एक विविध समूह को आकर्षित करने की आशा है और इसमें तंजानिया और अन्य देशों के विद्यार्थी भी शामिल होंगे. भारतीय विद्यार्थी भी इन कार्यक्रमों के लिए आवेदन करने के पात्र हैं.

आईआईटी परिसर की स्थापना से विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा और इसके राजनयिक संबंधों में वृद्धि होगी और आईआईटी मद्रास की अंतरराष्ट्रीय पहचान का विस्तार होगा. इस अंतरराष्ट्रीय परिसर में विद्यार्थी और फैकल्‍टी की विविधता के कारण आईआईटी मद्रास की शिक्षा और अनुसंधान गुणवत्ता और बढ़ेगी. यह विश्‍व भर में अन्य शीर्ष रैंक वाले शैक्षणिक संस्थानों के साथ अनुसंधान सहयोग को गहरा करने के लिए काम करेगा.

तंजानिया के ज़ंज़ीबार में आईआईटी परिसर की परिकल्‍पना उभरती वैश्विक आवश्यकताओं, दक्षताओं को विकसित करने, राष्ट्रों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ बनाने तथा क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार का समर्थन करने के व्यापक मिशन के साथ एक विश्व स्तरीय उच्च शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के रूप में गई है. यह भारतीय उच्च शिक्षा और नवाचार के आकांक्षी गुणों के लिए विश्‍व के लिए एक उदाहरण के रूप में काम करेगा.

यह भी पढ़ें
140 से अधिक अंतरिक्ष स्टार्टअप्स के साथ, भारत ने मजबूत स्थिति हासिल कर ली है: डॉ. जितेंद्र सिंह