वो देसी स्टार्टअप जो 2022 में 100 करोड़ डॉलर की 'यूनिकॉर्न' लिस्ट में पहुंच गए
इंडिया में लगभग ऐसे 50 स्टार्टअप हैं जो साल 2022 के ख़त्म होने तक यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री की ताकत रखते हैं.
जुलाई का महीना शुरू हो चुका है और साल 2022 आधा बीत चुका है. आधे ही साल में इंडिया 100 करोड़ डॉलर की वैल्यूएशन वाली कंपनी यानी यूनिकॉर्न की लिस्ट में 18 नाम जोड़ चुका है. इंडिया अपने देसी यूनिकॉर्न्स पर गर्व कर रहा है. जैसे (एडवांस्ड एनालिटिक्स),
(एडटेक), (HRटेक), (सोशल कॉमर्स), (ब्लॉकचेन), (होम इंटीरियर), (B2B ईकॉमर्स), (लॉजिस्टिक्स), (कन्वर्सेशनल AI), (GraphQL developer), (फिनटेक), (मीडियाटेक), (फिनटेक), (गेमिंग), (फिनटेक), (एडटेक), (ब्यूटी), और हालिया, (SaaS).ये लिस्ट यहां रुकने वाली नहीं है. PwC की रिपोर्ट के मुताबिक़, इंडिया में लगभग ऐसे 50 स्टार्टअप हैं जो साल 2022 के ख़त्म होने तक यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री की ताकत रखते हैं.
साल 2021 में इंडिया के 44 स्टार्टअप यूनिकॉर्न की लिस्ट में जुड़े. वहीं 2011 से लेकर 2020 तक, यानी साल 2021 के पहले के 10 साल में मिलाकर ये संख्या 33 थी.
जबसे साल 2021 में ये रिकॉर्ड टूटा है, एक्सपर्ट्स उम्मीद कर रहे हैं कि ये सिलसिला साल 2022 में भी जारी रहेगा.
एक नज़र डालते हैं उन 18 स्टार्टअप्स पर जो साल 2022 यूनिकॉर्न की लिस्ट में जुड़े.
1.Fractal
आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के सहारे एनालिटिक्स सलूशन देने वाली ये कंपनी न्यूयॉर्क में बेस्ड है मगर हेडक्वार्टर मुंबई में है. जनवरी में फ्रैक्टल ने घोषणा की कि उन्होंने TPG कैपिटल एशिया की मदद से 2800 करोड़ रुपये रेज़ किए. TGP कैपिटल एशिया ग्लोबल अल्टरनेटिव एसेट फर्म TPG का एशिया केंद्रित प्लेटफॉर्म है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, फंडिंग राउंड में फ्रैक्टल की वैल्यू 100 करोड़ आंकी गई थी.
इस राउंड के बाद कंपनी की वैल्यू 5000 करोड़ रुपये तक बढ़ गई है और TGP के पुनीत भाटिया और विवेक मोहन ने बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के सदस्य के तौर पर जॉइन किया है.
2.LEAD
एडटेक स्टार्टअप लीड (जो पहले लीड स्कूल कहलाता था) ने जनवरी में 8,600 करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर 7880 करोड़ रुपये जुटाए थे. लीड न सिर्फ 2022 का पहला एडटेक यूनिकॉर्न है, बल्कि इस प्रतिष्ठित क्लब में प्रवेश करने वाला पहला स्कूल एडटेक खिलाड़ी भी है.
इस राउंड का नेतृत्व वेस्टब्रिज कैपिटल ने किया और इसमें जीएसवी वेंचर्स की भागीदारी देखी गई. ऑपरेटिंग और वित्तीय मेट्रिक्स में मजबूत वृद्धि के दम पर कंपनी का मूल्यांकन पिछले नौ महीनों में दोगुना हो गया है. फंडिंग का ये राउंड, 2017 के बाद से संस्थागत फंडिंग का पांचवां दौर है.
