भारत दुनिया की फार्मेसी बन गया है, अब समय आ गया है कि भारत दुनिया की फैक्ट्री बने: डॉ. मनसुख मांडविया
केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इस बात पर जोर दिया कि एक जीवंत उद्योग किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक है. उन्होंने उद्योग को समर्थन देने में सरकार की भूमिका पर भी प्रकाश डाला.
"भारत विश्व की फार्मेसी बन गया है, अब समय आ गया है कि भारत विश्व की फैक्ट्री बने." यह बात डॉ. मनसुख मांडविया ने "भारत में वैश्विक रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विनिर्माण केंद्र" (GCPMH 2023) पर शिखर सम्मेलन के तीसरे संस्करण में समापन भाषण देते हुए कही. "सस्टैनबिलिटी एंड सरकुलैरिटी" थीम पर आधारित और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा आयोजित, GCPMH 2023 शिखर सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों और हितधारकों की उत्साह जनक भागीदारी देखी गई.
केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि एक जीवंत उद्योग किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक है. उन्होंने उद्योग को समर्थन देने में सरकार की भूमिका पर भी प्रकाश डाला. एक सरकार के रूप में हम केवल सांकेतिक रूप से नहीं, बल्कि समग्रता में सोचते हैं. बड़े पैमाने पर उद्योग के लिए हम अधिकतम शासन और न्यूनतम सरकार सुनिश्चित करने के लिए एक समग्र इकोसिस्टम का निर्माण करना चाहते है. डॉ. मांडविया ने आगे इस क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव और प्रगति के लिए नवीन व टिकाऊ समाधान लाने हेतु सुझाव भी आमंत्रित किए.
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय के रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग के सचिव अरुण बरोका ने दो दिवसीय कार्यक्रम का सारांश दिया और कहा, “इस शिखर सम्मेलन ने केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ उद्योग के लिए बातचीत का एक सहयोगी मंच उपलब्ध करवाया है.” उन्होंने कार्यक्रम की थीम के अनुरूप रसायन और पेट्रोकेमिकल उद्योग के कुछ अनिवार्य पहलुओं जैसे फंडिंग, पर्यावरण मंजूरी आदि पर ध्यान केंद्रित करने का उल्लेख किया.
इस कार्यक्रम में उद्योग जगत के कई नेताओं की भागीदारी देखी गई जिनके कार्यों ने उद्योग के सतत विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.