अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग से भी ज्यादा होशियार है ये 11 वर्षीय भारतीय लड़की
"लंदन के बार्किंगसाइड की रहने वाली छात्र अनुष्का अब बुद्धिमत्ता (intelligence) के मामले में दुनिया के शीर्ष एक प्रतिशत लोगों में शामिल हैं। अनुष्का ने मेंसा आईक्यू टेस्ट में 162 अंक हासिल किए हैं, जो इस टेस्ट के सर्वाधिक अंक है।"
11 साल की उम्र में युवा छात्र अनुष्का दीक्षित ने एक नया मानदंड स्थापित किया है। लंदन के बार्किंगसाइड की रहने वाली छात्र अनुष्का अब बुद्धिमत्ता (intelligence) के मामले में दुनिया के शीर्ष एक प्रतिशत लोगों में शामिल हैं। अनुष्का ने मेंसा आईक्यू टेस्ट में 162 अंक हासिल किए हैं, जो इस टेस्ट के सर्वाधिक अंक है। 20 अप्रैल को पूर्वी लंदन विश्वविद्यालय में दिए इस टेस्ट में अनुष्का ने केवल 40 मिनट में पूरी पीरियोडिक टेबल को याद कर 162 अंक हासिल किए। माना जाता है कि महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन और स्टीफन हॉकिंग का आईक्यू स्कोर 160 था, वहीं इस बच्ची ने इस टेस्ट में उनसे दो अंक ज्यादा हासिल किए हैं।
मेन्सा की मेंबरशिप के लिए "कुछ स्टैंडर्डाइज्ड आईक्यू या अन्य अप्रूव्ड इंटेलीजेंस टेस्ट में 98वें प्रतिशत या उससे अधिक" स्कोर करना होता है। 140 का स्कोर "जीनियस आईक्यू" माना जाता है। वैसे ये भी माना जाता है कि न तो हॉकिंग और न ही आइंस्टीन ने यह टेस्ट दिया था, लेकिन उनके आईक्यू का अनुमान 160 है। संयोग से अनुष्का रूम में मौजूद अधिकांश प्रतिभागियों की तुलना में 30 साल छोटी थीं, लेकिन उन्होंने सबसे ज्यादा स्कोर हासिल किया। वह अब मेंसा की सदस्यता के लिए पात्र हैं। अनुष्का एक दिन प्रधानमंत्री बनना चाहती हैं।
शी द पीपल से बात करते हुए, अनुष्का ने कहा कि परीक्षा "बहुत कठिन नहीं थी, बस थोड़ी मुश्किल थी", वह कहती हैं, “11-प्लस पास करने के बाद, मैं मेन्सा परीक्षा में बैठना चाहती थी। मुझे पूरे अंक मिले। मैं निश्चित रूप से काफी शॉक्ड थी। मैं टेस्ट खत्म होने के बाद रोने लगी क्योंकि मुझे लगा कि मैंने गैर-मौखिक प्रश्नों में से एक गलत जवाब दे दिया है। मेरा लक्ष्य 162 का स्कोर करने का था। लेकिन मैं अभी भी शॉक्ड हूं कि मैंने ये कर लिया।”
मेट्रो की रिपोर्ट के अनुसार, अनुष्का के हाई स्कोर का श्रेय उनकी माँ आरती दीक्षित को भी जाता है। उन्होंने कहा कि उनकी इकलौती संतान अनुष्का शुरू से ही एक उज्ज्वल छात्र रही है। उन्होंने कहा कि अनुष्का ने छह महीने की उम्र से ही टीवी विज्ञापनों में शब्दों की नकल करना शुरू कर दिया था। अनुष्का ने अपनी मां से अनुरोध किया कि वह मेन्सा आईक्यू टेस्ट लेने की अनुमति दे, क्योंकि वह 11-प्लस परीक्षा को क्लियर करने के बाद एक नई चुनौती चाहती थीं।
अपने भविष्य के बारे में बात करते हुए अनुष्का ने कहा, “जब मैं बड़ी हो जाऊंगी, तो मैं डॉक्टर बनना चाहूंगी। यदि ऐसा नहीं होता है, तो मेरे पास अन्य प्रोफेसन भी हैं जो मुझे पसंद हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, मैं वित्त में जा सकती हूं। मुझे गणित से प्यार है। मुझे सभी विषय पसंद हैं। स्कूल में ऐसा कोई विषय नहीं है जिसे मैं पसंद नहीं करती।”
2017 में, इंग्लैंड में एक और भारतीय मूल की लड़की, राजगौरी पवार, ब्रिटिश मेंसा आईक्यू टेस्ट में अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग को हराने में कामयाब रही थी। 12 वर्षीय राजगौरी पवार ने मैनचेस्टर में परीक्षा दी और उस समय की खबरों के अनुसार उन्होंने 162 का स्कोर हासिल किया था। इंडीपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, उसी वर्ष, रीडिंग का एक 11 वर्षीय भारतीय मूल का लड़का, अर्णव शर्मा, टेस्ट के लिए बैठा था और अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग के अनुमानित स्कोर से अधिक स्कोर करने में सफल रहा था।