लीड इस फंडिंग का उपयोग अपने लक्ष्य को पूरा करने में करेगा. जो है 2.5 करोड़ स्टूडेंट्स को अच्छी और किफायती शिक्षा देना. इस क्रम में लीड 100 करोड़ डॉलर का रेवेन्यू टारगेट करेगा. इसका तत्काल फोकस प्लेटफॉर्म और सिलेबस में बेहतरी, अपना फुटप्रिंट बढ़ाना और तमाम नए टैलेंट को हायर करना होगा.
कंपनी की लॉन्ग टर्म योजना कम फीस वाले स्कूलों में बच्चों की मदद करना और इंडिया के ही जैसे अन्य देशों में विस्तार करना है.
3.Darwinbox
हैदराबाद बेस्ड एचआरटेक स्टार्टअप डार्विनबॉक्स ने मौजूदा निवेशकों की मदद से 568 करोड़ रुपये जुटाए. टेक्नोलॉजी क्रॉसओवर वेंचर्स (TCV) के नेतृत्व में सेल्सफोर्स वेंचर्स, सिकोइया इंडिया, लाइटस्पीड इंडिया, एंडिया पार्टनर्स, 3One4Capital, JGDEV, और SCB 10X की भागीदारी के साथ ये राउंड हुआ.
सीरीज डी राउंड के बाद कंपनी का मूल्यांकन 100 करोड़ डॉलर का आंकड़ा पार कर गया है. इसके साथ ही कुल निवेश अब तक 11 करोड़ डॉलर को पार कर गया है. डार्विनबॉक्स लगभग एक साल पहले सेल्सफोर्स वेंचर्स से अपनी आखिरी फंडरेजिंग के बाद से 200 प्रतिशत बढ़ गया है.
2015 में चैतन्य पेड्डी, जयंत पलेटी, और रोहित चेन्नामनेनी द्वारा स्थापित, डार्विनबॉक्स का लक्ष्य अपने प्लेटफॉर्म इनोवेशन एजेंडा को आगे रखते हुए, अपने प्रोडक्ट, इंजीनियरिंग और कस्टमर सक्सेस टीमों को मजबूत करने के साथ-साथ अपने ऑपरेशंस को स्केल करके वैश्विक विस्तार के लिए फंडिंग का उपयोग करना है. साथ ही दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और MENA (मिडिल ईस्ट और उत्तरी अफ्रीका) में अपनी पकड़ बनाने का है.
टीम ने कहा कि उनका लक्ष्य 2025 तक डार्विनबॉक्स को पब्लिक ले जाना है.
4.DealShare
सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म डीलशेयर ने 16.5 करोड़ डॉलर रेज़ किए. ऐसा उन्होंने ड्रैगन इनवेस्टमेंट ग्रुप, कोरा कैपिटल और यूनिलीवर वेंचर्स से सीरीज ई राउंड के पहले क्लोज में किया. मौजूदा निवेशकों टाइगर ग्लोबल और अल्फा वेव ग्लोबल (फाल्कन एज) ने भी दौर में भाग लिया.
इस ताज़ा फंडिंग ने डीलशेयर को प्रतिष्ठित 100 करोड़ डॉलर के यूनिकॉर्न क्लब में प्रवेश करवाया. इसी के साथ कंपनी का मूल्यांकन बढ़कर 116 करोड़ डॉलर से ज्यादा हो गया.
DealShare को विनीत राव, सौरज्येंदु मेद्दा, शंकर बोरा और रजत शिखर ने सितंबर 2018 में शुरू किया था. DealShare छोटे शहरों में कस्टमर्स के लिए अच्छी क्वालिटी और कम कीमत वाली रोज़मर्रा की आवश्यक वस्तुओं को मुहैया करवाता है.
5.Polygon
इथेरियम स्केलिंग प्रोजेक्ट पॉलीगॉन (पहले मैटिक नेटवर्क) ने अपने पहले वीसी फाइनेंसिंग राउंड में 45 करोड़ डॉलर जुटाए. ये उन्होंने टाइगर ग्लोबल, सॉफ्टबैंक, गैलेक्सी डिजिटल, रिपब्लिक कैपिटल, मेकर्स फंड, अल्मेडा रिसर्च, एलन हॉवर्ड, एलेक्सिस ओहानियन, स्टीडव्यू कैपिटल, एलिवेशन कैपिटल, एनिमोका ब्रांड्स, स्पार्टन फंड, ड्रैगनफ्लाई कैपिटल, वेरिएंट फंड और केविन ओ'लेरी की भागीदारी के साथ सिकोइया कैपिटल इंडिया के नेतृत्व में किया.
