Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

भारत में पिछले कुछ साल में सुर्खियों में रहे गैस रिसाव के हादसे

भारत में पिछले कुछ साल में सुर्खियों में रहे गैस रिसाव के हादसे

Friday May 08, 2020 , 3 min Read

नयी दिल्ली, विशाखापत्तनम में एक रसायनिक संयंत्र से गैस रिसाव का मामला उद्योगों से जहरीली गैसों के हवा में फैलने से हुई दुर्घटनाओं की लंबी कड़ी का हिस्सा है जिनमें सबसे भयावह त्रासदी 1984 में भोपाल में हुई थी।


k

सांकेतिक फोटो (साभार: ShutterStock)


विशाखापत्तनम गैस रिसाव में कम से कम 11 लोग मारे गए हैं और 1000 से अधिक प्रभावित हैं ।


भोपाल में दिसंबर 1984 में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के संयंत्र से निकली मिथाइल आइसोसाइनाइट से तीन हजार से अधिक लोग मारे गए थे। इसे दुनिया की सबसे भयावह औद्योगिक त्रासदियों में से एक माना जाता है। इसके अलावा पिछले कुछ साल में सुर्खियों में रहे गैस रिसाव के मामले इस प्रकार हैं।


भिलाई, छत्तीसगढ : 12 जून, 2014 को भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) के भिलाई संयंत्र से मीथेन गैस पाइपलाइन में रिसाव हुआ था। इसमें कंपनी के दो उप महाप्रबंधक समेत छह लोग मारे गए और 50 से अधिक बीमार हुए थे।


नगरम, आंध्र प्रदेश : 27 जून, 2014 को भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड के संयंत्र में विस्फोट के बाद भीषण आग लगने से 29 लोग मारे गए और 10 घायल हुए। जमीन के भीतर 18 इंच की पाइपलाइन से लैंको पावर प्लांट को गैस की आपूर्ति होती थी। इससे पानी और वाष्प मिली गीली गैस भेजी गई और पाइप फटने से गैस रिसने लगी। इसके बाद विस्फोट हुआ और आग लग गई।


मंगलुरू, कर्नाटक : 17 नवंबर, 2016 को मंगलुरू, हसन, मैसुरू और सोलूर के बीच एचपीसीएल में गैस रिसाव से इलाके के गांवों में दहशत फैल गई। कई लोगों को गैस सूंघने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस हादसे पर हालांकि जल्दी काबू पा लिया गया और ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।



कानपुर, उत्तर प्रदेश : 15 मार्च, 2017 को कटियार शीत संग्रहण में अमोनिया गैस रिसने से हुए विस्फोट में कम से कम पांच लोग मारे गए और कई घायल हो गए। इस विस्फोट से इमारत की छत गिर गई जिसके नीचे कई लोग धंस गए थे।


दिल्ली : छह मई, 2017 को दक्षिण पूर्वी दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में दो स्कूलों के बपास कंटेनर डिपो में रसायनिक रिसाव के बाद जहरीला धुंआ उठने से करीब 450 छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। क्लोरो मिथाइन पाइरिडाइन रसायन से आंख में जलन होती है और पानी गिरता है। इसके अलावा सांस लेने में तकलीफ, छींके आना और खासी जैसे लक्षण पाये जाते हैं।


पोर गांव, गुजरात : 13 अप्रैल, 2017 को गुजरात के पोर गांव में पीने के पानी की टंकी में क्लोरिन गैस के सिलेंडर के वाल्व में रिसाव से कम से कम 20 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। इस गैस से आंख और गले में जलन होती है।


बेलूर, कर्नाटक : 16 मई, 2017 को शहर के बाहरी इलाके में पानी की सफाई के लिये बने संयंत्र से क्लोरिन गैस के रिसाव के बाद कम से कम 25 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। गैस सूंघने वाले लोगों में सांस की तकलीफ और गले में जलन जैसी शिकायतें पाई गई थी।


भिलाई, छत्तीसगढ : नौ अक्टूबर, 2018 को भिलाई इस्पात संयंत्र में हुए विस्फोट में 11 लोग मारे गए और 14 घायल हुए थे।


वलसाड़, गुजरात : 20 दिसंबर, 2018 को कांच बनाने के एक कारखाने के अगल में रसायन कंपनी से क्लोरिन गैस के रिसाव से कांच बनाने के कारखाने में काम करने वाले 40 से अधिक मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।



Edited by रविकांत पारीक