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जानिए स्वदेशी नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म 'Khul Ke' की खास बातें...

Khul Ke का लक्ष्य आदर्श सोशल मीडिया इकोसिस्टम बनाने के लिए रोज़मर्रा के प्रासंगिक मुद्दों पर होने वाली सार्थक बातचीत की जरूरत को लगातार उभारना है. इस ऐप का मकसद इसे भारत के पहले भरोसेमंद सामाजिक संवाद प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित करना है.

जानिए स्वदेशी नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म 'Khul Ke' की खास बातें...

Sunday October 08, 2023 , 5 min Read

हाल ही में एक नए भारतीय ऐप Khul Ke ने भारत के डिजिटल परिदृश्‍य के तिरंगे ताने-बाने में धमाकेदार ढंग से प्रवेश किया है. इस ऐप को बनाने का उद्देश्य भारतीयों को खुलकर अपने विचारों को अभिव्यक्त करने का अवसर प्रदान करना है. “Khul Ke” ऐप भारतीयों को एक-दूसरे से जुड़ने, घुलने-मिलने और सामूहिक लोकतंत्र में भागीदारी करने के तरीके में बड़ा बदलाव लाने के लिए तैयार है. यह ऐप ऑडियो-विजुअल कंटेट तक पहुंच प्रदान करने के साथ सामुदायिक निर्माण की गतिविधियों में शामिल है. इस ऐप से आप अपनी तरह के विचार रखने वाले और उन्हें शेयर करने वाले लोगों से बातचीत कर सकते हैं. अपने टेस्टिंग के दौरान ही “Khul Ke” ऐप ने महीने दर महीने 10-15 प्रतिशत की दर से विकास किया है. इससे व्यापक नज़रिए के साथ सार्थक बातचीत को बढ़ावा मिल रहा है. 

“Khul Ke” ऐप देश के सामने ज्वलंत मुद्दों पर भारत के पद्म पुरस्कार विजेताओं के साथ शुरू की गई बातचीत और सभी की सार्थक भागीदारी से संपूर्ण इकोसिस्टम बनाने के मुद्दे पर अपनी चमकदार रोशनी बिखेरने के लिए तैयार है. पद्म पुरस्कार विजेता असल जिंदगी में सच्चे अर्थों में लोगों को प्रभावित करते हैं. उन्हें “Khul Ke” ऐप के माध्यम से महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार पेश करने के लिए सोशल मीडिया का आदर्श मंच प्रदान किया जा रहा है. उन्हें लिविंग लीजेंड और प्रेरणा देने वाले रोल मॉडल के रूप में सम्मान प्राप्त है. उनकी शोहरत और प्रतिष्ठा उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के इतिहास का प्रमाण है. अनोखे और शानदार इंटरव्यू के अनुभव को संजोने की अटूट प्रतिबद्धता के साथ “Khul Ke” ऐप इन प्रतिष्ठित पुरस्कार विजेताओं के असाधारण अनुभवों, उपलब्धियों और योगदान को समाज के सामने लाने का प्रयास करता है. यह ऐप यूजर्स को पद्म पुरस्कार विजेताओं के उल्लेखनीय जीवन और समाज पर उनके अमिट प्रभाव के शानदार सफर का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता है.

यह ऐप पद्म पुरस्कार विजेताओं और खुद महान विभूति महात्मा गांधी के सिद्धांतो की उत्कृष्टता और समाजसेवा के उनके कार्यों का एक जीता-जागता प्रमाण है. यह ऐप हम सभी को अपने देश के गुमनाम नायकों की पहचान करने और उनके कार्यों की सराहना करने के लिए प्रेरित करता है.   

“Khul Ke” कई फीचर्स के साथ लॉन्च किया गया एक सिंगल प्लेटफॉर्म है, जिसमें शॉर्ट और लॉन्ग दोनों वीडियो फॉर्मेट और यूज केसेस के लिए सपोर्ट शामिल है जिससे गहन संवाद को बढ़ावा मिलता है. ऑनलाइन पर्सनल मीटिंग के लिए इसमें मीटअप का फीचर दिया गया है. माइक्रोब्लॉगिंग एक अन्य फीचर है, जिससे यूजर्स को औपचारिक रूप से एक दूसरे से जुड़ने और नेटवर्क बनाने की सुविधा मिलती है. इसके अलावा प्राइवेट मैसेजिंग सर्विस से यूजर्स वॉयस और वीडियो चैट कर सकते हैं. उनके पास एक ऑनलाइन मीटिंग सर्विस भी है, जिसे मीटअप कहा जाता है.

