क्या भारतीय फुटबॉल फेडरेशन से हटेगी FIFA की पाबंदी, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
16 अगस्त को पिछले 85 साल के इतिहास में पहली बार विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संचालन संस्था फीफा (FIFA) ने तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देकर अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को निलंबित कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के कामकाज के संचालन के लिये नियुक्त तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (CoA) को बर्खास्त कर दिया है. इसके साथ ही एआईएफएफ पर से फीफा द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के हटने का रास्ता खुल गया है.
बता दें कि, 16 अगस्त को पिछले 85 साल के इतिहास में पहली बार विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संचालन संस्था फीफा (FIFA) ने तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देकर अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को निलंबित कर दिया था. इसके साथ ही फीफा ने एआईएफएफ से अक्टूबर में होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप के मेजबानी अधिकार छीन लिए थे. भारत को 11 से 30 अक्टूबर के बीच फीफा टूर्नामेंट की मेजबानी करनी है.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्देश दिया कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के कामकाज के संचालन के लिये नियुक्त तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति को बर्खास्त माना जाये.
न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के दैनिक कामकाज को निकाय के कार्यवाहक महासचिव संभालेंगे. इसने कहा कि एआईएफएफ की कार्यकारी समिति में 23 सदस्य होंगे जिनमें छह नामचीन खिलाड़ी (दो महिला खिलाड़ी) होंगे .
कोर्ट ने कहा कि भारत में अंडर 17 महिला विश्व कप के आयोजन और अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) द्वारा एआईएफएफ पर लगाया निलंबन रद्द कराने के लिये इसने अपने पूर्व आदेश में बदलाव किया है.
कोर्ट ने फीफा से बातचीत के बाद पूर्व आदेश में बदलाव की खेल मंत्रालय की अपील पर यह आदेश दिया. दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त सीओए में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अनिल आर दवे, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव विकास स्वरूप शामिल थे.
वहीं, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और एएस बोपन्ना ने 28 अगस्त को होने वाले चुनाव एक सप्ताह के लिये स्थगित कर दिये हैं ताकि मतदाता सूची में बदलाव और नामांकन प्रक्रिया की शुरूआत हो सके.
पीठ ने कहा कि एआईएफएफ चुनाव के लिये मतदाता सूची में प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश संघों के 36 प्रतिनिधि होने चाहिये जैसा कि फीफा ने मांग की है. इससे पहले एआईएफएफ को भेजे गये एक पत्र में फीफा ने कहा था कि निर्वाचक मंडल में राज्य संघों के प्रतिनिधियों और पूर्व खिलाड़ियों की बराबर संख्या ‘समझदारी नहीं’ है, हालांकि उसने संविधान मसौदे के 50 प्रतिशत के बजाय कार्यकारी समिति में 25 प्रतिशत खिलाड़ियों के प्रतिनिधित्व पर सहमति दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के चुनाव के लिए सीओए के द्वारा नियुक्त चुनाव अधिकारी उमेश सिन्हा और तपस भट्टाचार्य को अदालत द्वारा नियुक्त माना जाएगा.
Edited by Vishal Jaiswal