पॉलीगॉन के निजी MATIC टोकन बिक्री से फंड जुटाया जाएगा. इस स्टोरी के छपने तक Web3 स्टार्टअप का मार्केट कैप 144 करोड़ डॉलर था.
एक बयान में पॉलीगॉन ने दावा किया कि फंडरेजिंग से टीम को एथेरियम को स्केल करने की दौड़ में आगे बढ़ने, वैकल्पिक ब्लॉकचेन की आवश्यकता को ख़त्म करने और वेब 3 को लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर अपनाने की राह मज़बूत करेगा.
6.LivSpace
ओमनीचैनल होम इंटीरियर और रेनोवेशन प्लेटफॉर्म, लिवस्पेस ने सीरीज F में 18 करोड़ डॉलर जुटाए जिसमें केकेआर ने प्रमुख निवेशक के रूप में भाग लिया.
हालिया फंडिंग राउंड, जिसने लिवस्पेस को प्रतिष्ठित यूनिकॉर्न क्लब में जगह दिलाई, में मौजूदा निवेशकों जैसे इंगका ग्रुप इनवेस्टमेंट्स (सबसे बड़े आईकेईए रिटेलर इंगका ग्रुप का हिस्सा), जंगल वेंचर्स, वेंचुरी पार्टनर्स और प्यूज़ो इन्वेस्टमेंट्स जैसे अन्य ग्रुप्स की भागीदारी देखी गई.
फंडिंग के साथ लिवस्पेस नए बाजारों में विस्तार करेगा, भारत और सिंगापुर में ब्रांड बिल्डिंग पर फोकस करेगा, अपनी प्लेटफॉर्म टेक्नोलॉजी और डिजिटली इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन में निवेश जारी रखेगा, और नए और मौजूदा दोनों व्यवसायों का समर्थन करने के लिए बोर्ड भर में प्रतिभाओं को नियुक्त करेगा.
7.ElasticRun
B2B ईकॉमर्स स्टार्टअप ElasticRun, जो किराना स्टोर्स को सामान पहुंचाने का काम करता है, ने अपने सीरीज E फंडिंग राउंड में सॉफ्टबैंक और गोल्डमैन सैक्स जैसे निवेशकों से 150 करोड़ डॉलर के मूल्यांकन पर 30 करोड़ डॉलर जुटाए. स्टार्टअप ने कहा कि मौजूदा निवेशक Prosus Ventures ने भी दौर में हिस्सा लिया.
ElasticRun इस पूंजी को अपने ऑपरेशन्स के विस्तार और विकास में इस्तेमाल करेगा. इसकी फाइलिंग के अनुसार, अगर सब्सक्रिप्शन ख़त्म होने यानी 21 मार्च तक कोई और ब्याज प्राप्त होता है तो ये सिरीज E राउंड को काफी भारी कैपिटल इन्फ्यूजन के साथ पूरा करेगा.
2016 में संदीप देशमुख, सौरभ निगम और शितिज बंसल द्वारा स्थापित, ElasticRun भारत के 300 से अधिक शहरों में और 1,25,000 से अधिक खुदरा दुकानों के साथ काम करता है. यह किराना दुकानों को ऑनलाइन सामानों के थोक ऑर्डर देने में मदद करता है. साथ ही एक एनालिटिक्स और एग्रीगेशन प्लेटफॉर्म भी मुहैया करवाता है.
8.Xpressbees
थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स कंपनी एक्सप्रेसबीज ने सीरीज एफ फंडिंग राउंड में 120 करोड़ डॉलर की वैल्यूएशन पर 30 करोड़ डॉलर जुटाए. इस दौर का नेतृत्व निजी इक्विटी फंड ब्लैकस्टोन ग्रोथ, टीपीजी ग्रोथ और क्रिस कैपिटल ने किया था. मौजूदा निवेशकों, इन्वेस्टकॉर्प और नॉरवेस्ट वेंचर पार्टनर्स ने भी लेटेस्ट राउंड में हिस्सा लिया.
