इस स्थिति में महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा होता है ज्यादा, जानें कैसे करें बचाव
लोगों की ये मानसिकता बन चुकी है कि हृदय रोग या हार्ट अटैक सिर्फ मर्दों को ही ज्यादा होता है जबकि असल में महिलाओं में ये खतरा ज्यादा बढ़ जाता है जब उनको पीरीयड्स आना बंद हो जाता है यानी कि मीनोपॉस हो जाता है। इसके अलावा यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में महिलाओं की जान स्तन कैंसर की तुलना में मीनोपॉस के बाद दिल के दौरे से अधिक गई है। मीनोपॉस के बाद दिल के दौरे की घटनाओं में तेजी से वृद्धि होती है, लेकिन अब युवा महिलाओं में यह परेशानी तेजी से देखी जा रही है।
हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय की मुख्य धमनियों में से एक ब्लॉक हो जाती है, जिससे हृदय की मांसपेशियां मर जाती हैं। धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से खून जमने लगता है, जो खून के बहाव को ब्लॉक करता है। महिलाओं में न केवल मुख्य धमनियों में रुकावट होती है, बल्कि हृदय की छोटी धमनियों में भी रुकावट होने लगती है।
दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल की सीनियर डायरेक्टर, सीनियर कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर रूपा सलवान का कहना है, “आम तौर पर हार्ट अटैक की वजह से 15 मिनट से अधिक समय तक सीने में दर्द होता है, लेकिन कभी-कभी हार्ट अटैक आने के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। यह ध्यान रखना जरूरी है कि सीने में दर्द के अलावा अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे अपच या लगातार गर्दन या जबड़े का दर्द, लेकिन कई लोगों में चेतावनी के संकेत और लक्षण घंटे, दिन या हफ्ते पहले ही दिख जाते हैं। महिलाओं में यह लक्षण स्पष्ट तरीके से न दिखने की संभावना अधिक होती है। छाती में एक असहज दबाव और छाती के बीचों बीच असुविधा महसूस हो सकती है जो वक्त के साथ एक से दूसरे हाथ में, पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट में महसूस होने लगती है। इसमें सांस की तकलीफ, कमजोरी, थकान, ठंड में पसीना, बेचैनी, अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं।”
कभी-कभी दिल के दौरे को पहचानना मुश्किल होता है क्योंकि ऐसा होता है कि आप यह तो जानते हैं कि कुछ गलत है, लेकिन स्पष्ट रूप से यह नहीं समझ पाते हैं कि आखिर परेशानी है क्या। कुछ समय के लिए बेचौनी बंद हो सकती है और अचानक उतनी ही गंभीरता के साथ वापस शुरू हो सकती है। मधुमेह के रोगियों और बुजुर्गों को सीने में तकलीफ के बिना ही दिल का दौरा पड़ सकता है।
डॉक्टर रूपा ने आगे कहा “हालांकि सभी आयु वर्ग के लोगों को दिल का दौरा पड़ता है, लेकिन महिलाओं को विशेष रूप से दिल की सेहत का ध्यान रखना चाहिए। हृदय स्वास्थ्य से जुड़े कुछ प्रमुख जोखिम कारकों में हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, मोटापा, मानसिक तनाव, डिप्रेशन, धूम्रपान, आलस और मीनोपॉस शामिल हैं। गर्भावस्था की मुश्किलें जैसे कि हाइपरटेंशन या मधुमेह और सूजन संबंधी बीमारियां दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ाती हैं। ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करने के लिए उपयोग किए जाने वाले विकिरण और कीमोथेरेपी भी हृदय संबंधी जोखिम को बढ़ाते हैं।”
हार्ट अटैक पीड़ित महिलाओं को मदद मांगने और अस्पताल पहुंचने में पुरुषों की तुलना में अधिक समय लगता है। यदि आप किसी भी नए या गंभीर लक्षण का अनुभव कर रही हैं, तो चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है।
रूपा सलवान के अनुसार, 'सभी क्षेत्रों में समान रूप से डॉमिनेट करने वाली महिलाएं भी अपने परिवार की अच्छी तरह से देखरेख करती हैं, जिसके चलते वो खुद के स्वास्थ को अनदेखा कर देती हैं। उन्हें स्वास्थ्य के प्रति अपने दृष्टिकोण को बदलने और अपनी देखभाल करने की आवश्यकता होती है। कम से कम आप एक स्वस्थ जीवन शैली जी सकते हैं, जैसे कि स्वस्थ खाएं, नियमित व्यायाम करें, खुद को फिट रखें। यदि हाइपरटेंशन या डाइबिटीज को नियंत्रित करने के लिए दवाओं की आवश्यकता होती है, तो कृपया उनकी जरूरी खुराक नियमित रूप से लें। खुद को ऐसे माहोल में रखें जहां आप पॉजिटिव महसूस कर सकें।'
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