“Khul Ke” के फाउंडर और सीईओ पीयूष कुलश्रेष्ठ ने कहा, “हम एक ऐसे युग में रह रहे हैं, जहां सोशल मीडिया के पास बदलाव लाने की ताकत है. “Khul Ke” एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनने के लिए समर्पित है, जहां हर भारतीय, खासतौर से देश के उत्साही नौजवानों को सार्थक बातचीत में शामिल होने का मौका मिल सके. इस ऐप पर हम अपने विचार एक मंच पर साझा कर सकते हैं और हम सोसाइटी के ताने-बाने में सक्रिय रूप से योगदान दे सकते हैं. हम यहां लोगों के एक-दूसरे से जुड़ने, घुलने-मिलने और दूसरों से प्रभावित होने के तरीके को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार हैं. सोशल मीडिया के संसार को तीन बुनियादी स्तंभों- सटीकता, भरोसे और पहुंच की ज़रूरत है. हम सोशल मीडिया के इकोसिस्टम की नए सिरे से कल्पना करने और उसे नया रूप देने का प्रयास कर रहे हैं.”

“Khul Ke” अपने फीचर्स के माध्यम से संपूर्ण क्षमता का प्रदर्शन करता है, जो उपभोक्ताओं की तरह-तरह की दिलचस्पी के विषय की जरूरत को पूरा करते हैं. इसमें राउंडटेबल शामिल है. यह प्लेटफॉर्म सामयिक और बेहतरीन ढंग से विचार-विमर्श के लिए मंच प्रदान करता है, जो लाइव पॉडकास्ट और इंटरएक्टिव सेशन के लिए आदर्श है. इसके अलावा माइक्रोब्लॉगिंग फीचर टाउनहॉल यूजर्स को सहजता से अपने विचार व्‍यक्‍त करने की इजाजत देता है. इसमें यूजर्स को डॉक्युमेंट्स, इमेज, ऑडियो और वीडियो अपलोड करने का ऑप्शन मिलता है.

स्निप-इट-वीडियो में 2 मिनट और 30 सेकेंड का क्रिएटिव कॉन्टेंट शेयर करने के लिए शॉर्ट वीडियो टाइमलाइन प्रदान की जाती है. “बोल खुल के” हॉट टॉपिक्स और लोगों से संबंधित मुद्दों पर लोगों को तत्काल प्रतिक्रिया का अवसर देता है. यह इसका सबसे आकर्षक शॉर्ट वीडियो यूज केस है. इसके अलावा मीटअप एक ऑडियो वीडियो प्लेटफॉर्म है, जो गूगल और आउटलुक अकाउंट से जुड़ा हुआ है. यह सरलता के साथ बैठकों की मेज़बानी करता है.

“Khul Ke” ऐप पर इन दिनों कई विषयों पर ज़बरदस्त चर्चाएं की जा रही हैं. इसमें विज्ञान और तकनीक, राजनीति, कानून, थियेटर स्पोर्ट्स जैसे विषय शामिल हैं. मशहूर और विशिष्ट पत्रकार इन चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं. नासा, इसरो, सीईआरएन और डीआरडीओ जैसे संस्थानों का प्रतिनिधत्व करने वाले और उल्लेखनीय योगदान देने वाले वैज्ञानिकों ने भी इस विचार-विमर्श में भाग लिया. इसके अलावा प्रमुख राजनैतिक हस्तियों, जयराम रमेश, मणिशंकर अय्यर, मनीष तिवारी, स्वप्न दासगुप्ता, मनोज झा, योगेंद्र यादव समेत कई अन्य लोगों ने “Khul Ke” मंच पर होने वाली बातचीत को अपने नज़रिए और विचारों से समृद्ध बनाया है.

Khul Ke का लक्ष्य आदर्श सोशल मीडिया इकोसिस्टम बनाने के लिए रोज़मर्रा के प्रासंगिक मुद्दों पर होने वाली सार्थक बातचीत की जरूरत को लगातार उभारना है. इस ऐप का मकसद इसे भारत के पहले भरोसेमंद सामाजिक संवाद प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित करना है.

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Edited by रविकांत पारीक