इस दौर के साथ, एक्सप्रेसबीज की फंडिंग 50 करोड़ डॉलर से अधिक हो गई है. एवेंडस कैपिटल ने इस लेनदेन पर एक्सप्रेसबीज के लिए विशेष वित्तीय सलाहकार के रूप में काम किया.
एक्सप्रेसबीज ने एक बयान में कहा कि वह नई फंडिंग का इस्तेमाल कंपनी की ग्रोथ, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और नए टैलेंट की हायरिंग के लिए करेगी.
9.Uniphore
यूनिफ़ोर - चेन्नई और कैलिफ़ोर्निया बेस्ड कन्वर्सेशनल ऑटोमेशन स्टार्टअप है. इसने सीरीज़ ई राउंड ऑफ़ फ़ंडिंग में 40 करोड़ डॉलर जुटाए.
ये राउंड जो यूनिफोर की कुल फंडिंग को लगभग 60 करोड़ डॉलर तक लेकर आता है, इसका नेतृत्व अमेरिकी वेंचर कैपिटल फर्म NEA ने किया. और कंपनी की वैल्यूएशन को 250 करोड़ डॉलर तक बढ़ा दिया.
वेंचर कैपिटल और ग्रोथ इक्विटी फर्म मार्च कैपिटल और अन्य मौजूदा निवेशकों के साथ-साथ नई संस्थाओं ने भी इसमें भाग लिया.
10.Hasura
ग्राफक्यूएल डेवलपर स्टार्टअप हसुरा ने ग्रीनोक्स के नेतृत्व में सीरीज सी फंडिंग राउंड में 10 करोड़ डॉलर जुटाए.
लेटेस्ट राउंड में हसुरा द्वारा जुटाई गई कुल रकम 13.65 करोड़ डॉलर थी, जिसके बाद इस स्टार्टअप का मूल्यांकन 100 करोड़ हो गया और इसकी एंट्री यूनिकॉर्न क्लब में हो गई. एक बयान के अनुसार, मौजूदा निवेशक नेक्सस वेंचर पार्टनर्स, लाइट्सपीड वेंचर पार्टनर्स और वर्टेक्स वेंचर्स ने भी इसमें हिस्सा लिया.
हसुरा का दावा है कि इनका बनाया सलूशन 40 करोड़ से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है. और 2018 में इसकी शुरुआत के बाद से इसने 25,000 से ज्यादा गिटहब स्टार्स पाए हैं.
11.CredAvenue
क्रेड एवेन्यू उद्यमों के लिए ऋण बाज़ार मुहैया कराने का प्लेटफ़ॉर्म है. इसका मुख्यालय चेन्नई में है. सीरीज बी फंडिंग राउंड में स्टार्टअप ने 13.7 करोड़ डॉलर जुटाए और यूनिकॉर्न क्लब में पहुंच गया. इनसाइट पार्टनर्स, बी कैपिटल ग्रुप और ड्रैगनियर इन्वेस्टमेंट ग्रुप के नेतृत्व में इस राउंड ने कंपनी का वैल्यूएशन 130 करोड़ डॉलर किया, जो सितंबर 2021 में इसके 41.0 करोड़ डॉलर की वैल्यूएशन से 3 गुना ज्यादा है.
गौरव कुमार और विनीत सुकुमार द्वारा 2021 में विवृति कैपिटल की सहायक कंपनी के रूप में CredAvenue शुरू हुई थी. फंडिंग के बाद कंपनी इंप्लॉई स्टॉक ओनरशिप प्लान (ESOP) के लिए रखे गए फंड को दुगना कर 500 करोड़ कर देगी, ऐसा क्रेड एवेन्यू के सीईओ गौरव कुमार ने YourStory को बताया.
ये स्टार्टअप 2,300 से अधिक कॉरपोरेट्स के साथ काम करने का दावा करता है और उन्हें 750 से अधिक उधारदाताओं से जोड़ता है. इसकी 90,000 करोड़ रुपये से अधिक की लोन बुक है.
