मकान के दाम बढ़ने के मामले में 56 देशों में 47वें स्थान पर है भारत
मकानों की कीमतों में बढ़ोतरी के मामले में भारत दुनिया में 56 देशों की सूची में 47वें स्थान पर है। चालू वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में देश में घरों की कीमतों में मात्र 0.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
वैश्विक संपत्ति सलाहकार नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मांग सुस्त पड़ने की वजह से घरों के दामों में मामूली वृद्धि हुई है।
अप्रैल-जून तिमाही में घर कीमतों में बढ़ोतरी के मामले में भारत 11वें स्थान पर था। इस दौरान देश में घरों की कीमतों में 7.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
नाइट फ्रैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट वैश्विक आवास मूल्य सूचकांक तीसरी तिमाही 2019 में 56 देशों और स्थानों पर आधिकारिक सांख्यिकी आंकड़ों के आधार पर घर कीमतों का आकलन किया है। भारत इसमें 56 देशों में 47वें स्थान पर है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिक्री की सुस्त रफ्तार, बिना बिके मकानों का स्टॉक और डेवलपर्स के पास नकदी की कमी की वजह से घर कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
आंकड़ों के अनुसार इस सूची में हंगरी पहले स्थान पर है। तिमाही के दौरान सालाना आधार पर हंगरी में घर 15.4 प्रतिशत महंगे हुए। लग्जमबर्ग में इनकी कीमतों में 11.4 प्रतिशत और क्रोएिशया में 10.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
स्लोवाकिया इस सूची में 9.7 प्रतिशत के साथ चौथे स्थान पर है। लातविया में पांचवें (नौ प्रतिशत), चेक गणराज्य (8.7 प्रतिशत) छठे, चीन (8.5 प्रतिशत) सातवें, जर्सी (8.5 प्रतिशत आठवें), मेक्सिको (8.4 प्रतिशत) नौवें और रूस (8.1 प्रतिशत) दसवें स्थान पर है।
हालांकि इस मसले पर भारत को लेकर बात करें तो देश में सरकार सभी को पक्का मकान दिलाने के लिए प्रयासरत है। सरकार की तरफ से कई योजनाएँ भी संचालित की जा रही हैं, जिनके तहत जरूरतमंदों को पक्के मकान मुहैया कराये जा रहे हैं।
देश में मेट्रो शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर और हैदराबाद में मकानों की कीमत आसमान छू रही है, जबकि देश के अन्य शहरों में अपेक्षाकृत हाल उतना बुरा नहीं है।
इन मेट्रो शहरों में किराए के मकान भी बेहद महंगे हैं, जिसके चलते नौकरी की तलाश में इन शहरों में रह रहे लोगों को भी ख़ासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।