भारत को 2047 में 47 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए: पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए 'पंच प्रण' को तभी साकार किया जा सकता है जब यह समस्त देश की प्रतिबद्धता बन जाए. उन्होंने बल देकर कहा कि विकसित भारत का विजन देश की नारी शक्ति और भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र के बिना संभव नहीं होगा.
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मुंबई में इंडियन मर्चेंट्स चैंबर द्वारा आयोजित 'इंडिया कॉलिंग कॉन्फ्रेंस 2023' में उद्घाटन भाषण दिया. अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने विश्व भर की बड़ी कंपनियों की आपूर्ति श्रृंखला में चेक गणराज्य और पोलैंड जैसे छोटे देशों की कंपनियों के योगदान को रेखांकित किया.
गोयल ने सभी से 2047 तक भारत के 47 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य निर्धारित करने की अपील की. उन्होंने कहा कि भारत ने अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने का प्रयत्न किया है और इसमें उसे बड़ी सफलता मिली है. उन्होंने कहा कि टीम की भावना, प्रतिस्पर्धा और सकारात्मकता सफलता के लिए आवश्यक है और इस तरह की भावना मुंबई में देखी जा सकती है, जो न केवल भारत की वित्तीय बल्कि आनन्द-मौज की भी राजधानी है.
पीयूष गोयल ने कहा कि विश्व के हर भौगोलिक क्षेत्र को भारत से बहुत आशाएं और उम्मीदें हैं और यद्यपि यह कभी-कभी चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन यह भारत के भविष्य में विश्व के भरोसे को प्रदर्शित करता है. उन्होंने कहा, "भारत एक अर्थव्यवस्था के रूप में विश्व के विजन को दर्शाता है. जहां वाणिज्य उद्योग की टीमें भारत के हितों की रक्षा पर गहन ध्यान देने के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रही हैं, भारत का मानना है कि सच्ची समृद्धि तब होती है जब पूरा विश्व समृद्ध होता है. भारत वैक्सीन मैत्री में विश्वास करता है जिसके तहत इसने निर्धन देशों को 278 मिलियन खुराक ज्यादातर निःशुल्क में वितरित किया क्योंकि विश्व सुरक्षित होने पर ही भारत खुद को सुरक्षित महसूस करता है."
मंत्री गोयल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए 'पंच प्रण' को तभी साकार किया जा सकता है जब यह समस्त देश की प्रतिबद्धता बन जाए. उन्होंने बल देकर कहा कि विकसित भारत का विजन देश की नारी शक्ति और भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र के बिना संभव नहीं होगा. उन्होंने सामाजिक प्रयोजनों से उद्योग की प्रतिबद्धता की सराहना की और कहा कि हम सभी भारत के बेहतर भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं.
सम्मेलन के दौरान, आईएमसी इंटरनेशनल बिजनेस कमेटी के अध्यक्ष दिनेश जोशी ने 'मेक इन इंडिया' पहल की सफलता गाथा रेखांकित की, जहां भारत सबसे पसंदीदा विनिर्माण हबों में से एक बन गया है. उन्होंने उल्लेख किया कि भारत का स्मार्टफोन निर्यात शून्य से बढ़कर 90,000 करोड़ रुपये हो गया है और इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, वस्त्र के निर्माण और सौर विनिर्माण के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने रक्षा, अंतरिक्ष, हाइड्रोजन ऊर्जा और फिनटेक जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है.
आईएमसी के अध्यक्ष अनंत सिंघानिया ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि जीडीपी के हिसाब से भारत अब विश्व का 5वां सबसे बड़ा देश है जो 2014 के बाद से 10 स्थान ऊपर है. उन्होंने डिजिटल सेवाओं द्वारा आम भारतीयों को उनकी इलेक्ट्रॉनिक पहचान से जोड़ने के लिए सरकार की पहलों को रेखांकित किया जिसके फलस्वरूप टेक्नोलॉजी की लागत कम हो गई है. इसने और भारत सरकार द्वारा बनाए गए अनुकूल इकोसिस्टम ने भारत में स्टार्टअप परिदृश्य को बदल दिया है, जिससे भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बन गया है. उन्होंने यह भी दर्ज किया कि कैसे भारत 2021 में 1 यूनिकॉर्न/वर्ष से 42 यूनिकॉर्न बनाने से आगे बढ़ गया है और पिछले 10 वर्षों की अवधि में मोबाइल डेटा का उपभोग करने वाला नंबर 1 देश बन गया है.