12.Amagi
क्लाउड-बेस्ड SaaS (Software as a service) टेक्नोलॉजी कंपनी अमागी ने Accel के नेतृत्व में मौजूदा निवेशकों नॉरवेस्ट वेंचर पार्टनर्स और अवतार वेंचर्स की भागीदारी के साथ एक फंडिंग दौर में 9.5 करोड़ डॉलर जुटाए.
इस लेटेस्ट फंडिंग से अमागी की वैल्यूएशन 100 करोड़ डॉलर को पार कर गयी. इसके साथ ही ये न सिर्फ एक यूनिकॉर्न बन गया बल्कि दुनिया की सबसे ज्यादा वैल्यू वाली मीडिया टेक कंपनियों में से एक हो गया.
इस स्टार्टअप ने रेवेन्यू में 108 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि की भी घोषणा की है.
यह फंडिंग कंपनी के विस्तार में मदद करेगी. साथ ही अमागी के ग्लोबल फुटप्रिंट और मौजूदा मीडिया एंड एंटरटेनमेंट (M&E) बाजार में अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को मजबूत करेगा.
इस यूनिकॉर्न का लक्ष्य दुनियाभर में बिक्री और मार्केटिंग को पांच गुना बढ़ाना है. साथ ही कंपनी भविष्य के क्लाउड और वीडियो बाजार में संभावनाएं तलाशेगी ताकि वैल्यू चेन में अधिक प्रभाव बनाया जा सके. इसके साथ ही मर्जर एंड एक्वीजीशन संभावनाओं को भी देखेगी जिससे कंपनी की ग्रोथ हो और टेक्नोलॉजी बेहतर हो सके.
13.Oxyzo
गुरुग्राम-बेस्ड Oxyzo Financial Services, एक टेक-एनेबल्ड स्मार्ट फाइनेंसिंग सॉल्यूशन प्रोवाइडर है. इसने अल्फा वेव के नेतृत्व में, टाइगर ग्लोबल, नॉरवेस्ट वेंचर पार्टनर्स, मैट्रिक्स पार्टनर्स और क्रिएशन इन्वेस्टमेंट्स के साथ 20 करोड़ डॉलर के सीरीज़ ए फंडरेज़ की घोषणा की. इस राउंड के बाद कंपनी की वैल्यू 100 करोड़ डॉलर हो जाती है.
ऑक्सीज़ो इस फंड का इस्तेमाल अपनी व्यापक डिजिटल वित्तीय सेवाओं को और मजबूत करने, सप्लाई चेन बाज़ार को स्केल करने, एसएमई स्पेस के लिए फिक्स्ड इनकम प्रोडक्ट को लॉन्च करने, और अन्य फी इनकम बिज़नस लाइन्स को स्केल करेगा, जिसमें शामिल हैं डेट कैपिटल मार्केट और सिक्योरिटीज.
आशीष महापात्रा और रुचि कालरा ने 2016 में ऑक्सीजो को ऑफबिजनेस के फाइनेंसिंग मंच के तौर पर शुरू किया था. ऑफ़बिजनेस जुलाई 2021 से ही एक यूनिकॉर्न था जो अर्थव्यवस्था के पारंपरिक क्षेत्रों में एसएमई के लिए कच्चे माल की खरीद के लिए कैश फ्लो प्रोवाइड करता था.
14.Games 24x7
मल्टी-गेम प्लेटफॉर्म गेम्स 24x7 ने हाल ही में मालाबार इन्वेस्टमेंट के नेतृत्व में एक फंडिंग राउंड में 7.5 करोड़ डॉलर जुटाए. इस दौर में मौजूदा निवेशकों- टाइगर ग्लोबल और राइन ग्रुप की भी भागीदारी देखी गई.
गेम्स 24x7 का कहना है कि लेटेस्ट फंडिंग राउंड उन्हें भारत का सबसे ज्यादा वैल्यू वाला मल्टी-गेम प्लेटफॉर्म बनाता है, जिसका मूल्यांकन 250 करोड़ डॉलर है. इस तरह ये यूनिकॉर्न क्लब में प्रवेश करता है. यह RummyCircle (भारत का सबसे बड़ा ऑनलाइन रम्मी गेम), My11Circle (भारत का दूसरा सबसे बड़ा फैंटेसी प्लेटफॉर्म) और U गेम्स (कैज़ुअल गेम्स का एक पोर्टफोलियो) का प्रोवाइडर है.
