Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

उद्योग विभाग को उम्मीद, कारोबार सुगमता रैंकिंग में जल्द ही शीर्ष 50 देशों में होगा भारत

उद्योग विभाग को उम्मीद, कारोबार सुगमता रैंकिंग में जल्द ही शीर्ष 50 देशों में होगा भारत

Friday December 20, 2019 , 3 min Read

बहुत जल्द Ease of Doing Business रैंकिंग के टॉप 50 में शामिल होगा भारत। DPIIT के सचिव गुरुप्रसाद महापात्र ने उम्मीद जताई है कि भारत जल्द विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग (ईओडीबी) में शीर्ष 50 में आ जाएगा।

k

फोटो क्रेडिट: performindia

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव गुरुप्रसाद महापात्र को उम्मीद है कि भारत जल्द विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग (ईओडीबी) में शीर्ष 50 में आ जाएगा।


अक्टूबर में जारी कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 14 स्थानों की छलांग के साथ 63वें स्थान पर आ गया है। 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता संभालने के समय भारत 190 देशों में 142वें स्थान पर था।


महापात्र ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि

‘‘जिलावार कारोबार सुगमता योजना बनाई जा रही है। इसमें चार स्थानीय निकाय भाग लेंगे तथा केंद्र और राज्य सरकार के साथ कारोबारी माहौल सुधारने तथा जीवन सुगमता के लिए काम करेंगे।’’


महापात्र ने उम्मीद जताई कि भारत जल्द विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में शीर्ष 50 देशों में शामिल होगा। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि इसके बाद भारत आधुनिक औद्योगिकीकृत देशों में आ जाएगा। ऐसे में और प्रगति के लिए सरकार की ओर से अधिक सुधार उपाय करने की जरूरत होगी।


उन्होंने आगे कहा

‘‘अगले साल से विश्वबैंक की ईओडीबी रैंकिंग में दो और शहर बेंगलुरु और कोलकाता भी शामिल होंगे। मौजूदा शहर दिल्ली और मुंबई इसमें बने रहेंगे।’’

सरकार के उपायों के नतीजे

इस अवसर पर सीआईआई की राष्ट्रीय एमएसएमई परिषद के चेयरमैन श्रीकान्त सोमानी ने कहा कि कारोबारी धारणा सुधारने सरकार के उपायों के नतीजे मिल रहे हैं, लेकिन आज समय की जरूरत लघु अवधि के उपाय हैं। इनमें निवेश बढ़ाने के लिए तेजी से नतीजे देने की क्षमता है।


क

भारत ने छोटे और मध्यम उद्योग पर फोकस किया

आपको बता दें कि सितंबर माह में विश्व बैंक ने टॉप-20 परफॉर्मर्स की सूची जारी की थी। जिसमें बताया गया कि मई 2019 को समाप्त हुई 12 महीने की अवधि के दौरान उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन किया गया है। छोटे और मध्यम उद्योग अपना व्यवसाय कर सकें, इस दिशा में सुधार के लिए भारत जैसे देशों ने सबसे अधिक प्रगति की है। वर्ल्ड बैंक का कहना था कि टॉप 20 की सूची में व्यवसाय के लिए कोई आर्थिक आकर्षण नहीं दिखा, यह सिर्फ 10 विभिन्न नियामक क्षेत्रो में सुधार पर आधारित है।

GST ने दुनिया की सोच बदली

जीएसटी, बैंक्रप्सी कोड, ऑनलाइन ईएसआइसी और ईपीएफओ पंजीकरण जैसे कदमों कारोबारी माहौल को और भी बेहतर किया है। खास तौर पर ‘वन नेशन, वन टैक्स’ यानि GST ने सभी आशंकाओं को खारिज कर दिया है। व्यापारियों और उपभोक्ताओं को दर्जनों करों के मकड़जाल से मुक्त कर एक कर के दायरे में लाया गया।


(Edited by रविकांत पारीक )