भारतीय नौसेना में 20 फीसदी महिला अग्निवीरों की भर्ती
भारतीय नौसेना ने घोषणा की है कि अग्निपथ योजना के तहत नेवी में 20 फीसदी महिला कैंडीडेट्स की भर्ती की जाएगी.
भारतीय नौसेना में अब तक महिलाएं सिर्फ ऑफीसर रैंक में ही होती थीं. अब महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के इरादे से भारतीय नौसेना (India Navy) ने एक बड़ा फैसला लिया है. अग्निपथ योजना के तहत अब भारतीय नौसेना महिलाओं की भी भर्ती करेगी. नौसेना ने घोषणा की है कि इस योजना कि तहत जिन अग्निवीरों की भर्ती की जानी थी, उनमें 20 फीसदी महिला कैंडीडेट्स की भर्ती की जाएगी. ट्रेनिंग के बाद इनकी अलग-अलग विभागों में तैनाती होगी. महिला कैंडीडेट्स की भर्ती अग्निवीरों के पहले बैच से ही शुरू हो जाएगी.
भारतीय नौसेना के कमोडोर गुरुचरण सिंह ने कहा है कि ये महिला कैंडीडेट नेवी की हर विभाग और ब्रांच में ली जाएंगी. इन्हें ऑपरेशंस की जिम्मेदारी भी दी जाएगी. पहले इनकी चार महीने की बेसिक ट्रेनिंग होगी. उसके बाद चार हफ्ते समंदर में इन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग की शुरुआत होगी, जिसके बाद ये तय होगा कि किस कैंडीडेट को नेवी के किस विभाग में तैनाती मिलेगी.
नौसेना से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन महिला अग्निवीरों की ट्रेनिंग इसी साल 21 नवंबर से ओडिशा स्थित आईएनएस चिल्का में शुरू होगी. इन महिलाओं की भर्ती SSR और MR के पदों पर की जाएगी. इस पद के लिए आवेदन करने की न्यूनतम योग्यता दसवीं है. दसवीं तक पढ़ाई की हुई कोई भी महिला इस पद के लिए आवेदन कर सकती है. नौसेना में भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब तक 11 हजार से अधिक महिलाएं अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुकी हैं.
भारतीय सेना में महिलाओं की उपस्थिति और भागीदारी लगातार बढ़ रही है. एक साल पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महिलाओं को सेना में परमानेंट कमीशन मिला. फिर इस साल पहली बार ऐसा हुआ कि एनडीए की परीक्षा में महिलाओं को भी बैठने की अनुमति मिली और एक 18 साल की लड़की शनन ढाका ने परीक्षा में टॉप भी किया.
अग्निवीर भर्ती को लेकर पिछले कुछ समय से कई तरह की खबरें आ रही थीं, लेकिन इस भर्ती के तहत 20 फीसदी महिलाओं को लेने का नौसेना का फैसला सबसे सुखद खबर है. यह महिलाओं के लिए सेना में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का बेहतर मौका भी है. सेना में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं की भर्ती न सिर्फ उनके लिए नौकरी का एक और नया अवसर है, बल्कि उनकी बराबरी की भागीदारी की दिशा में उठा जरूरी कदम भी है, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए.
Edited by Manisha Pandey