2006 में आईआईटी मुंबई के इंजीनियरिंग के पूर्व छात्र और न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी त्रिविकरमण थम्पी और न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमफिल और इंजीनियरिंग के पूर्व छात्र भाविन पांड्या द्वारा स्थापित, गेम्स24x7 का मुख्यालय मुंबई में है. साथ ही इनके ऑफिस बेंगलुरु, दिल्ली, मियामी और फिलाडेल्फिया में हैं.
15.Open
SME-केंद्रित नियोबैंकिंग प्लेटफॉर्म ओपन ने IIFL 5 करोड़ डॉलर जुटाए. इस सीरीज डी राउंड की फंडिंग में मौजूदा निवेशक टेमासेक होल्डिंग्स, टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट और 3one4 कैपिटल ने भी साथ दिया.
बेंगलुरु-बेस्ड ये स्टार्टअप ग्लोबल इन्वेस्टर्स की मदद से आज तक 14 करोड़ डॉलर रेज कर चुका है. इन निवेशकों में शामिल हैं: टेमासेक, Google, वीज़ा, टाइगर ग्लोबल, बीनेक्स्ट, रिक्रूट स्ट्रेटेजिक पार्टनर्स, 3one4 कैपिटल, स्पीडइनवेस्ट, टैंगलिन वेंचर पार्टनर एडवाइजर्स, एंजेलिस्ट और शामिल हैं, यूनिकॉर्न इंडिया, वेंचर्स इत्यादि.
टेमासेक के नेतृत्व में अपने सीरीज़ सी राउंड में ओपन ने 735 करोड़ रुपये की बढ़त ली थी. इसके छह महीने के भीतर, स्टार्टअप ने अपना सीरीज़ डी राउंड हासिल किया 100 करोड़ डॉलर के मूल्यांकन पर और इंडिया का 100वां यूनिकॉर्न बन गया.
16.PhysicsWallah
एडटेक प्लेटफॉर्म फिजिक्स वाला (PW) ने हाल ही में घोषणा की कि उन्होंने यूके स्थित वेस्टब्रिज और जीएसवी वेंचर्स से सीरीज ए फंडिंग में 10 करोड़ डॉलर जुटाए. जिसके बाद उनका मूल्यांकन 100 करोड़ डॉलर हो गया. ये स्टार्टअप डिजिटल शिक्षा पर केंद्रित है.
इसी के साथ PW इंडिया का 101वां यूनिकॉर्न बन गया.
स्टार्टअप ने एक बयान में कहा कि वो इस पैसे का इस्तेमाल अपने कारोबार का विस्तार करने, अधिक शिक्षण केंद्र खोलने और अधिक पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए करेगा.
फाउंडर और सीईओ अलख पांडे ने कहा, "इसकी स्थापना के बाद से हमने सबसे आगे उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देने पर ध्यान केंद्रित किया है. यह सुनिश्चित करते हुए कि जीवन के सभी क्षेत्रों के शिक्षार्थी अपनी उच्च शिक्षा जारी रख सकें और बिना किसी परेशानी के अपने करियर को आगे बढ़ा सकें."
उन्होंने कहा कि PW शुरुआत से ही प्रॉफिट में चला है और उसके पास पॉजिटिव कैश फ्लो और रिज़र्व हैं. अलख के मुताबिक, साल 2022 में ही उनका रेवेन्यू 9 गुना बढ़ा है.
17.Purplle
ऑनलाइन ब्यूटी और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स के रीटेलर पर्पल ने 110 करोड़ डॉलर के मूल्यांकन पर यूनिकॉर्न क्लब में प्रवेश किया.
कंपनी ने वापसी करने वाले निवेशकों प्रेमजी इन्वेस्ट, ब्लूम वेंचर्स और निजी इक्विटी फंड केदारा के अलावा दक्षिण कोरियाई निवेश फर्म पारामार्क वेंचर्स से सीरीज ई के दौर में 3.3 करोड़ डॉलर जुटाने की घोषणा की.
