अब आयकर विभाग की वेबसाइट से भी कर सकेंगे टैक्स कैलकुलेशन, आ गया टूल
इसकी मदद से करदाता यह फैसला ले सकता है कि नई आयकर व्यवस्था उसके लिए अच्छी है या पुरानी.
अगर आप अपनी टैक्स देनदारी की कैलकुलेशन करना चाहते हैं और किसी वेब पोर्टल की तलाश कर रहे हैं तो अब कहीं और जाने की जरूरत नहीं है. आयकर विभाग (Income Tax Department) ने अपने पोर्टल https://incometaxindia.gov.in/ पर 'टैक्स कैलकुलेटर' लाइव कर दिया है. इसकी मदद से कोई भी करदाता यह फैसला ले सकता है कि नई आयकर व्यवस्था उसके लिए अच्छी है या पुरानी.
'टैक्स कैलकुलेटर' लाइव किए जाने को लेकर आयकर विभाग ने एक ट्वीट भी किया है.
यूं कर सकते हैं एक्सेस
टैक्स कैलकुलेटर एक ऑनलाइन टूल है, जो केंद्रीय बजट 2023-24 की घोषणा के आधार पर किसी व्यक्ति की आय के बेसिस पर टैक्स का मूल्यांकन करने में मदद करता है. टैक्सेबल इनकम ब्रैकेट के अंतर्गत आने वाले व्यक्ति, कर के रूप में अपनी शुद्ध वार्षिक आय के एक विशिष्ट हिस्से का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होते हैं. टैक्स कैलकुलेटर को https://incometaxindia.gov.in/Pages/default.aspx पर जाकर लेफ्ट साइड में दिए गए 'वॉट्स न्यू' सेगमेंट से एक्सेस किया जा सकता है. चाहें तो डायरेक्ली https://incometaxindia.gov.in/Pages/tools/115bac-tax-calculator-finance-bill-2023.aspx पर विजिट करके भी टैक्स कैलकुलेटर एक्सेस किया जा सकता है.
व्यक्तिगत करदाता/ HUF/ AOP/ BOI/आर्टिफीशियल ज्यूरीडिकल पर्सन (AJP) कैटेगरी के करदाता इसका इस्तेमाल कर अपनी कर देनदारी निश्चित कर सकते हैं. टैक्स कैलकुलेटर में टैक्स संबंधी विभिन्न तरह की डिटेल्स जैसे डिडक्शन, सैलरी के अलावा बाकी सोर्सेज से इनकम आदि को डालकर, दोनों तरह की कर व्यवस्था के तहत कर देनदारी पता की जा सकती है.
इस कैलकुलेटर के साथ आयकर विभाग का एक डिस्क्लेमर भी है. इसमें कहा गया है कि यह कैलकुलेटर जनता को बेसिक टैक्स कैलकुलेशन के लिए क्विक और आसान पहुंच प्रदान करने के लिए है. यह सभी परिस्थितियों में सही टैक्स कैलकुलेशन देने का दावा नहीं करता है. इसलिए सलाह दी जाती है कि रिटर्न दाखिल करने के लिए प्रासंगिक अधिनियमों, नियमों आदि में निहित प्रावधानों के अनुसार सटीक कैलकुलेशन की जानी चाहिए.
इनकम टैक्स को लेकर बजट की अहम घोषणाएं
1 अप्रैल, 2023 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए बजट की घोषणा करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि नई आयकर व्यवस्था को डिफॉल्ट आयकर व्यवस्था बनाया जा रहा है. हालांकि, नागरिकों के पास नई और पुरानी दोनों आयकर व्यवस्थाओं में से चुनाव करने का विकल्प बना रहेगा.
नई आयकर व्यवस्था के तहत वित्त वर्ष 2023-24 से 7 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम को टैक्स फ्री कर दिया गया है. इस लिमिट तक की टैक्सेबल इनकम पर बनने वाले आयकर को रिबेट यानी माफ कर दिया जाएगा. इसके अलावा अब स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा पुरानी आयकर व्यवस्था के साथ-साथ नई व्यवस्था में भी रहेगा. नई आयकर व्यवस्था में बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया है. पुरानी कर व्यवस्था में यह लिमिट 2.5 लाख रुपये तक की सीमित है.