राज्यों पर नहीं पड़ेगा बोझ, हेल्थलाइन-फ्रंटलाइन वर्कर्स के टीकाकरण का पूरा खर्च उठाएगा केंद्र : नरेंद्र मोदी
पीएम ने कोरोना वैक्सीनेशन के मसले पर राज्यों के सीएम के साथ बात की। सबसे पहले टीका उन लोगों को दिया जाएगा जो लोगों की सेवा में दिन- रात लगे हैं। कोरोनावायरस से बचाव के लिए देशव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू होने जा रहा है।
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। यह बैठक मुख्य रूप से कोरोना वैक्सीन को लेकर थी, जिसमें पीएम ने सभी राज्यों के सीएम से बात की। उन्होंने कहा, टीका लगने के बाद लाभार्थी को सर्टिफिकेट दिया जायेगा, साथ ही सबसे पहले टीका उन लोगों को लगाया जाएगा जो लोगों की सेवा में दिन-रात लगे हुए हैं।"
कोरोनावायरस से बचाव के लिए देश में विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके पहले देश के 33 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के 615 जिलों के 4,895 केद्रों पर टीकाकरण का ड्राई रन संपन्न हुआ था। अब इन्हीं केंद्रों पर कोरोनावायरस से बचाव के लिए टीका दिया जाएगा। टीकाकरण के इस बड़े अभियान पर अंतिम मुहर लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सभी संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक की।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत की ओर से मंजूर की गई हमारी दोनों कोरोना वैक्सीन दुनिया की दूसरी वैक्सीन की तुलना में ज्यादा कास्ट इफेक्टिव हैं। प्रधानमंत्री ने यह बात आज (सोमवार को) वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कही।
उन्होंने कहा,
"जिन दो वैक्सीन को इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन दिया गया है वह दोनों ही मेड इन इंडिया हैं। जब दूसरे फेज में हम जाएंगे जिसमें 50 से ऊपर उम्र के लोगों को टीका लगेगा तब तक हमारे पास और भी विकल्प हो जाएंगे वैक्सीन के। हमारी दोनों वैक्सीन दुनिया की दूसरी वैक्सीन से ज्यादा कॉस्ट इफेक्टिव हैं। हम कल्पना कर सकते हैं कि अगर भारत को वैक्सीन के लिए विदेशी वैक्सीन पर निर्भर होना पड़ता तो हमें इतनी मुसीबत हो जाती है कि हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते।"
उन्होंने कहा,
"आप लोगों से चर्चा करके ही तय किया गया है कि टीकाकरण में किस को प्राथमिकता दी जाएगी। सबसे पहले टीका उन लोगों को दिया जाएगा जो लोगों की सेवा में दिन- रात लगे हुए हैं जैसे की हमारे हेल्थ केयर वर्कर उसके बाद सफाई कर्मी पुलिस आदि जैसे जो फ्रंटलाइन वर्कर हैं।"
पीएम ने बताया, कि देश में करीब तीन करोड़ हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर हैं। ऐसे में यह तय किया गया है कि इन तीन करोड़ लोगों के टीकाकरण पर जो खर्च होगा उस पर राज्य सरकारों पर कोई बोझ नहीं आएगा, यह सारा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। वैक्सीनेशन कार्यक्रम को सुचारू रूप से संचालित कर के लिए CoWIN app बनाया गया है, जिसमें टीकाकरण से जुड़ा रियल टाइम का डेटा अपलोड होगा। पहला टीका लगते ही लाभार्थी को एक सर्टिफिकेट मिलेगा। ऐप से ही टीके की दूसरी डोज़ के बाद फाइनल सर्टिफिकेट लाभार्थी को मिलेगा। 'आधार' की मदद से भी लाभार्थी की पहचान करनी है ताकि सही लाभार्थी को ही टीका लग सके।
उन्होंने कहा,
"अगले कुछ महीनों में भारत में 30 करोड़ लोगों को टीकाकरण करना है। वैक्सीन लगाने से अगर किसी को असहजता होती है तो उसके लिए भी प्रबंध किए गए हैं। यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम में भी टीका लगने पर अगर किसी को असहजता होती है तो उसके लिए भी पहले से ही इंतजाम रहता है।"
मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में पीएम ने टीका लग जाने के बाद भी कोरोना के सारे प्रोटोकॉल का सभी को पालन करते रहने को कहा है।
गौरतलब है कि हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को यह सूचित करना होगा कि किसी भी अफवाह को कोई हवा ना मिले। पीएम के अनुसार, देश और दुनिया के अनेक शरारती तत्व हमारे इस अभियान में बाधा डालने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसी हर कोशिश को देश के हर नागरिक तक सही जानकारी पहुंचा कर काम करना है। सभी संस्थाओं को इस अभियान में जुड़ कर काम करना होगा। कोरोना वैक्सीन से रूटीन वैक्सीनेशन का कार्यक्रम नहीं रुकेगा।