सरकार ने क्रिप्टो सेक्टर पर लागू किए मनी लॉन्ड्रिंग प्रावधान, क्या हैं इसके मायने?
भारत सरकार ने क्रिप्टोकरंसी सेक्टर पर मनी लॉन्ड्रिंग के प्रावधान लागू कर दिए हैं. यह सरकार द्वारा डिजिटल असेट्स की निगरानी को कड़ा करने का नवीनतम कदम है. (money laundering provisions on the cryptocurrency sector)
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को एक नोटिस में कहा कि क्रिप्टो ट्रेडिंग, सेफकीपिंग और संबंधित वित्तीय सेवाओं पर मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून लागू किया गया है.
रॉयटर्स के अनुसार, लॉ फर्म Trilegal के वकील जयदीप रेड्डी ने कहा, "भारत सरकार का कदम डिजिटल-एसेट प्लेटफॉर्म की आवश्यकता के वैश्विक रुझान के साथ मैल खाता है, बैंकों या स्टॉक ब्रोकरों जैसी अन्य विनियमित संस्थाओं के समान मनी-लॉन्ड्रिंग रोधी मानकों का पालन करने के लिए".
पिछले साल भारत ने क्रिप्टो सेक्टर पर अधिक कड़े कर नियम लागू किए, जिसमें ट्रेडिंग पर लेवी लगाना भी शामिल था. उन कदमों के साथ-साथ डिजिटल असेट्स में वैश्विक गिरावट के कारण घरेलू ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट आई है.
रेड्डी ने कहा, ताजा एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग प्रावधान "अपेक्षित अनुपालन उपायों को लागू करने के लिए समय और संसाधनों की आवश्यकता होने की संभावना है."
वित्त मंत्रालय ने आज घोषणा की कि क्रिप्टोकरंसी लेनदेन अब मनी लॉन्ड्रिंग प्रावधानों के दायरे में आएंगे. एक अधिसूचना में, सरकार ने कहा कि वर्चुअल डिजिटल असेट्स से जुड़े लेन-देन Prevention of Money Laundering Act (PMLA) के तहत होंगे.
राजपत्र में, मंत्रालय ने निवेशकों को "वर्चुअल डिजिटल असेट्स की जारीकर्ता की पेशकश और बिक्री से संबंधित वित्तीय सेवाओं में भागीदारी और प्रावधान" के खिलाफ चेतावनी दी.
अधिसूचना में कहा गया है कि वर्चुअल डिजिटल असेट्स का आदान-प्रदान और हस्तांतरण भी पीएमएलए कानूनों के तहत आएगा.
आयकर अधिनियम के अनुसार, 'वर्चुअल डिजिटल एसेट' किसी भी जानकारी, कोड, संख्या, या टोकन (भारतीय मुद्रा या विदेशी मुद्रा नहीं होने के कारण) को संदर्भित करता है, जो क्रिप्टोग्राफ़िक माध्यम से या अन्यथा उत्पन्न होता है और जिसे किसी भी नाम से पुकारा जा सकता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अक्टूबर 2022 में कहा था, क्रिप्टोकरेंसी पर किसी तरह के रेगुलेशन की जरूरत है और इस पर सभी देशों को एक साथ होना होगा.
उन्होंने तब कहा, "कोई भी अकेले इसे संभालने में सक्षम नहीं होगा. यह भारत में G20 प्रेसीडेंसी के दौरान एजेंडा का हिस्सा होगा. हम जोखिमों से निपटने के लिए क्रिप्टोकरेंसी के वैश्विक विनियमन के लिए एक मजबूत मामला बना रहे हैं. इसमें मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग भी शामिल है."
G20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की हालिया बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Santikanta Das) ने कहा कि क्रिप्टो एसेट्स (crypto assets) से निपटने के लिए एक इंटरनेशनल फ्रेमवर्क और आर्किटेक्चर तैयार करने के प्रयास जारी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund - IMF) और वित्तीय स्थिरता बोर्ड (Financial Stability Board - FSB) भी इस तरह के फ्रेमवर्क पर काम कर रहे हैं.