Tax Saving: दिव्यांग रिश्तेदार का करा रहे इलाज, जानें इस खर्च पर कैसे बचा सकते हैं 1.25 लाख तक का टैक्स
सेक्शन 80DD का फायदा केवल भारत के नागरिकों के लिए है, NRI इसका फायदा नहीं ले सकते.
अगर कोई सैलरीड क्लास इंडीविजुअल टैक्सपेयर या HUF (हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली), किसी दिव्यांग रिश्तेदार के इलाज का खर्च उठा रहे हैं तो इस खर्च पर 1.25 लाख रुपये तक की कर राहत ली जा सकती है. आयकर कानून (Income Tax Act) के सेक्शन 80DD के तहत यह प्रावधान है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, व्यक्ति या HUF इस सेक्शन के जरिए खुद पर निर्भर किसी दिव्यांग रिश्तेदार के मेडिकल ट्रीटमेंट या देखरेख आदि के खर्च पर या दिव्यांग रिश्तेदार की देखभाल के लिए किसी उपयुक्त अप्रूव्ड स्कीम में किए गए डिपॉजिट/भुगतान पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता है.
आयकर कानून के मुताबिक, व्यक्तिगत करदाता के मामले में निर्भर रिश्तेदार से अर्थ करदाता की पत्नी, बच्चों, माता-पिता, भाई-बहन से है. वहीं HUF के मामले में निर्भर रिश्तेदार HUF का सदस्य होना चाहिए. याद रहे कि सेक्शन 80DD का फायदा केवल भारत के नागरिकों के लिए है, NRI इसका फायदा नहीं ले सकते.
40% से कम अक्षम न हो निर्भर व्यक्ति
अगर निर्भर दिव्यांग रिश्तेदार 40 प्रतिशत या इससे ज्यादा लेकिन 80 प्रतिशत से कम डिसेबल है तो आयकर में 75000 रुपये की छूट मिलेगी. अगर रिश्तेदार गंभीर रूप से डिसेबल है यानी 80 प्रतिशत से ज्यादा तो टैक्स डिडक्शन 1.25 लाख रुपये तक रहेगा. इस क्लेम के लिए किसी मान्य मेडिकल अथॉरिटी से डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट जरूरी होगा.
ये डिसेबिलिटी होती हैं कवर
- सुनने में अक्षम
- दिमागी बीमारी
- मानसिक मंदता
- ऑटिज्म
- कम दिखाई देना
- कुष्ठ रोग
- लोको मोटर डिसेबिलिटी
- प्रमस्तिष्क पक्षाघात (Cerebral palsy)
- दृष्टिहीनता यानी ब्लाइंडनेस
कौन से डॉक्युमेंट्स की पड़ेगी जरूरत
- निर्भर रिश्तेदार की डिसेबिलिटी को सिद्ध करने वाला मेडिकल सर्टिफिकेट
- फॉर्म 10-IA: अगर निर्भर रिश्तेदार को प्रमस्तिष्क पक्षाघात, ऑटिज्म या मल्टीपल डिसेबिलिटी हैं तो यह फॉर्म जमा करना होगा.
- भुगतान किए गए इंश्योरेंस प्रीमियम की रसीदें: अगर निर्भर दिव्यांग रिश्तेदार की इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम का भुगतान करदाता की ओर से हो रहा है तो क्लेम के लिए इसकी रसीदों की जरूरत होगी.
- सेल्फ डिक्लेरेशन सर्टिफिकेट: करदाता को निर्भर दिव्यांग रिश्तेदार के इलाज पर खर्च को मेंशन करते हुए एक सेल्फ डिक्लेरशन सर्टिफिकेट बनाना होगा.
न भूलें यह शर्त
इस बात का ध्यान रहे कि सेक्शन 80DD के तहत डिडक्शन का क्लेम खुद दिव्यांग नहीं कर सकता. दिव्यांग व्यक्ति जिस व्यक्ति या परिवार पर निर्भर है, वह यह डिडक्शन क्लेम कर सकता है. दिव्यांग व्यक्ति के लिए सेक्शन 80U है. इस सेक्शन में प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति शारीरिक या मानसिक तौर पर दिव्यांग है तो वह सेक्शन 80U के तहत 75,000 रुपये तक का टैक्स डिडक्शन खुद क्लेम कर सकता है. इसमें ब्लाइंडनेस भी शामिल होगी. गंभीर रूप से शारीरिक दिव्यांगता के मामले में टैक्स डिडक्शन 1.25 लाख रुपये तक हो सकता है.
यह भी ध्यान रहे कि अगर दिव्यांग निर्भर रिश्तेदार आयकर कानून के सेक्शन 80U के तहत टैक्स डिडक्शन का फायदा ले रहा है, तो उसकी देखभाल कर रहा करदाता सेक्शन 80DD के तहत राहत नहीं ले सकता.