इससे कंपनी द्वारा जुटाई गई इक्विटी पूंजी की कुल राशि 215 मिलियन डॉलर हो जाती है. मुंबई मुख्यालय वाले स्टार्टअप ने अपने सीरीज डी राउंड के हिस्से के रूप में दो चरणों में $140 मिलियन जुटाए थे, जिसमें केदारा और प्रेमजी इन्वेस्ट की भागीदारी देखी गई थी.
कंपनी फंडिंग का उपयोग टेक्नोलॉजी में निवेश करने, व्यवसाय के विस्तार को बढ़ावा देने, निजी ब्रांडों के अपने लेबल को विकसित करने और क्रॉस-कंट्री तालमेल का पता लगाने के लिए करेगी.
वर्तमान में, Purplle पांच डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) निजी लेबल का मालिक है और उसका संचालन करता है, जिसमें FACES कनाडा, पर्पल, गुड वाइब्स, NY Bae और Carmesi शामिल हैं.
कंपनी की स्थापना 2011 में IIT के पूर्व छात्र मनीष तनेजा, राहुल दास और सुयश कात्यायनी ने की थी. पर्पल ने वित्त वर्ष 2022 के लिए अपने GMV को 180 मिलियन डॉलर तक बढ़ाने का दावा किया है.
पर्पल ऑनलाइन ब्यूटी और पर्सनल केयर स्पेस में तीसरा भारतीय यूनिकॉर्न है, इसके अलावा गुड ग्लैम ग्रुप, जो नवंबर 2021 में यूनिकॉर्न बन गया, और Nykaa, जिसने पिछले साल सार्वजनिक बाजार में शुरुआत की.
18.Leadsquared
बेंगलुरु-बेस्ड सेल्स ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म लीडस्क्वैर्ड सीरीज सी के फंडिंग राउंड में 15 करोड़ डॉलर जुटाने के बाद यूनिकॉर्न क्लब में शामिल होने वाला लेटेस्ट भारतीय स्टार्टअप है. ये फंडिंग इन्हें वेस्टब्रिज कैपिटल से मिली. इस राउंड के बाद लीडस्क्वैर्ड का वैल्यूएशन 100 करोड़ डॉलर हो जाता है.
ये 'सॉफ़्टवेयर एज़ ए सर्विस' (SaaS) प्लेटफ़ॉर्म, जो मार्केटिंग ऑटोमेशन और सेल्स एक्सीक्यूशन CRM (कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट) सलूशन मुहैया करवाता है, ने दिसंबर 2020 में गाजा कैपिटल के नेतृत्व में 3.2 करोड़ डॉलर जुटाए थे.
संस्थापक और सीईओ नीलेश पटेल ने YourStory को बताया कि वो फंड्स का उपयोग नए भौगोलिक क्षेत्रों में विस्तार करने, नयी प्रतिभा को हायर करने और एक्वीजीशन के लिए करेगा.
2011 में नीलेश, प्रशांत सिंह और सुधाकर गोरती ने लीडस्क्वैर्ड को अपनी कंपनी मार्केटएक्सपेंडर सर्विसेज के हिस्से के रूप में शुरू किया. लीडस्क्वायर ने वित्त वर्ष 2021 के लिए अपने एनुअल रेवेन्यू को 100 करोड़ रुपये से दोगुना कर वित्त वर्ष 2022 में 200 करोड़ रुपये करने का भी दावा किया है.
"इस फंडिंग के साथ, हम भारत और उत्तरी अमेरिका में ग्रोथ की ओर किए गए निवेश को दोगुना कर देंगे. इसके साथ ही एपीएसी और ईएमईए में निर्माण शुरू करेंगे, अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में नयी ऑफरिंग जोड़ेंगे और एक्वीजीशन्स को फंड करेंगे. विकास के इस क्रम में हम अगले 18 महीनों में अपने कर्मचारियों की संख्या को दोगुना करने की योजना बना रहे हैं,” नीलेश ने एक बयान में कहा. लीडस्क्वायर के भारत, अमेरिका, एपीएसी और अफ्रीका के सभी ऑफिस मिलाकर 1200 कर्मचारी हैं.
(यूनिकॉर्न क्लब में नयी एंट्री के साथ इस स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.)