इंडियन एयरफोर्स की पहली महिला फाइटर पायलट बनकर, भावना कांत ने रचा इतिहास
अभी तक एयरफोर्स में सिर्फ पुरुष पायलट ही फाइटर प्लेन उड़ाते थे, लेकिन अब महिलाओं के लिए भी ये दरवाजे खुल गए हैं। एयरफोर्स में महिला पायलट तो पहले से भी थीं, लेकिन उन्हें सिर्फ ट्रांसपोर्ट विमान और हेलीकॉप्टर ही उड़ाने को मिलता था। लेकिन भावना कांत ने पहली महिला फाइटर पायलट बनकर इतिहास रच दिया है। भावना ने मिग -21 बाइसन एयरक्राफ्ट पर लड़ाकू अभियानों को अंजाम देने के लिए अपनी ट्रेनिंग सफलतापूर्वक पूरी कर ली हैं। वे ऐसी पहली ऐसी महिला फाइटर पायलट हैं, जो लड़ाकू विमान से दिन में मिशन पर जाने के लिए योग्य हैं।
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अनुपम बैनर्जी ने कहा, 'भावना ऐसी पहली महिला फाइटर हैं जो दिन में फाइटर एयरक्राफ्ट से मिशन को अंजाम दे सकती हैं। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के साथ यह उपलब्धि हासिल की है।' भावना 2016 में महिला फाइटर पायलट के तौर पर एयरफोर्स को जॉइन किया था। वे 2017 में फाइटर स्क्वाड्रन में शामिल हुईं थीं। पिछले साल ही उन्होने मिग -21 बाइसन विमान से अकेले उड़ान भरी थी। अभी वे राजस्थान के बीकानेर में एयरफोर्स बेस में तैनात हैं।
बिहार के बेगुसराय जिले की रहने वाली भावना कांत ने बरौनी से अपनी स्कूली पढ़ाई की और फिर बेंगलुरु से मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। 2014 में वे टाटा कंसल्टेंसी के साथ काम करने लगीं। लेकिन उन्हें कॉर्पोरेट की नौकरी रास नहीं आई और उन्होंने यूपीएससी द्वारा आयोजित सीडीएस की परीक्षा देने का फैसला किया। अपनी मेहनत और लगन की बदौलत उन्होंने यह परीक्षा पास की और एयरफोर्स में चयनित हो गईं।
भावना कहती हैं कि वे काफी पहले सी ही एय़रफोर्स जॉइन करना चाहती थीं। इसमें उनके परिवार ने उन्हें पूरा सपोर्ट दिया। वे बताती हैं कि घरवालों ने कभी उन्हें ये अहसास नहीं होने दिया कि लड़की होने की वजह से कुछ अलग नहीं कर सकती हैं। भावना के साथ ही मध्य प्रदेश के रीवा की अवनी चतुर्वेदी और वड़ोदरा की मोहना सिंह ने भी एयरफोर्स में बतौर फाइटर पायलट जॉइन किया था।
यह भी पढ़ें: पहली बार वोट देने वाले युवाओं को 'अपनी सरकार' से हैं क्या उम्मीदें