पीरियड्स पर बनी भारतीय फिल्म को मिला ऑस्कर, प्रोड्यूसर ने हर स्कूल में दिखाने की गुजारिश की
भारत की लड़कियों और महिलाओं पर एक भारतीय महिला द्वारा प्रोड्यूस की गई फिल्म 'पीरियड: द एंड ऑफ सेंटेंस' को ऑस्कर पुरस्कार मिलना वाकई गर्व की बात है। फिल्म को ईरानियन अमेरिकन फिल्म निर्देशक रायका जेहताबची ने निर्देशित किया है। मसान और द लंच बॉक्स जैसी शानदार फिल्में प्रोड्यूस करने वाली गुनीत मोंगा ने फिल्म को ऑस्कर मिलने के बाद कहा कि इस फिल्म को स्कूलों में और जमीनी स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार द्वारा प्रयोग किया जा सकता है।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस को लॉस एंजेलेस में दिए इंटरव्यू में मोंगा ने कहा, 'ऑस्कर जीतने के बाद अगर सरकार इस फिल्म को स्कूल और कॉलेजों तक पहुंचाने और बच्चों को शिक्षित करने के लिए इस्तेमाल करे तो मुझे अच्छा लगेगा। अगर ऐसा होता है तो यह किसी सपने के सच होने के जैसा होगा।' उन्होंने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि हमें कोशिश करनी चाहिए और इसे साकार करना चाहिए। अभी नहीं तो कब?' गुनीत को इसी साल अकैडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंस का मेंबर भी बनाया गया है।
गुनीत ने कहा कि भारत आने के बाद वे अधिकारियों से बात करने का प्रयास करेंगी। रायका ज़हताबची द्वारा निर्देशित फिल्म ने 91वें अकादमी पुरस्कार में डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट श्रेणी में पुरस्कार जीता। भारतीय निर्माता गुनीत मोंगा की सिख्या एंटरटेनमेंट फिल्म की निर्माता है। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनेका गांधी ने कहा कि फिल्म बनाने वाले दल को बधाई खासतौर पर, मोंगा को। उन्होंने कहा कि फिल्म ने पीरियड्स पर बातचीत शुरू करने में मदद की है और पीरियड जल्द ही लड़की के सपने को नहीं बल्कि सजा को खत्म करेगी।'
फिल्म को ऑस्कर मिलने पर पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही बधाई और शुभकामनाएं दे चुके हैं। यह फिल्म उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले की उन 'पैड वूमन्स' की कहानी पर बनी है जिन्होंने धीरे-धीरे मासिक धर्म से जुड़ी रूढ़ियों को तोड़ने का प्रयास किया है। 26 मिनट अवधि की यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर मौजूद है।
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