भारत स्टार्टअप, यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर: डॉ. जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 49 प्रतिशत स्टार्टअप टियर-2 और टियर-3 शहरों में हैं जो आईटी, कृषि, विमानन, शिक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं.
भारत स्टार्टअप इकोसिस्टम और यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है. ताजा आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में 105 यूनिकॉर्न हैं जिनमें से 44 यूनिकॉर्न 2021 में और 19 यूनिकॉर्न 2022 में बने हैं. यह बात केंद्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान (स्वतंत्र प्रभार); पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित "डीएसटी स्टार्टअप उत्सव" (DST StartUp Utsav) के अवसर पर मुख्य भाषण देते हुए कही.
उन्होंने कहा कि 2021-30 के दशक में इंडियन साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन (STI) के लिए परिवर्तनकारी बदलाव होने की उम्मीद है.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान अनुसंधान और विकास पर सकल व्यय (GERD) में तीन गुना से अधिक वृद्धि की है. उन्होंने कहा कि ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत में 5 लाख से अधिक अनुसंधान एवं विकास कर्मी हैं, इस संख्या में पिछले 8 वर्षों में 40-50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में बाहरी अनुसंधान एवं विकास में महिलाओं की भागीदारी भी दोगुनी हो गई है और अब अमेरिका और चीन के बाद विज्ञान और इंजीनियरिंग में पीएचडी प्राप्त करने वालों की संख्या के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है. बदलती वैश्विक शक्तियों और टेक्नोलॉजी के कारण अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव और नियम बनाने का केंद्र बनने के साथ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक मानकों की कसौटी पर खरा उतर रहा है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2015 में लाल किले की प्राचीर से स्टार्टअप इंडिया (Startup India) की शुरुआत होने का जिक्र करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में अब 75,000 से अधिक स्टार्टअप का केंद्र बन गया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का विशेष फोकस साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर है, जिसमें देश के युवाओं में नए विचारों के साथ समस्याओं को हल करने और इनोवेशन करने की कल्पना को जागृत किया है.
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के स्टार्टअप केवल महानगरों या बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि 49 प्रतिशत स्टार्टअप टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे पास आईटी, कृषि, विमानन, शिक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य और अंतरिक्ष क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअप उभर रहे हैं.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने टेक्नोलॉजी बिजनेस इन्क्यूबेटर (TBI) के प्रमुख कार्यक्रम और 51 CAWACH फंडेड स्टार्टअप की एक कॉफी टेबल बुक सहित निधि (NIDHI) के विभिन्न घटकों के तहत होनहार स्टार्टअप की विशेषता वाले 4 प्रकाशन भी जारी किए.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत विश्व में टेक्नोलॉजी लेनदेन के लिए सबसे आकर्षक इन्वेस्टमेंट डेस्टीनेशन के मामले में तीसरे स्थान पर है क्योंकि भारत का साइंस और टेक्नोलॉजी पर एक मजबूत फोकस है. उन्होंने कहा भारत वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष देशों में से एक है और यह स्पेस एक्सप्लोरेशन के क्षेत्र के शीर्ष पांच देशों में शामिल है. यह क्वांटम टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के साथ भी सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सेंटर फॉर ऑगमेंटिंग वार विद कोविड-19 हेल्थ क्राइसिस (CAWACH) कार्यक्रम को DST द्वारा रिकॉर्ड समय में तब तैयार किया गया था जब कोविड फैल रहा था. यह भारत सरकार का पहला कार्यक्रम था जिसका उद्देश्य कोविड प्रोडक्ट और समाधानों पर कार्य करने वाले स्टार्टअप की मदद करना था. उन्होंने कहा DST के कार्यक्रम का समग्र प्रभाव और परिणाम इनोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप पर बहुत महत्वपूर्ण रहा है. इससे 160 इन्क्यूबेटरों को बढ़ावा दिया, 12,000 स्टार्टअप को फंड किया, जिसमें 1627 स्टार्टअप महिलाओं के नेतृत्व वाले थे और इससे 1,31,648 नौकरियों का सृजन हुआ.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) की वैश्विक रैंकिंग में लम्बी छलांग लगाई है. यह वर्ष 2015 में 81वें स्थान पर था जो 2021 में 46वें स्थान पर आ गया. उसने यह उपलब्धि दुनिया की 130 अर्थव्यवस्थाओं में हासिल की है. भारत 34 निम्न मध्यम-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में दूसरे स्थान पर है और GII के मामले में 10 मध्य और दक्षिणी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में पहले स्थान पर है. GII रैंकिंग में लगातार सुधार विशाल ज्ञान पूंजी, जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम और सार्वजनिक और निजी अनुसंधान संगठनों द्वारा किए गए कुछ उत्कृष्ट कार्यों के परिणाम स्वरूप हुआ है.
DST सचिव, डॉ. एस चंद्रशेखर ने कहा कि भारत ने हाल के 7-8 वर्षों में STI क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है और कई प्रकाशनों के मामले में देश के समग्र प्रदर्शन में उल्लेखनीय वृद्धि भी देखी गई है. राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन डेटाबेस के आधार पर यह प्रकाशन के मामले में वैश्विक रूप से अब तीसरे स्थान पर है और 2013 में छठें स्थान पर था. पेटेंट (रेजिंडेंट पेटेंट फाइलिंग के मामले में विश्व स्तर पर 9वें स्थान पर) और शोध प्रकाशनों की गुणवत्ता (2013 में 13वें स्थान पर विश्व स्तर पर 9वें स्थान पर) के मामले में इसका महत्वपूर्ण स्थान है. उन्होंने बताया कि DST के NIDHI कार्यक्रम ने स्टार्टअप्स के लिए बहुत आवश्यक समर्थन को तेजी से संसाधित किया है, जो बिजनेस इनक्यूबेटर और अन्य व्यावसायिक सहायता प्रदाताओं के सक्रिय समर्थन को बढ़ावा देता है.
विभिन्न क्षेत्रों से देश भर से निधि के तहत समर्थित 75 प्रभावशाली इनक्यूबेटेड स्टार्टअप्स को DST स्टार्टअप एक्सपो में 50 वस्तुगत के साथ-साथ 25 डिजिटल मोड में प्रदर्शित किया गया (NM-ICPS टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब से 5 स्टार्टअप भी स्टार्टअप के 50 स्टालों का हिस्सा थे).
डॉ. जितेंद्र सिंह ने आयोजकों, टीम डीएसटी, देश भर से इनोवेशन के चैंपियनों- स्टार्टअप, इनक्यूबेटर, इनक्यूबेटर एसोसिएशन ISBA को बधाई दी और उन्हें इस महान देश की विकास कहानी को एक्सीलरेट करने और DST स्टार्टअप बनाने के उनके निरंतर प्रयासों के लिए सफलता की कामना की तथा उन्हें इस उत्सव को सफल बनाने के लिए बधाई दी.